ग्रेटर नोएडा के कलेक्ट्रेट में गुरुवार को 61 स्कूलों के प्रतिनिधि पहुंचें। जहां शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत दाखिला नहीं देने पर निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस दौरान एडीएम और बीएसए ने इन प्रतिनिधियों की जमकर क्लास लगाई। साथ ही एक सप्ताह में दाखिला देने और उसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं ऐसा नहीं करने पर स्कूलों की मान्यता रद्द् करने की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

करीब 670 बच्चे कर रहे दाखिले का इंतजार
दरअसल शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत लॉटरी के माध्यम से बच्चों को स्कूलों का आवंटन किया है, लेकिन निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं। दाखिला नहीं होने पर बच्चे और उनके अभिभावक बेसिक शिक्षा विभाग और स्कूलों के चक्कर लगा रहे हैं। लगातार शिकायत आने पर प्रशासन ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 61 स्कूलों को कलेक्ट्रेट में तलब किया, लेकिन बैठक में केवल 46 स्कूल ही पहुंचे। अफसरों ने बताया कि 61 स्कूलों के यहां पर 1076 बच्चों का दाखिला आरटीई के तहत होना है, लेकिन अब तक करीब 400 बच्चों को दाखिला दिया गया है। बाकी 670 बच्चे अभी भी दाखिला मिलने का इंतजार कर रहे हैं। अफसरों ने बताया कि सभी स्कूलों को एक सप्ताह का समय दिया गया है। एक सप्ताह के अंदर सभी बच्चों का दाखिला करना होगा। अगर कोई स्कूल आनाकानी करेगा तो जवाबदेही तय कर उसे नोटिस जारी किया जाएगा।

स्कूलों ने दिया बच्चों के अपात्र होने का हवाला
बैठक में कई स्कूलों ने बच्चों के अपात्र होने का हवाला दिया। स्कूलों ने दावा किया है कि बच्चों के अभिभावक गरीब की श्रेणी में नहीं आते हैं। इस पर एडीएम प्रशासन ने कहा है कि अगर किसी स्कूल के पास बच्चों के आपात्र होने के साक्ष्य हैं तो वो शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराएं, उसकी जांच की जाएगी। स्कूल उस पर निर्णय नहीं लेगा। साथ ही कहा है कि अगर किसी अधिकारी ने फर्जी दास्तावेज जारी किए हैं या अभिभावकों ने फर्जी दास्तावेज दिए हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।