Noida: किसान अपनी मांगों को लेकर गौतमबुद्ध नगर में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। नोएडा प्राधिकरण के बाहर किसान पिछले 14 दिनों से धरना दे रहे हैं। एक बार फिर नोएडा के 105 गांव के किसान प्राधिकरण की घेराबंदी करने जा रहे हैं। मंगलवार को 105 गांव के करीब 8 से 10 हजार किसान महापंचायत में हिस्सा लेने जा रहे हैं। इस महापंचायत में एनटीपीसी से प्रभावित किसान भी हिस्सा लेने जा रहे हैं।
प्राधिकरण कार्यालय पर करेंगे तालाबंदी
किसान नेता सुखबीर खलीफा ने महापंचायत का ऐलान किया है। जिसमें 8 से 10 हजार किसानों के पहुंचने की उम्मीद है। प्राधिकरण दफ्तर पर किसानों के इतनी बड़ी संख्या में पहुंचने से पहले कार्यालय के बाहर बेरीकेडिंग कर दी गई है। किसानों ने मांग नहीं मानने पर प्राधिकरण कार्यालय पर तालाबंदी की भी चेतावनी दी है।
इन मांगों को लेकर किसान कर रहे प्रदर्शन
महापंचायत में किसान अपने पशुओं को लेकर भी पहुंचने वाले हैं। जिसके लिए किसान रणनीति बना रहे हैं। आपको बता दें किसान बढ़ा हुआ मुआवजा, 10 फीसदी प्लाट की मांग, आबादी के पूर्ण निस्तारण की मांग को लेकर सेक्टर-6 प्राधिकरण दफ्तर के बाहर महापंचायत करेंगे।
Noida: विभिन्न मांगों को लेकर 81 गावों के किसानों का धरना नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर पर कई दिनों से चल रहा है। भारतीय किसान परिषद के तत्वावधान में धरना प्रदर्शन के 16वें दिन नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के बाहर महापंचायत हुई थी। जिसमें दो जनवरी को नोएडा प्राधिकरण और पांच जनवरी को एनटीपीसी की तालाबंदी करने का फैसला लिया गया था। इस प्रदर्शन में शामिल होेने के लिए किसान नेता सुखबीर खलीफा के आव्हान पर 81 गांव में किसानों ने कैंडल मार्च निकाला और लोगों से समर्थन मांगा। कैंडल मार्च में बच्चे, बुजुर्ग महिलाएं भी काफी संख्या में मौजूद रही।
किसानों की ये है मुख्य मांगें
बता दें कि किसान 10 प्रतिशत अतिरिक्त भूखंड, आबादी की सीमा 450 मीटर से बढ़ाकर एक हजार मीटर करने, अतिक्रमण के नाम पर किसानों के भूखंड को प्राधिकरण में न रोकने और पांच प्रतिशत के विकसित भूखंड पर वाणिज्यिक गतिविधि अनिवार्य करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
Noida: किसान सभा 30 जनवरी से दूसरे चरण का आंदोलन शुरू कर रही है। 10% आबादी प्लाट नए कानून को लागू करने और आबादियों के निस्तारण सहित अन्य मुद्दों को लेकर आंदोलन का पहले से ऐलान किया है। आंदोलन को सफल बनाने और तैयारी के सिलसिले में किसान सभा गांव में नुक्कड़ सभाएं पंचायतें जनसभाएं प्रचार अभियान चला रही है। किसानों का कहना प्राधिकरण ने 10% आबादी प्लाट के मुद्दे को सालों लंबित रखा है। जिस किसानों में भारी आक्रोश है। हजारों की संख्या में किसान आंदोलन में हिस्सा लेंगे।
सादोपुर में हुई किसानों की पंचायत
इसी कड़ी में शनिवार को सादोपुर के बाबा समाज खेल मंदिर पर बड़ी पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ो महिला पुरुषों नौजवानों ने हिस्सा लिया। पंचायत को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि 10% प्लाट की लड़ाई अपने अंतिम दौर में है। प्रस्ताव बोर्ड बैठक से पास होकर शासन के अनुमोदन के लिए चला गया है, जिसे मंजूर करा कर ही किसान सभा दम लेगी। किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि नये अधिग्रहण कानून के संबंध में प्रस्ताव पास हो चुका है। उसका भी शासन से अनुमोदित होना शेष है। अनुमोदन करा कर ही आंदोलन खत्म होगा।
किसान नेता ने सरकार को दी चेतावनी
किसान सभा के महासचिव जगबीर नंबरदार ने ऐलान किया कि रोजगार और भूमिहीनों के मुद्दों पर किसान सभा गंभीर है। वेंडिंग जोन के आरक्षण को लागू करवाना, आवंटित करवाना इस आंदोलन का मकसद है। सुरेंद्र यादव ने हुए कहा कि किसान सभा 30 जनवरी से पक्का मोर्चा लगाकर आंदोलन करेगी। जिस तरह पहले चरण में 124 दिन तक लगातार आंदोलन चला। इसी तरह अबकी बार भी लगातार आंदोलन चलाया जाएगा। सरकार को चेताते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं को हल करें। प्राधिकरण द्वारा भेजे दोनों प्रस्तावों को मंजूर करें, अन्यथा सरकार को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
Greater Noida: आज किसान अपनी मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सामने महापंचायत कर रहे हैं। पिछले 124 दिन के धरने के बाद क्षेत्र के प्रभावित 55 गांवों के किसान भी इस महापंचायत में शामिल हुए हैं। किसान नेता का कहना है कि जो भी हमारी मांग है उसके प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। लेकिन सरकार ने अभी तक किसानों की मांग पर फाइनल निर्णय नहीं लिया है। अब अपनी मांग नहीं पूरी होते देख नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं।
मांगों को क्यों नहीं मान रही सरकार: किसान नेता जगवीर
किसान नेता जगवीर ने बताया कि उनकी दो मांगों को प्राधिकरण की तरफ से मान कर इसकी संस्तुति के लिए प्रदेश सरकार को भेजा है। लेकिन अभी तक उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसानों में नाराजगी है। किसानों की पहली मांग है कि सभी प्रभावित किसानों को 10 फीसदी विकसित भूखंड दिया जाए और दूसरी मांग नए भूमि अधिग्रहण का लाभ सभी किसानों को देने की है। इसमें वो भी किसान हैं जिन्होंने अपनी जमीन सीधे रजिस्ट्री के माध्यम दी है। किसान नेताओं की मांग है कि उन्हें भी परियोजना प्रभावित किसान माना जाए। इसी मांगों को जल्द से जल्द मनवाने के लिए किसान लगातार धरनारत हैं।
कल करेंगे दिल्ली कूचः रूपेश वर्मा
किसान नेता रूपेश वर्मा ने बताया कि 8 फरवरी को गौतमबुद्ध नगर के किसान संसद भवन का घेराव करने के लिए जाएंगे। किसानों की मांग है कि पिछले तीस साल से उनके प्लाट नहीं दिये गये हैं। किसानों की जमीन का 10 फीसदी हिस्सा प्राधिकरण को विकसित करके देना है। रूपेश वर्मा ने कहा कि किसान प्लाट को विकसित करने के लिए विकास शुल्क भी दे रहे हैं तो उनकी जमीन को विकसित करके क्यों नहीं दिया जा रहा है। रूपेश वर्मा ने सीधे-सीधे प्राधिकरण पर बेइमानी करने का आरोप लगाया है।
कल किसान करेंगे ट्रैक्टर रैली
किसान नेता रूपेश वर्मा ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर के किसानों के साथ लगातार बेइमानी की जा रही है। जो दो प्रस्ताव सरकार के पास भेजे गये हैं। उन पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब किसान नेताओं का कहना है कि लखनऊ तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए किसान दिल्ली भी जाने को तैयार हैं।
शहरीकरण के लिए दी जाती है 20 फीसदी जमीन- किसान नेता
किसान नेता रूपेश वर्मा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि लगातार किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। नया कानून एक जनवरी साल 2024 से लागू है। जबकि शहरीकरण के लिए जहां भी जमीन ली जाती है, वहां 20 फीसदी जमीन किसान को विकसित करके वापस की जाती है और दूसरी सबसे बड़ी मांग है रोजगार। उन्होंने कहा कि हर बालिग सदस्य को रोजगार देना होता है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में चार गुना रोजगार देना पड़ता है। इन सभी लाभों से गौतमबुद्ध नगर के किसानों को वंचित रखा गया है।
भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सामने बड़ी संख्या में महिला और पुरूष किसान धरने के लिए पहुंचे हैं। किसान आज अपनी मांगों को लेकर महापंचायत कर रहे हैं। इस महापंचायत में आगे की रणनीति पर फैसला लेंगे। जिसमें दिल्ली में संसद भवन घेरने की तैयारी भी शामिल है। किसानों की संख्या को देखते हुए प्राधिकरण के सामने बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
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