पीएम मोदी को पनौती कहने पर फंसे राहुल गांधी, चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

New Delhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री को लेकर विवादित टिप्पणी देकर मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग ने राहुल के विवादित बयानों को लेकर उन्हें नोटिस जारी किया है। राहुल गांधी को इस नोटिस का जवाब देने के लिए 25 नवंबर तक का समय मिला है। राहुल गांधी ने राजस्थान में चुनावी जनसभाओं के दौरान पीएम मोदी पर राहुल ने पनौती शब्द का इस्तेमाल किया था।

भाजपा नेताओं ने ज्ञापन सौंपकर की थी कार्रवाई की मांग

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी नेताओं ने कार्रवाई की मांग की थी। बीजेपी महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल, ओम पाठक सहित पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग को ज्ञापन भी सौंपा था। ज्ञापन में मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के खिलाफ धोखाधड़ी, आधारहीन और अपमानजनक आचरण के लिए उचित कानूनी कार्रवाई करके तत्काल हस्तक्षेप किए जाने की मांग की गई थी। ज्ञापन में कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं के बयान चुनावी माहौल को खराब कर देंगे। इससे सम्मानित व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए अपशब्दों, आपत्तिजनक भाषा का उपयोग और झूठी खबरों को रोकना मुश्किल हो जाएगा।

By Super Admin | November 25, 2023 | 0 Comments

आखिर क्या है चुनावी बॉन्ड, जिस पर 'सुप्रीम' फैसला आया है, आप पर इसका क्या असर होगा ? Explainer

चुनावी बॉन्ड स्कीम ! आप भी सोच रहे होंगे कि अब ये क्या बला है, अरे रुकिये जरा हम आपको सब कुछ बतायेंगे और विस्तार से, लेकिन पहले ये जान लेते हैं कि इन बॉन्ड को लेकर SC ने क्या फैसला सुनाया है. दरअसल लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड्स यानी चुनावी बॉन्ड योजना पर SC ने अवैध करार देते हुए रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है "कि चुनावी बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन है और वोटर्स को पार्टियों की फंडिंग के बारे में जानने का हक है. नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है।" कोर्ट ने माना है कि गुमनाम चुनावी बांड सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है. इस पर CJI ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस बॉन्ड के अलावा भी काले धन को रोकने के दूसरे तरीके हैं. बॉन्ड की गोपनीयता 'जानने के अधिकार' के खिलाफ है। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि बॉन्ड खरीदने वालों की लिस्ट सार्वजनिक की जाए.

आखिर है क्या चुनावी बॉन्ड ?

चुनावी बॉन्ड राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय जरिया है. यह एक वचन पत्र की तरह है जिसे भारत का कोई भी नागरिक या कंपनी SBI की चुनिंदा शाखाओं से खरीद सकता है और अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक दल को गुमनाम तरीके से दान कर सकता है. चुनावी बॉन्ड को ऐसा कोई भी दाता खरीद सकता है, जिसके पास एक ऐसा बैंक खाता है और जिसकी केवाईसी की जानकारियां उपलब्ध हैं. बॉन्ड में भुगतानकर्ता का नाम नहीं होता है. ये बॉन्ड SBI की 29 शाखाओं को जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया था, और ये बॉन्ड 1,000 रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये में से किसी भी मूल्य के चुनावी बॉन्ड खरीदे जा सकते हैं. ये शाखाएं नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, गांधीनगर, चंडीगढ़, पटना, रांची, गुवाहाटी, भोपाल, जयपुर और बेंगलुरु की थीं. चुनावी बॉन्ड्स की अवधि केवल 15 दिनों की होती है, इसमें व्यक्ति, कॉरपोरेट और संस्थाएं बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में देती थीं और राजनीतिक दल इस बॉन्ड को बैंक में भुनाकर रकम हासिल करते थे.

कब और क्यों चुनावी बॉन्ड जारी किया गया?


2017 में केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को फाइनेंस बिल के जरिए संसद में पेश किया. संसद से पास होने के बाद 29 जनवरी 2018 को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. इसके जरिए राजनीतिक दलों को चंदा मिलता है. यह बॉन्ड साल में चार बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में जारी किए जाते थे. इसके लिए ग्राहक बैंक की शाखा में या वेबसाइट से भी ऑनलाइन इसे खरीद सकता था.

चुनावी बॉन्ड योजना पर क्यों छिड़ा विवाद?


बॉन्ड को लेकर कांग्रेस नेता जया ठाकुर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स समेत 4 लोगों ने याचिकाएं दाखिल की. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि चुनावी बॉन्ड के जरिए गुपचुप फंडिंग पारदर्शिता को प्रभावित करती है और यह सूचना के अधिकार का भी उल्लंघन है. उनका कहना था कि इसमें शेल कंपनियों की तरफ से भी दान की अनुमति दे दी गई है. चुनावी बॉन्ड पर सुनवाई पिछले साल 31 अक्टूबर को शुरू हुई थी,. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने की.

By Super Admin | February 15, 2024 | 0 Comments

जम्मू-कश्मीर चुनाव में RLD ने खेला बड़ा दांव, प्रचार के लिए उतार दिए अपने 23 योद्धा, लिस्ट देखें एक क्लिक में...

जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसमें 18 सिंतबर को पहले चरण, 25 सिंतबर को दूसरे चरण और 1 अक्टूबर को तीसरे चरण के चुनाव होंगे। 4 अक्टूबर को रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। शनिवार ( 31 अगस्त) को दिल्ली राष्ट्रीय लोक दल (RLD) की तरफ से जम्मू कश्मीर में चुनाव प्रचारकों की लिस्ट को जारी को जारी कर दिया गया। आपको बता दें, दिल्ली-RLD ने 23 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की हैं। जोकि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक होंगे। जिसमें जयंत चौधरी का नाम भी शामिल है।

RLD ने चुनाव आयोग को भेजे स्टार प्रचारकों के नाम, देखिए लिस्ट

  • 1- जयन्त चौधरी
  • 2- डॉ. यशवीर सिंह, उपाध्यक्ष
  • 3- त्रिलोक त्यागी, महासचिव
  • 4- मुंशी राम, पूर्व सांसद
  • 5- अमीर आलम, पूर्व सांसद
  • 6- डॉ. राज कुमार सांगवान, म.प्र.
  • 7- चंदन चौहान, म.प्र.
  • 8- मलूक नागर, पूर्व सांसद
  • 9- राजपाल बलियान, विधायक
  • 10- अनिल कुमार, विधायक (मंत्री, उ.प्र.)
  • 11- प्रसन्न चौधरी, विधायक
  • 12- अजय कुमार, विधायक
  • 13- गुलाम मोहम्मद, विधायक
  • 14- मदन भैया, विधायक
  • 15- अशरफ अली, विधायक
  • 16- प्रदीप चौधरी (गुड्डू), विधायक
  • 17- योगेश चौधरी, एमएलसी
  • 18- डॉ. सुभाष गर्ग, विधायक
  • 19- खालिद मसूद, अध्यक्ष, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ
  • 20- मनीषा अहलावत, अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ
  • 21- ओम प्रकाश सागर, अध्यक्ष एस/सी, एस/टी सेल
  • 22- प्रबुद्ध कुमार
  • 23- विनय प्रधान

By Super Admin | August 31, 2024 | 0 Comments

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