गाजियाबाद पुलिस की तरफ से चोरी की गाड़ियों पर नकेल कसने के लिए एक नई पहल की गई है। जहां पुलिस ने चोरी के वाहनों की रोकथाम के लिए पर्चे बांटे और तमाम मोटर मैकेनिक और कार वर्कशॉप पर जाकर आरसी देखकर ही वाहन रजिस्टर करने की बात कही।
वाहन चोरों के खिलाफ गाजियाबाद पुलिस की नई पहल
गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस थाना क्रॉसिंग की तरफ से वाहन चोरी की घटनाओं पर रोकथाम के लिए नई पहल की गई है। जहां पुलिसकर्मी मोटर मैकेनिक और कार वर्कशॉप पर जाकर परचे चश्पा कर रहे हैं। दरअसल, थाना क्षेत्र में लगातार वाहन चोरी की घटनाएं बढ़ रही थी। जिसको लेकर लगातार पुलिसिंग भी की जा रही थी, लेकिन वाहन चोर पुलिस की हत्थे नहीं चढ़ पा रहे थे, क्योंकि वायरलेस पर सूचना मिलते ही पुलिस वाहन को पार्किंग में और मैकेनिक के पास खड़ी करके फरार हो जाते थे और बाद में आकर गाड़ी वहां से ले लिया करते थे।
पुलिस ने वर्कशॉप पर जाकर बांटे पर्चे
अब इस जानकारी से सबक लेते हुए पुलिस ने नई तरकीब निकाली है। जिसको लेकर क्रॉसिंग पुलिस मिस्त्री और वर्कशॉप मालिक को पर्ची बांट रही है, जिसमें उनसे किसी भी वहां की सर्विस या फिर अपने यहां खड़े करने से पहले एलआरसी या फिर कोई भी परिचय पत्र जमा करने के लिए कह रही है ऐसे में पुलिस की स्पेल से कहीं ना कहीं वाहन चोरी की घटनाओं में कमी लाई जा सकेगी।
पुलिस की मुहीम पर क्या बोले लोग?
ऑटो मोबाइल का काम करने वाले संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने बताया कि आरसी लेने के बाद गाड़ी रजिस्ट्री करें। उन्होंने कहा कि वैसे तो हम कागज देखकर काम करते हैं, लेकिन पुलिस को अंदेशा है कि चोरी की गाड़ी आ सकती है। इसलिए ध्यान रखेंगे कि गाड़ी आने पर आरसी की फोटो खीचकर कागज के पीछे लगा लेंगे।
गाजियाबाद पुलिस को गुरुवार को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। पुलिस ने ‘चादर गैंग’ के दो लोगों को गिरफ्तार किया है और साथ ही करीब 46 लाख की लग्जरी घड़िया भी बरामद की हैं। पुलिस ने पूछताछ में चोरी के तरीके का भी खुलासा किया है, जो किसी के भी होश उड़ा देगा।
करोड़ो की लग्जरी घड़ियों की करते थे चोरी
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया कि इंदिरापुरम स्थित साईं क्रिएशन नाम के घड़ी के शोरूम से 11 अगस्त की रात को 'चादर गैंग' ने ब्रांडेड घड़ियों की चोरी की थी। इस गैंग ने शोरूम के शटर को तोड़कर करीब तीन करोड़ की महंगी घड़ियां चोरी कर ली थीं। इस मामले की रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस ने टीमें बनाकर इस गैंग का पर्दाफाश करने की ठान ली थी। जिसपर अब पुलिस को 29 अगस्त ( गुरुवार) को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले वाले इस शातिर गैंग के दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान संतोष कुमार जायसवाल और गोविंद कुमार पासवान के तौर पर हुई है।
46 लाख की घड़िया हुईं बरामद
चादर गैंग ने साईं क्रिएशन शोरुम से 3 करोड़ की घड़िया चुराई थीं। लेकिन पुलिस को दोनों शातिरों के पास से कुल 125 घड़ियां मिली हैं, जिसकी कीमत 46 लाख बताई जा रही है। पुलिस ने बताया कि ये गैंग इससे पहले महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में चोरी को अंजाम दे चुका है।
चोरी का तरीका जानकर उड़ जाएंगे होश!
इस गैंग का नाम चादर गैंग इसलिए है, क्योंकि ये शटर तोड़ते समय उस पर चादर डाल देते हैं। ये बेहद शातिर गैंग हैं। इसके सदस्य सबसे पहले अपना टारगेट फिक्स करते हैं, इसके बाद टारगेट किए शोरुम के आस-पास रुम किराए पर लेकर करीब एक महीना रहते हैं। लगातार रेकी करके सारी पड़ताल करते हैं। जिसके बाद प्लान बनाकर चोरी को अंजाम देते हैं। ये लोग चोरी के एक दिन पहले मोबाइल फोन को स्विच ऑफ कर देते थे। चोरी की घटना को अंजाम देते ही ये लोग पब्लिक ट्रॉसपोर्ट से नेपाल की तरफ निकल जाते थे। नेपाल जाकर ये चोरी के माल को बेच देते थे। पुलिस इस मामले और और छानबीन कर रही है।
ट्रेन में यात्रियों के फोन चोरी के बढ़ते मामलों में गाजियाबाद पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। गाजियाबाद के थाना जीआरपी पुलिस ने ट्रेनों में मोबाइल चोरी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए गैंग के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास 7 आईफोन समेत कुल 128 फोन बरामद हुए हैं। जिनकी कीमत 33 लाख के ऊपर बताई जा रही है। साथ ही पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं।
15 दिन में चुराए 33 लाख के फोन
सीओ जीआरपी सुदेश कुमार गुप्ता ने बताया कि गिरफ्तार किए गए तीनों चोरों ने मिलकर बीते 15 दिनों में ट्रेनों में यात्रियों को चिन्हित कर 128 मोबाइल फोन चोरी किए है। जिनकी अनुमानित कीमत 35 लाख 20 हजार रुपए है। तीनों चोरों की पहचान रविंद्र, दीपक और गौतम के तौर पर हुई है। इनके पास से 6 हजार नकद भी बरामद हुआ है।
ठेकेदार की खोज जारी
पुलिस ने बताया कि ट्रेन में जो मुसाफिर अपने मोबाइल को चर्जिंग पर लगाते थे। ये चोर घात लगाकर उनपर नजर रखते और सही समय मिलते ही फोन गायब कर देते थे। इसी के साथ ही जो यात्री ट्रेन में सो जाते थे, ये उन्हें भी अपना निशाना बनाते थे। गिरफ्तार किए गए तीनों चोर एक ठेकेदार को ये मोबाइल फोन देते थे, जो आगे चोरी के फोन को बेचता था। तीनों चोर निजी जरुरतों के लिए चोरी करते थे।
बांग्लादेश तक बना रखी थी पहुंच
पुलिस ने बताया कि ठेकेदार की बांग्लादेश तक सेटिंग थी, वो चोरी के फोन बांग्लादेश में बेचता था, जिससे पुलिस ईएमआई नंबर ट्रेस नहीं कर पाती थी। पकड़े गए अभियुक्तों के नाम पर पहले भी केस दर्ज हैं। अब पुलिस ठेकेदार की तलाश कर रही है। साथ ही बरामद हुए मोबाइल के मालिकों की खोज भी कर रही है।
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