ग्रेनो के नॉलेज पार्क के शारदा विश्वविद्यालय में ओपन हाउस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ये कार्यक्रम पत्रकारिता में एडमिशन लेने वाले नए छात्र और पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए आयोजित किया गया। इसमें एक्सपर्ट ने छात्रों के सवालों को जवाब दिया और किस तरह से आप इस क्षेत्र में अपना सफल करियर बना सकते हो इस पर जानकारी दी। इस दौरान एक निजी चैनल की सीनियर एंकर डॉ. रोमाना इसर खान भी मौजूद रहीं।

इस क्षेत्र में छात्र बुलंदियां छू सकते हैं- डॉ. राजीव गुप्ता
विश्वविद्यालय के एडमिशन डायरेक्टर डॉ. राजीव गुप्ता ने छात्रों को सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर आप हिंदी पत्रकारिता में जाना चाहते हो, तो सबसे पहले पढ़ने की आदत डालो। दिन में कम से कम दो अखबार हिंदी के और एक अंग्रेजी का पढ़ना चाहिए। आपको पता चलेगा कि किस तरह खबर लिखी जाती है और आप जनरल नॉलेज व करंट अफेयर के बारे आप अप टू डेट रहोगे। अगर आपको अच्छा रिपोर्टर और एंकर बनना है तो आपको ऐसे बात करनी है जो दूसरों को आसानी से समझ में आए और उनसे भावनात्मक तरीके से जुड़े सकें। मीडिया के क्षेत्र में कई विभाग होते है आपको उसमें जाना चाहिए। जिसमें आपकी रुचि है और मजा आ रहा है। आप इसमें बुलंदियां छू सकते हैं।

"AI तकनीक लोगों से भावनात्मक तरीके से नहीं जुड़ सकती"
शारदा स्कूल ऑफ मीडिया की डीन रितु सूद ने कहा कि एआई तकनीक आने से पत्रकारिता के कुछ विभाग में असर पड़ेगा लेकिन पत्रकार और एंकर की नौकरियों को नुकसान नहीं होगा। एआई तकनीक लोगों से भावनात्मक तरीके से नहीं जुड़ सकता। जिस तरह हम अपनी बात रखते है। हमें डिप्लोमा की जगह डिग्री करनी चाहिए। डिग्री करने से हम अच्छे परिपक्व होकर बाहर निकलते हैं और नौकरी पाने में उतनी आसानी होती है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भाषा शैली व कंटेंट का अंतर हो सकता है। अगर आपको कॉपी एडिटर बनना है तो आप खबर को पढ़िए और अपने शब्दों में लिखिए तो आपको समझ में आएगा आपसे गलती कहां हुई। कैमरे फेस करने में दिक्कत आती है तो आप शीशे के सामने कुछ जोर जोर से पढ़िए आपकी घबराहट दूर हो जाएगी।