ग्रेटर नोएडा: प्राधिकरण के बाहर धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने हटा दिया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच नोंकझोक भी देखने को मिली। किसानों पर काबू पाने के लिए पुलिस को हल्के बल का भी इस्तेमाल करना पड़ा। पुलिस ने मौके से 33 किसानों को हिरासत में भी लिया। जिन्हें पुलिस लाइन में लाया गया।
धरने को जबरन करवाया ख़त्म
किसान पिछले 43 दिन से अपनी कई मांगों को लेकर प्राधिकरण दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे थे। मंगलवार को किसानों ने प्राधिकरण के दूसरे गेट को भी बंद कर दिया था। किसानों ने प्राधिकरण पर डेरा डालो, घेरा डालो का आह्वन किया था। जिसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में महिला और पुरुष किसान शामिल हुए थे।
ग्रेटर नोएडा: पिछले 52 दिन से किसान प्राधिकरण के बाहर धरना दे रहे हैं। गुरुवार रात 8 बजे ग्रेटर नोएडा सीईओ रितु माहेश्वरी और किसानों की बीच बातचीत विफल हो गई। इस दौरान मौजूद रहे विधायक तेजपाल नागर भी किसानों को समझाने में नाकाम रहे। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों ने उनके जेल में बंद उनके साथी किसानों को छोड़ने की मांग की। हालांकि विधायक ने किसानों को लाख समझाने का प्रयास किया कि वो अभी रात में धरना खत्म कर दें, सुबह उनके साथियों को छोड़ दिया जाएगा। इसके बावजूद किसानों ने विधायक की भी बात नहीं सुनी।
विधायक से नाराज़ दिखे किसान
किसानों ने कहा कि विधायक जनप्रतिनिधि हैं, इसके वाबजूद वो किसानों की तरफ़ से कम, अथॉरिटी अफसरों की तरफ से बोलते दिखे। किसानों का आरोप था कि विधायक की रूचि केवल धरना ख़त्म करवाने में थी, ना कि किसानों की समस्या सुलझाने में।
अथॉरिटी से बातचीत बेनतीजा
अथॉरिटी की तरफ़ से किसानों के प्रतिनिधियों को अंदर बातचीत के लिये बुलाया गया था। किसानों की बातचीत रितु माहेश्वरी की मौजूदगी में उनके कार्यालय में शुरू हुई। इससे पहले विधायक मास्टर तेजपाल सिंह भी किसानों और अधिकारियों के बीच मसले को सुलझाने पहुंचे। विधायक ने किसानों के सामने धरना ख़त्म करने का प्रस्ताव रखा। इस दौरान करीब आधे घंटे विधायक और रितु माहेश्वरी की भी बातचीत हुई। इसके बाद तय हुआ कि किसानों के एक प्रतिनिधि दल को अंदर बुलाया जाए।
ग्रेटर नोएडा: गिरफ्तार 33 किसानों की रिहाई की मांग को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर से गिरफ्तार किसानों को छोड़ने की मांग की। साथ ही उन पर दर्ज फ़र्जी मुकदमें को हटाने की भी मांग की। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव सुखवीर गठिना, विधायक राजपाल बालियान, छपरौली विधायक अजय कुमार, खतौली विधायक मदन भैया मौजदूर रहे।
ग्रेटर नोएडा: किसान सभा की घंगोला और मायेचा कमेटी ने अपने-अपने गांव से जेल गए साथियों का सम्मान किया। साथ ही आंदोलन की आगे की रणनीति के बारे में चर्चा की गई। किसानों के बैठक में 10% आबादी प्लाट, रोजगार, भूमिहीन किसानों के लिए 10 वर्ग मीटर के प्लाट, 120 मीटर न्यूनतम प्लाट और साढ़े 17% आवासीय स्कीम में कोटा की नीति को बहाल करने के मुद्दे पर बात हुई।
इन मांगों पर भी किसान बैठक में चर्चा
इसके अलावा नई खरीदों में सर्कल रेट का 4 गुना मुआवजा देने और नई खरीद से प्रभावित किसानों को नए कानून के पुनर्वास और पुनर्स्थापन के लाभ देने पर भी बात हुई। आपको बता दें किसानों के प्लाटों पर पेनल्टी खत्म करने, आबादियों की लीज बैक तुरंत तेज गति से शुरू करने, आबादी के शेष प्रकरणों का निस्तारण करने सहित अन्य मांगों को लेकर 7 फरवरी से किसान सभा ने आंदोलन शुरू किया था।
क्या है पूरा घटनाक्रम
दरअसल, किसान सभा ने 7 मार्च, 14 मार्च और 23 मार्च को हजारों की संख्या में एक-एक दिन का धरना प्रदर्शन किया था। 25 अप्रैल से किसान सभा ने प्राधिकरण पर रात दिन का महापड़ाव डाल दिया था। जिसमें लगातार आंदोलन करते हुए 6 जून को किसानों ने प्राधिकरण के दोनों गेटों को बंद कर दिया। इस दौरान चले आंदोलन में अभूतपूर्व रूप से किसानों ने हजारों की संख्या में हिस्सा लिया। संख्या के लिहाज से आंदोलन ऐतिहासिक रहा, आंदोलन में महिलाओं युवाओं और भूमिहीन किसानो की हजारों की संख्या ऐतिहासिक तौर पर बेमिसाल रही।
GREATER NOIDA: प्राधिकरण GREATER NOIDA DEVELOPMENT AUTHORITY के सामने धरना खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले कई दिनों तक किसानों के धरने के बाद अब एक बार फिर सफाई कर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन पर बैठे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के गेट नंबर-1 पर सफाईकर्मी तो गेट नंबर-2 पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
'नहीं मिल रही कोई सुविधा'
सफाईकर्मियों का आरोप है कि ठेकेदारों ने उनकी भर्ती के नाम पर 50 हजार से एक लाख रुपये तक रिश्वत के नाम पर लिए हैं। इसके बावजूद उनको किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। जो प्राधिकरण के अंदर सफाई करने वाले लोगों को दी जा रही है।
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— Now Noida (@NowNoida) July 25, 2023
अब तक नहीं मिली बढ़ी हुई सैलरी
सफाई कर्मियों का आरोप है कि जनवरी 2023 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंदर काम करने वाले सफाई कर्मियों की सैलरी बढ़ा दी गई है। लेकिन बाहर सैलरी नहीं बढ़ाई गई। जबकि शहर को चमकाने का काम बाहर के सफाईकर्मियों का है। अगर एक दिन भी सफाईकर्मी ड्यूटी पर नहीं आएंगे तो शहर की हालत खराब हो जाएगी।
GREATER NOIDA प्राधिकरण के सामने इन मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन @GreaterNoidaAuthority pic.twitter.com/5yGFFPG29d
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Greater Noida: किसान सभा के नेतृत्व में दिन-रात के धरने का लगातार जारी है। कड़ाके ठंड के बाद भी किसान धरना स्थल पर भारी संख्या में जमे हुए हैं। धरने की अध्यक्षता पप्पू ठेकेदार ने की व संचालन संदीप भाटी ने किया। धरने को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि जिले में जनप्रतिनिधियों को यह गुमान हो गया है कि उन्हें गांव के लोगों की वोट की आवश्यकता नहीं है। इसीलिए वे किसानों की समस्याओं को हल करने के प्रति जरा भी गंभीर नहीं है। किसान सभा आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वोट मांगने आ रहे सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों का घेराव करेगी और उनसे पूछेगी कि 10 सालों बाद भी किसानों की 10 प्रतिशत प्लाट की समस्या हल नहीं हुई है। आपने इस दौरान क्या किया।
प्रस्ताव मंजूर होने तक चलेगा आंदोलन
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि 2 फरवरी को नोएडा में होने वाली महापंचायत में ग्रेटर नोएडा के किसान बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे। किसान सभा के महासचिव जगबीर नंबरदार ने धरने को संबोधित करते हुए कहा 10% आबादी प्लाट, नए कानून को लागू करने के प्रस्ताव जब तक शासन से मंजूर होकर नहीं आते, तब तक आंदोलन चलता रहेगा।
जनप्रतिनिधियों में इच्छा शक्ति की कमी
किसान सभा के जिला सचिव सुरेंद्र भाटी ने धरनारत किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि 7 फरवरी के आंदोलन की हमें तैयारी करनी है। कमेटियों और संगठन को मजबूत करना है। संगठन के कारण ही अभी तक किसानों के मुद्दे काफी हद तक हल हुए हैं। जनप्रतिनिधियों में न केवल इच्छा शक्ति की कमी है बल्कि उनमें आत्मविश्वास की भी कमी है। 10% आबादी प्लाट के मुद्दे पर सांसद और विधायक हमेशा जनता के बीच में सरकार का ही पक्ष रखते रहे हैं और कहते रहे हैं कि यह मुद्दा हल नहीं हो सकता। जबकि किसान सभा ने मुद्दे पर आंदोलन कर प्राधिकरण बोर्ड से प्रस्ताव पास कराया है।
प्राधिकरण बंद करने की चेतावनी
जिला उपाध्यक्ष गबरी मुखिया ने प्राधिकरण की ईंट से ईंट बजाने का आह्वान किया और ऐलान किया यदि किसानों की समस्याएं हल नहीं हुई तो प्राधिकरण बंद कर दिया जाएगा। अजब सिंह नेताजी ने ऐलान किया कि गांव में प्रचार अभियान चलाकर 7 तारीख के आंदोलन की जबरदस्त तैयारी की जाएगी। सुरेंद्र यादव ने धरने को संबोधित करते हुए कहा, नोएडा ग्रेट नोएडा, यमुना के सभी किसानों की महापंचायत 2 फरवरी को नोएडा प्राधिकरण पर हो रही है। जिसमें संयुक्त रणनीति बनाकर ऐतिहासिक घोषणा की जाएगी।
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October 05, 2024