Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बृहस्पतिवार को सुनपुरा में हो रहे अवैध निर्माण को ढहा कर 20 हजार वर्ग मीटर जमीन को मुक्त करा लिया। जमीन की कीमत करीब 40 करोड़ रुपये है।
अधिसूचित एरिया में विकसित की जा रही थी कॉलोनी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी हिमांशु वर्मा ने बताया कि गांव सुनपुरा प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया में है। कुछ कालोनाइजर गांव के खसरा नंबर 398, 399, 409, 419, 421, 430, 431 व 433 की जमीन पर निर्माण करने के लिए प्लॉटिंग कर रहे थे। इसकी जानकारी मिलने पर प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक राजेश गौतम के नेतृत्व में प्रबंधक एसपी सिंह और रामकुमार और सहायक प्रबंधक राजेश कुमार निम की टीम थाना इकोटेक-3 की पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और अवैध निर्माण को बुलडोजर की मदद से ढहा दिया।
अवैध अतिक्रमण करने वालों को बख्सा नहीं जाएगा
टीम ने करीब 20 हजार वर्ग मीटर जमीन मुक्त करा लिया है। 6 जेसीबी और 4 डंफर का इस्तेमाल कर यह कार्रवाई की गई। इस जमीन की कीमत करीब 40 करोड़ रुपये आंकी गई है। ओएसडी हिमांशु वर्मा ने कहा कि प्राधिकरण की अधिसूचित एरिया में जमीन कब्जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने हर वर्क सर्किल को अपने एरिया में जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए कड़ी नजर रखने और अतिक्रमण की सूचना मिलते ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ननवा का राजपुर में हुए अवैध निर्माण को ढहा कर 43 हजार वर्ग मीटर जमीन को मुक्त करा लिया। जमीन की कीमत करीब 87 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
अवैध रूप से कर रहे थे प्लाटिंग
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी हिमांशु वर्मा ने बताया कि गांव ननवा का राजपुर प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया में है। कुछ कालोनाइजर गांव के खसरा नंबर -37 और 112 की करीब 43670 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध प्लॉटिंग कर लिए थे। अवैध निर्माण हटाने के लिए धारा दस की नोटिस भी जारी कर दी गई थी। अवैध निर्माण न हटाने पर विगत 15 जनवरी को एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर भी दे दी गई है।
43670 वर्ग मीटर जमीन कब्जा मुक्त
बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक नागेंद्र सिंह के नेतृत्व में प्राधिकरण की टीम ने दोपहर 1:00 बजे से कार्रवाई शुरू की। प्राधिकरण की पुलिस की मौजूदगी में तीन डंफर और तीन जेसीबी व अन्य अधिकारियों- कर्मचारियों के सहयोग से अवैध निर्माण को ढहा दिया। टीम ने करीब 43670 वर्ग मीटर जमीन को मुक्त करा लिया है। इस जमीन की कीमत करीब 87 करोड़ रुपये आंकी गई है। ओएसडी हिमांशु वर्मा ने चेतावनी दी है कि प्राधिकरण की अधिसूचित एरिया में जमीन कब्जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होेंने हर वर्क सर्किल को अपने एरिया में जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए कड़ी नजर रखने और अतिक्रमण की सूचना मिलते ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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