Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से निर्मित होने वाले वेंडिंग जोन में प्लेटफॉर्मों को आवंटित करने में एससी-एसटी, महिलाओं व दिव्यांगों को आरक्षण मिलेगा। 124 गांवों के भूमिहीन किसानों व मजदूरों को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण ने यह पॉलिसी लागू कर दी है। बता दें कि प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने ओएसडी संतोष कुमार के साथ अर्बन सर्विसेज विभाग की समीक्षा कर प्लेटफॉर्मों को आवंटित करने में एससी-एसटी, महिलाओं व दिव्यांगों को आरक्षण देने के निर्देश दिए थे। इस पर अर्बन सर्विस विभाग ने अमल शुरू कर दिया है।
33 फीसदी मिलेगा आरक्षण
प्राधिकरण के ओएसडी संतोष कुमार ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के परियोजना विभाग की तरफ से सेक्टर अल्फा वन, बीटा वन व टू और सेक्टर-36 में वेंडिंग जोन बनाए गए हैं। भविष्य में कई और वेंडिंग जोन बनाए जाने हैं। प्राधिकरण के अधीन 124 गांवों के भूमिहीन किसानों व मजदूरों की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन वेंडिंग जोन में 33 प्रतिशत का आरक्षण दिए जाने का निर्णय लिया है। इस 33 प्रतिशत में से 50 प्रतिशत प्लेटफॉर्म महिलाओं को, 21 प्रतिशत एससी-एसटी एवं 5 प्रतिशत दिव्यांगों को आवंटित किये जाएंगे।
50 प्रतिशत प्लेटफॉर्म महिलाओं को मिलेगा
ओएसडी संतोष कुमार ने बताया कि 67 प्रतिशत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एरिया में कार्य कर रहे पथ विक्रेताओं को आवंटित किए जाएंगे। इसमें से भी 50 प्रतिशत प्लेटफॉर्म महिलाओं को, 21 प्रतिशत आरक्षित एवं 5 प्रतिशत दिव्यांगों को दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि वेंडिंग जोन में स्थान आवंटित करने के बाद सभी पथ विक्रेताओं को प्रति माह 1 से 5 तारीख तक ऑनलाइन माध्यम से मासिक शुल्क जमा करना होगा। ओएसडी ने बताया कि जिन पथ विक्रेताओं को पूर्व में प्लेटफॉर्म आवंटित कर दिए गए हैं, उन सभी को शीघ्र ही स्थान उपलब्ध कराने की तैयारी है।
अवैध प्रचार-प्रसार सामग्री हटाने के लिए गठित होगी टास्क फोर्स
वहीं, ओएसडी संतोष कुमार ने बताया कि सभी प्रकार के अवैध प्रचार-प्रसार सामग्री हटाने के लिये जल्द ही टास्क फॉर्स का गठन किया जाएगा। पूर्व में जिन संस्थाओं, अस्पतालों व बिल्डरों को अवैध यूनिपोल लगाने पर प्राधिकरण के अर्बन सर्विसेज विभाग की तरफ से नोटिस जारी किये गये हैं, लेकिन उन लोगों ने जमा नहीं कराए हैं. अब प्राधिकरण उनको दोबारा नोटिस जारी करेगा। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से एडवरटाइजिंग की नई पॉलिसी बनायी जा रही है। शहर में 6 स्थानों पर एलईडी के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। कई और जगहों पर एलईडी लगाकर प्रचार-प्रसार करने की योजना है।
Delhi: पिछले काफी समय से देश में राहुल गांधी OBC फैक्टर को लेकर सवाल उठाते रहते है लेकिन अबकी बार PM मोदी ने राहुल को ऐसा जवाब दिया है जिसकी उम्मीद शायद उन्होंने कभी नहीं की होगी. दरअसल PM मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. इस दौरान राज्यसभा में PM मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरु का जिक्र करते हुए उनकी लिखी एक चिट्ठी को पढ़ा. राज्यसभा को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि एक बार नेहरू जी ने एक चिट्ठी लिखी थी और ये उस समय देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी है. मैं इसका अनुवाद पढ़ रहा हूं. 'मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं. मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे और दोयम दर्जे की तरफ ले जाए. ये पंडित नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी है.'
'जन्मजात आरक्षण के विरोधी हैं'
PM मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि इसलिए मैं कहता हूं कि कांग्रेस जन्मजात आरक्षण के विरोधी हैं. उनके इस बयान के बाद राज्यसभा में शोरगुल भी दिखा. PM ने इसके आगे अपनी बात को रखते हुए कहा कि नेहरू कहते थे कि अगर एससी-एसटी-ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा. आज ये लोग . गिना रहे हैं कि कौन सी जाति के कितने अफसर हैं. जो आंकड़ें गिनाते हैं ना, उसका मूल यहां हैं. उस समय इन लोगों ने इसे रोक दिया था. अगर उस समय सरकार में भर्ती हुई होती और वो प्रमोशन करते-करते आगे बढ़ते तो आज यहां पर पहुंचते.
कब लिखी थी पंडित नेहरु ने ये चिट्ठी ?
27 जून 1961 को नेहरू द्वारा देश के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी गई थी. जिसका जिक्र PM मोदी ने राज्यसभा में किया. इस चिट्ठी में नेहरू ने पिछड़े समूहों को जाति के आधार पर नौकरियों में आरक्षण की पैरवी ना कर उन्हें अच्छी शिक्षा देकर सशक्त करने पर जोर दिया था.
बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान किया
इसके बाद PM मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के मुंह से सामाजिक न्याय की बात अच्छी नहीं लगती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी को कभी भी पूर्ण आरक्षण नहीं दिया इसलिए उन्हें सामाजिक न्याय पर ज्ञान नहीं देना चाहिए. जनरल कैटेगरी के गरीबों को कभी आरक्षण नहीं दिया. इन्होंने कभी बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा. अब ये लोग सामाजिक न्याय का पाठ पढ़ा रहे हैं. जिनकी नेता के तौर पर कोई गारंटी नहीं है, वे मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं.
राहुल लगातार उठाते है आरक्षण की बात
आए दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश में जातिगत जनगणना की मांग करते रहते है. राहुल ने कुछ समय पहले ही कहा था कि लोगों को पता चलना चाहिए है कि किसकी कितनी आबादी है. इसके आगे कहा कि 90 अफसरों में से सिर्फ 3 ओबीसी समाज से आते हैं. वहीं भारत जोड़ो न्याय यात्रा जब रांची पहुंची तो एक रैली करते हुए वादा किया था कि केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने पर जाति आधारित जनगणना होगी. साथ ही हम आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटा देंगे. उन्होंने इस दौरान PM मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब जाति आधारित जनगणना की मांग उठी और ओबीसी, दलितों और आदिवासियों को अधिकार देने का समय आया तो प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई जाति नहीं है, लेकिन जब वोट लेने का समय आता है तो वो कहते हैं कि वो ओबीसी हैं.
मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र विधानमंडल में मंगलवार को विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान महाराष्ट्र विधानसभा में मराठा समुदाय के हक में बड़ा फैसला लेते हुए मराठा आरक्षण पर मुहर लगा दी गई है। विधानसभा से यह बिल सर्वसम्मति से पारित हो गया है। इस बिल में 10 फीसदी मराठा आरक्षण की सिफारिश की गई है। जिससे मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में रिजर्वेशन का लाभ मिलेगा। यह बिल अब विधान परिषद में रखा जाएगा।
विपक्षी नेताओँ और मंत्री छगन भुजबल ने बिल पर जताई आपत्ति
आपको बता दें कि मराठा आरक्षण बिल विधानसभा में पास होने से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बिल को सर्वसम्मति और पूर्ण बहुमत से पारित करने की अपील की। हालांकि, विपक्षी नेताओं के साथ-साथ सत्ता पक्ष से एकमात्र सदस्य, एनसीपी नेता और मंत्री छगन भुजबल बिल पर आपत्ति जताने के लिए खड़े हुए। वहीं, विपक्षी नेता विजय वडेट्टीवार ने बिल पर सहमति जताई है।
मराठा समुदाय कई सालों से कर रहा आरक्षण की मांग
जहां एक ओर इस बिल को चुनाव से पहले बीजेपी और शिवसेना सरकार की ओर से उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है। वही दूसरी ओर महाराष्ट्र की राजनीति में प्रभावशाली स्थान रखने वाले मराठा समुदाय के नेता अपने लिए कई सालों से आरक्षण की मांग कर रहे हैं। आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदाय कभी सड़कों पर उतरा तो कभी हिंसक विरोध प्रदर्शन भी किए।
आरक्षण को लेकर मराठा समाज की भावना तीव्र- CM
मराठा आरक्षण बिल को पास करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा ’कि हमने मौजूदा कोटा को छेड़े बिना मराठाओं को आरक्षण देने का प्रस्ताव दिया है। इसमें महाराष्ट्र के सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण का प्रस्ताव है। मराठाओं को आरक्षण दिलाने के लिए मैने शिवाजी की कसम खाई थी, और आरक्षण को लेकर मराठा समाज की भावना तीव्र है। ये मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल द्वारा शुरू किए गए आंदोलन की जीत है और मराठाओँ की आकांक्षाओं की पूर्ति का दिन है।’
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया। उन्होंने अमेरिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के षडयंत्र में है।
'इनके नाटक से सचेत रहें' : मायवती
बसपा सुप्रीमों मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट किए। जिसमें उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नाटक से सतर्क रहने की जरूरत है। मायावती ने लिखा- 'केंद्र में काफी लंबे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और ना ही देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें, जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी'।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने अमेरिका में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि 'कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब देश में निष्पक्षता होगी। फिलहाल देश में ऐसी स्थितियां नहीं हैं'।
जिसपर मायावती ने राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया और लिखा कि 'जब आप वित्तीय आंकड़ें देखते हैं, तो पता चलता है कि आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपए मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही धनराशि मिलती है। लेकिन वास्तविकता यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है। समस्या यह है कि देश के 90 फीसदी लोगों को समान अवसर नहीं मिल रहे हैं। देश के हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखे। मुझे आदिवासी, दलित का नाम दिखाए। मुझे ओबीसी का नाम दिखाएं।मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है'।
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