Greater Noida: ग्रेटर नोएडा की इंजीनियर सोसाइटी में रहने वाले 15 साल के सिदकदीप का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है। सिदकदीप ने लिविंग मेल टीनएजर में सबसे लंबे बालों का रिकॉर्ड बनाया है । सिकदीप के बालों की लंबाई 4 फीट 9.5 इंच, यानी 146 सेंटीमीटर लंबाई है। सिदकदीप सिंह चहल के नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड 2024 में शामिल किया गया है।
बालों को धोने और सुखाने में लगता है एक घंटा
सिदकदीप ने बताया कि वह सिख धर्म का पालन करते हैं और अपनी धार्मिक मान्यताओं के कारण उन्होंने कभी भी अपने बाल नहीं कटवाए हैं। सप्ताह में दो बार अपने बोल धोते हैं । उनके बाल को धोने में लगभग 20 मिनट का समय लगता है और सूखने में आधा घंटा लगता है. बालों को ब्रश करने में लगभग 15 मिनट का समय लगता है. इसके बाद पगड़ी बांधने में भी काफी समय लग जाता है। उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर बाल धोने से लेकर ब्रश करने तक में उन्हें एक घंटे से अधिक का समय लग जाता है।
परिवार के सहयोग से बना पाया रिकॉर्ड
सिदकदीप सिंह ने बताया कि उनके बालों की देखरेख बालों को धोने सूखने और ब्रश करने में उनकी मां पूरा साथ देती हैं । उन्होंने कहा कि आज अगर उन्हें यह रिकॉर्ड बनाने का मौका मिला है तो यह केवल उसके परिवार की ही देन है, अगर परिवार साथ नहीं देता तो यह उबलब्धि कभी नहीं मिल पाती।
पहले दोस्त चिढ़ाया करते थे
सिदकदीप ने बताया कि पहले उनके दोस्त उनके लंबे बालों के कारण उन्हें चिढ़ाया करते थे. जब मैं अपने बालों को खोलकर सुखाया करता था तो लड़की की तरफ लगने की बात भी बोला करते थे। लेकिन वह सभी लोग मजाक में बोला करते थे। उन्होंने बताया कि अब सभी दोस्तों ने मुझे शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंन कहा कि मैंने सुना था कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम आता है और वह सपना पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि आगे चलकर मैं अपना रिकॉर्ड खुद ही तोडूंगा।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से निर्मित होने वाले वेंडिंग जोन में प्लेटफॉर्मों को आवंटित करने में एससी-एसटी, महिलाओं व दिव्यांगों को आरक्षण मिलेगा। 124 गांवों के भूमिहीन किसानों व मजदूरों को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण ने यह पॉलिसी लागू कर दी है। बता दें कि प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने ओएसडी संतोष कुमार के साथ अर्बन सर्विसेज विभाग की समीक्षा कर प्लेटफॉर्मों को आवंटित करने में एससी-एसटी, महिलाओं व दिव्यांगों को आरक्षण देने के निर्देश दिए थे। इस पर अर्बन सर्विस विभाग ने अमल शुरू कर दिया है।
33 फीसदी मिलेगा आरक्षण
प्राधिकरण के ओएसडी संतोष कुमार ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के परियोजना विभाग की तरफ से सेक्टर अल्फा वन, बीटा वन व टू और सेक्टर-36 में वेंडिंग जोन बनाए गए हैं। भविष्य में कई और वेंडिंग जोन बनाए जाने हैं। प्राधिकरण के अधीन 124 गांवों के भूमिहीन किसानों व मजदूरों की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन वेंडिंग जोन में 33 प्रतिशत का आरक्षण दिए जाने का निर्णय लिया है। इस 33 प्रतिशत में से 50 प्रतिशत प्लेटफॉर्म महिलाओं को, 21 प्रतिशत एससी-एसटी एवं 5 प्रतिशत दिव्यांगों को आवंटित किये जाएंगे।
50 प्रतिशत प्लेटफॉर्म महिलाओं को मिलेगा
ओएसडी संतोष कुमार ने बताया कि 67 प्रतिशत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एरिया में कार्य कर रहे पथ विक्रेताओं को आवंटित किए जाएंगे। इसमें से भी 50 प्रतिशत प्लेटफॉर्म महिलाओं को, 21 प्रतिशत आरक्षित एवं 5 प्रतिशत दिव्यांगों को दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि वेंडिंग जोन में स्थान आवंटित करने के बाद सभी पथ विक्रेताओं को प्रति माह 1 से 5 तारीख तक ऑनलाइन माध्यम से मासिक शुल्क जमा करना होगा। ओएसडी ने बताया कि जिन पथ विक्रेताओं को पूर्व में प्लेटफॉर्म आवंटित कर दिए गए हैं, उन सभी को शीघ्र ही स्थान उपलब्ध कराने की तैयारी है।
अवैध प्रचार-प्रसार सामग्री हटाने के लिए गठित होगी टास्क फोर्स
वहीं, ओएसडी संतोष कुमार ने बताया कि सभी प्रकार के अवैध प्रचार-प्रसार सामग्री हटाने के लिये जल्द ही टास्क फॉर्स का गठन किया जाएगा। पूर्व में जिन संस्थाओं, अस्पतालों व बिल्डरों को अवैध यूनिपोल लगाने पर प्राधिकरण के अर्बन सर्विसेज विभाग की तरफ से नोटिस जारी किये गये हैं, लेकिन उन लोगों ने जमा नहीं कराए हैं. अब प्राधिकरण उनको दोबारा नोटिस जारी करेगा। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से एडवरटाइजिंग की नई पॉलिसी बनायी जा रही है। शहर में 6 स्थानों पर एलईडी के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। कई और जगहों पर एलईडी लगाकर प्रचार-प्रसार करने की योजना है।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने सेक्टरों व प्रमुख मार्गों का जायजा लिया। सड़कों के सेंट्रल वर्ज व ग्रीन बेल्ट का रखरखाव ठीक न मिलने पर नाराजगी जताई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को खामियों को दूर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया। कहा कि इस अवधि में काम न होने पर कार्रवाई की जाएगी।
पार्कों का किया औचक निरीक्षण
बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने सेक्टर ईकोटेक -10, ईकोटेक-6, ओमीक्रोन-1 व 2, 130 मीटर रोड, गामा-1 व 2, डेल्टा -1, 2 व 3, जीटा वन व टू, सूरजपुर कासना रोड, 105 मीटर रोड, अल्फा वन की रोटरी, नॉलेज पार्क वन-1, इकोटेक वन एक्सटेंशन वन के सेंट्रल वर्ज, टेकजोन टू के सामने सेंट्रल वर्ज व रोड साइड ग्रीनरी आदि एरिया में उद्यान कार्यों का औचक निरीक्षण किया।
एक सप्ताह का दिया समय
इस दौरान पार्कों, हरित पट्टिकाओं, सेन्ट्रल वर्ज आदि का रखरखाव संतोषजनक नहीं पाई गई। इन कमियों को एक सप्ताह में दुरुस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही चेतावनी दी गई कि एक सप्ताह में कार्यो में सुधार नहीं हुआ तो भुगतान में कटौती करते हुए ठेकेदार को काली सूची में डाल दिया जाएगा। निरीक्षण के दौरान उप निदेशक उद्यान नथौली सिंह, सहायक निदेशक उद्यान बुद्ध विलास, उद्यान निरीक्षक मुकेश कुमार आदि शामिल रहे।
Greater Noida: केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग लगने से आस-पास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आग की धधक इतनी तेज है कि दूसरी कंपनियों में भी आग फैलने की आशंका है। जिसके चलते आस-पास की कंपनियों को भी खाली करवा लिया गया है। सूरजपुर थाना क्षेत्र के इंडस्ट्रियल एरिया के साइड सी में स्थित कंपनी में आग लगी है।
मौके पर दमकल विभाग की गाड़ियां
आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल की आधा दर्जन से ज्यादा गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं हैं और आग बुझाने के प्रयास जारी हैं। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद है। अभी तक कंपनी में आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया है।
Greater Noida: केमिकल फैक्ट्री में लगी आग पर काबू पा लिया गया है। लगभग दो घंटे बाद दमकल विभाग की 10 गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया। आग सूरजपुर थाना क्षेत्र स्थित साइड सी में रेनेसां एक्सपो इंटरनेशनल कंपनी में लगी थी। कंपनी में आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं थी। लेकिन आग की लपटें इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते आग ने पूरी कंपनी को अपने चपेट में ले लिया था। आलम ये था कि आस-पास की कंपनियों को भी खाली करवा लिया गया।
10 गाड़ियों ने पाया आग पर काबू
सूचना के बाद सूरजपुर थाना पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पहले तीन गाड़ियों को मौके पर बुलाया गया और उनके द्वारा आग पर काबू पाने की कोशिश की गई, लेकिन कंपनी में केमिकल होने के चलते में आग फैलती जा रही थी। आग के विकराल रूप को देखते हुए दमकल की 7 और गाड़ियों को बुलाया गया। जिसके बाद 10 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। करीब दो घंटे से ज्यादा की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
धमाकों से दहला पूरा इलाका
कंपनी में लगी आग ने इतना विकराल रूप ले लिया था, कि आग की लपट दूर से ही देखी जा सकती थी। आस-पास के इलाकों में धुआं चारों तरफ फैल गया था। केमिकल के चलते बार-बार जोरदार धमाका भी हो रहा था। जिसके चलते आस-पास की कंपनियों में काम करने वाले लोग निकलकर बाहर आ गये थे।
लाखों का सामान जलकर राख
कंपनी में आग लगने का कारण अभी तक साफ नहीं हो पाया है। शुरुआती जांच में शार्ट सर्किट को ही आग लगने का कारण माना जा रहा है। आग की चपेट में आने से कंपनी में रखे लाखों का सामान जलकर राख हो गया।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा शहर के ज़्यादातर सेक्टरों में लोगो पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। अधिकतर सोसाइटियों में वाटर सप्लाई पानी की दिक़्क़त होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से लगातार शिकायत कर रहे हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
सेक्टर गामा वन में दो मोटर जली
हरेंद्र भाटी ने प्राधिकरण के सीईओ को पत्र लिखकर वाटर सप्लाई समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। हरेंद्र भाटी ने पत्र में लिखा है कि 'पिछले विगत कई दिन से बीटा वन में पानी की सप्लाई नहीं आ रही है। हमने सेक्टर गामा वन के UGR पर जाकर चेक किया तो पता चला कि वहां पर दो मोटर फुंकी हुई है, केवल एक मोटर चल रही है। लगातार जल विभाग के सीनियर मैनेजर, मैनेजर, सहायक प्रबंधक को भी अवगत कराया जा चुका है लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है।'
ठेकेदार नहीं लगवा रहा नया मोटर
पत्र में आगे लिखा है कि 'सर्वेस बिल्डर्स के ठेकेदार अखिलेश दुबे को यह पता है कि मोटर फुंकी हुई है। इसके बावजूद भी वह मोटर डलवाने में असमर्थ है। सेक्टर वासियों को पानी ना मिलने के कारण काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए ऐसे अधिकारियों ओर ठेकेदारों की खिलाफ कार्रवाई की जाए, जिससे सेक्टर वासियों को इन समस्याओं को झेलना ना पड़े। इसके साथ ही सेक्टर बीटा वन में गंदा और बदबूदार पानी आता है।
Greater Noida: उद्योग केंद्र-2, ईकोटेक थर्ड में छोटी और बड़ी मिलाकर सैकड़ों ईकाइयां संचालित हैं। यहां से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को करोड़ों का राजस्व मिलता है। लेकिन आलम ये है कि यहां फैक्ट्रियां के आस-पास बुरा हाल है। कहीं झाड़ियां, तो कहीं नाले, यहां तक कि सड़कों के चारों तरफ गंदे नाले के पानी बह रहे हैं। अगर आप बारिश में इस इलाके में आने को सोच रहे हैं तो आपको सड़कों पर तालाब बना मिलेगा। नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन (NEA) की तरफ से यहां की परेशानियों को लेकर सोमवार को मीटिंग बुलाई गई। एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मुकेश कक्कर की तरफ से सदस्यों की मीटिंग बुलाई गई। जिसमें प्राधिकरण की तरफ से वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम सिंह और वरिष्ठ प्रबंधक प्रोजेक्ट मनोज कुमार शामिल हुए। इस दौरान एसोसिएशन के सदस्यों ने मौके पर जाकर अधिकारियों को यहां के हाल से अवगत करवाया।
सड़कों का खस्ता हाल
ईटोकेक थर्ड में सड़कों का बुरा हाल है। ज्यादातर सड़कें टूटी हुई हैं। जहां से ट्रक और उद्मियों के वाहन गुजरते हैं। इसके अलावा सड़क के चारों तरफ झाड़ियां उग आईं हैं। जहां जंगली जानवरों का खतरा भी बना रहता है। बारिश में अगर आप ग्रेटर नोएडा के उद्योग केंद्र दो के ईकोटेक थर्ड में आने की सोच रहे हैं तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। क्योंकि बारिश के मौसम में सड़कें तालाब में तब्दील हो जाती हैं।
झाड़ियों में तब्दील हुए पार्क
कहने को तो ईकोटेक थर्ड में पार्क भी बनाए गये हैं। लेकिन इन पार्कों में बड़ी-बड़ी झाड़ियां हैं। जहां पर आसमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। साथ ही यहां पर साफ-सफाई के नाम पर भी कोटापूर्ति ही होती है। सड़कों और पार्कों का रख-रखाव किसके भरोसे है, इसका जवाबदेह भी कोई नहीं है।
दिखाने को बनाया गया पानी की टंकी
एनईए के सदस्यों का आरोप है कि ईकोटेक थर्ड में पानी का बिल तो बराबर आता है। लेकिन पानी की सप्लाई कहीं भी नहीं है। आलम ये है कि पानी की टंकी भी खाली ही रहती है। जब अधिकारियों के साथ पानी की टंकी को लेकर वहां कार्यकर्त कर्मचारी से पूछा गया कि टंकी में पानी कबसे नहीं भरा गया, तो उसने बताया कि दो महीने से मोटर खराब है। इसके अलावा जहां पर पानी की टंकी है, वहां देसी शराब के ठेके का खोका भी देखने को मिला। इसे देख वहां पहुंचे अधिकारियों के साथ एनईए के सदस्य भी हैरान हो गये। पूछने पर कहीं से कोई भी जवाब इस खोके के बारे में नहीं मिला।
अतिक्रमण से लोग परेशान
ईकोटेक थर्ड में छोटी और बड़ी दोनों तरह की ईकाइयां हैं। जिनके माल की सप्लाई ट्रकों से की जाती है। लेकिन इन ट्रकों को सड़कों पर ही पार्क किया जाता है। जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है। एनईए के मेंबर ने बताया कि सड़कों पर ट्रकों के पार्क करने के मामले को लेकर कई बार झड़पें भी हो चकी हैं। इसके अलावा यहां एक और समस्या है, कहीं पर भी झुग्गियों में दुकानें खोल दी गईं हैं। इसके चलते सुरक्षा के साथ जाम की स्थिति बनी रहती है। इस मीटिंग में एनईए के तरफ से सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मुकेश कक्कर, अरविंद शर्मा, सुभाष, अजय कुमार, असीम खान, सुभाष चौहान, प्रवीण जैन, यशपाल जैन, सुरेश जैन और एसपी शर्मा आदि मौजूद रहे।
Greater Noida: सफाई कर्मचारी पिछले 21 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। मंगलवार को सफाई कर्मचारियों ने सेक्टर-गामा वन, जगत फॉर्म पैदल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया। सफाई कर्मियों के हड़ताल से ग्रेटर नोएडा में कूड़े और गंदगी का अंबार लगा हुआ है। हालात ये है कि शहर में चारों तरफ कूड़े का ढेर लगा हुआ है। कर्मचारियों का कहना है कि लगातार धरना प्रदर्शन के बाद भी उनकी कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
जहां देखो वहीं गंदगी
ग्रेटर नोएडा में आए दिन सफाई कर्मी अपनी मांगों को लेकर यहां-वहां सरकार दफ्तरों में अपनी आवाज उठाने पहुंच जाते हैं। कभी कलेक्ट्रेट तो कभी प्राधिकरण दफ्तर के बाहर, लेकिन आलम ये है कि शहर में गदंगी फैल रही है, ये अधिकारियों को नहीं दिख रहा है। सेक्टर गामा टू और जगत फॉर्म में सफाई कर्मचारियों ने पैदल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से शहर और ग्रामीण इलाके में गंदगी फैल रही है। जिससे तरह-तरह की बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ गई है।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के दो युवा पहलवानों ने जिले का नाम रोशन किया है। मेरठ में हुई बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में ग्रेटर नोएडा के दो युवाओं ने गोल्ड मेडल जीता है।
वाशु भाटी को मिला 2 गोल्ड मेडल
मेरठ के सीसीएस यूनिवर्सिटी के पास बुद्धा गार्डन में आयोजित मिस्टर यूपी बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप 2023 का आयोजन किया गया था। जिसमें 60 - 65 किलो भार वर्ग में वाशु भाटी उर्फ पम्मी भाटी 2 गोल्ड मेडल अपने नाम किए। वहीं, 80 से 85 किलो भार वर्ग में रोहित भाटी को भी गोल्ड मेडल मिला है।
वाशु भाटी उर्फ पम्मी भाटी ने अपर फिटनेस में भी गोल्ड जीता है।बता दें कि डाबरा के रहने वाले वाशु भाटी 3 और डाढ़ा गांव के रोहित भाटी 5 साल से बॉडी बिल्डिंग की तैयारी कर रहे है। दोनों की जीत से गांव और परिवार में खुशी का माहौल है।
Greater Noida: प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने सोमवार को ऑपरेशन 'कायाकल्प' के तहत ग्रेटर नोएडा के स्कूलों की समीक्षा की। सीईओ ने परियोजना विभाग को कड़े निर्देश दिए कि कोई भी स्कूल बिना बाउंड्री के न रहें। उन्होंने प्राधिकरण, शिक्षा विभाग और सीएसआर की मदद से सभी स्कूलों को चमकाने के निर्देश दिए।
CEO की अधिकारियों के साथ बैठक
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने एसीईओ मेधा रूपम और एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग की मौजूदगी में समीक्षा बैठक की। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार और परियोजना विभाग की टीम भी मौजूद रही। इस दौरान ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में स्थित स्कूलों की समीक्षा की गई। इन स्कूलों में होने वाले कार्यों के हिसाब से 19 पैरामीटर तय किए गए हैं। जिनमें शुद्ध पेयजल, शौचालय, शौचालयों में जलापूर्ति, शौचालयों में टाइल्स लगाना, दिव्यांग सुलभ शौचालय, मल्टी हैंडवाश यूनिट, कक्ष के फर्श पर टाइल्स लगाना, श्यामपट्ट, रसोईघर, रंगाई-पुताई, दिव्यांगों के लिए सुलभ रैंप, कक्षा में विद्युतीकरण, फर्नीचर, गेट, चारदीवारी आदि शामिल हैं।
CEO ने दिए ये निर्देश
सीईओ ने परियोजना विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने वर्क सर्किल में स्थित प्रत्येक स्कूलों का सर्वें करें। किस स्कूल में क्या काम कराया जाना है, इसकी लिस्ट बनाने के निर्देश दिये गये। एस्टीमेट तैयार कर टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर ही जल्द काम पूरा करने के भी निर्देश दिये। सीईओ ने इन कार्यों के लिए सीएसआर से सहयोग लेने के निर्देश दिए। बता दें, कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रयास से बिरौंडा और खैरपुर गुर्जर के सरकारी स्कूलों को सीएसआर फंड से कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इसी तरह फेडरल बैंक के सीएसआर फंड से नवादा, ऐमनाबाद और गढ़ी समस्तीपुर के स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस शुरू की गई हैं। समीक्षा बैठक में सीईओ ने कहा कि गांवों में प्राथमिक स्कूलों का कायाकल्प करना पहली प्राथमिकता है। इसलिए सभी वर्क सर्किल अपने एरिया के स्कूलों को ठीक से सर्वे कर लें और तय पैरामीटर के हिसाब से जल्द काम शुरू करा दें। इस काम में लापरवाही नहीं बरतने के भी निर्देश दिये गये।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022