माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ‘जबरन जमीन का बैनामा’ मामले में दर्ज मुकदमे में अब्बास अंसारी समेत तीन लोगों को जमानत दे दी। अब्बास अंसारी पर 2023 में गाजीपुर कोतवाली में अबू फखर खां ने मुकदमा दर्ज कराया था।

जमानत मिलने के बाद भी जेल मे रहेंगे अब्बास अंसारी

जबरन जमीन का बैनामा कराने वाले मामले में भले ही अब्बास अंसारी को जमानत मिल गई हो। लेकिन वो जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। एक अन्य मामले में अब्बास अंसारी की जमानत की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। लेकिन अब्बास असांरी के मामा आतिफ राजा और अफरोज जेल से रिहा हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की शहर कोतवाली में अबू फखर खां ने 12 अगस्त 2023 को एफआईआर दर्ज कराई थी।

क्या लगे हैं आरोप?

माफिया मुख्तार अंसारी, उनकी पत्नी अफशां अंसारी, विधायक बेटे अब्बास अंसारी, साले आतिफ रजा व अनवर शहजाद और अंसारी परिवार के करीबी अफरोज के खिलाफ गाजीपुर की शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जिसमें उनके खिलाफ ठगी, रंगदारी, जान से मारने की धमकी देने, जमीन-पैसे हड़पने और साजिश रचने की धाराओं में केस दर्ज कराया गया था। आरोप था कि होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के सामने अबू फखर खान की जमीन थी। लेकिन मुख्तार अंसारी ने अपने दोनों सालों द्वारा साल 2012 में अबू फखर खां को लखनऊ जेल बुलवाया था और जमीन अपने बेटे अब्बास अंसारी के नाम करने का दबाव डाला था। साथ ही अगर वो जमीन न बेचे तो हत्या की धमकी दी थी।

पिस्टल लगाकर साइन कराया था चेक?

इसी के साथ ही बताया जाता है कि आरोपियों ने सर्किल रेट के आधार पर 20 लाख का चेक और चार लाख कैश देकर बैनामा किया था। फिर अफरोज, आतिफ रजा और अनवर शहजाद पीड़ित के घर गए और उसे अब्बास अंसारी के पास ले गए थे। जहां अब्बास अंसारी ने पिस्टल लगाकर पीड़ित को धमकाया और चेक पर साइन करा लिया, ये आरोप लगाया गया है। इसी के साथ ही ये भी कहा गया कि इसके बाद बैंक से लाखों रुपए निकाल लिए और जमीन भी हड़प ली थी।