Lucknow: बसपा सुप्रीमो लोकसभा चुनाव में बैकफुट पर आ गई हैं। चुनावी भाषणों में भाजपा के खिलाफ जमकर बरस रहे भतीजे आकाश आनंद से सारी शक्तियां छीन ली हैं। चुनाव से कुछ दिन पहले ही मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनटेर बनाया था। इसके साथ चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी थी। चुनावी रैलियों में आकाश जोशीले अंदाज में भाजपा पर हमला बोल रहे थे। जिसकी वजह से आकाश आनंद पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी। एफआईआर दर्ज होते ही मायावती ने आकाश आनंद की रैलियों पर रोक लगा दी थी। वहीं, मंगलवार देर रात आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाने का फैसला वापस लेते हुए नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से भी हटा दिया है।


अभी पूर्ण रूप से परिपक्व नहीं हुए आकाश
बसपा अध्यक्ष मायावती ने X पर लिखा कि 'विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है. जिसके लिए मान्य. श्री कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है. पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (maturity) आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।


पिता की जिम्मेदारी पहले जैसे ही रहेगी
मायावती ने आगे लिखा कि इनके पिता आनन्द कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे. अतः बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवाँ को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।

लंदन से पढ़कर आए आकाश आनंद
बता दें कि लंदन से पढ़कर आए आकाश आनंद ने 2019 में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के लोकसभा चुनाव के गठबंधन के दौरान पहली बार मायावती मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की मौजूदगी में मंच पर कदम रखा था. इसके बाद सक्रिय राजनीति में आकाश आनंद का दखल शुरू हो गया. उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाकर बहुजन समाज पार्टी के साथ युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य दिया गया था. नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद पर आकाश आनंद के काम से मायावती काफी खुश भी थीं और इसीलिए उन्हें बीएसपी के उत्तराधिकारी का बड़ा उपहार भी दिया था, लेकिन अचानक मायावती ने आकाश आनंद को दोनों पदों से बर्खास्त कर बड़ी हलचल पैदा कर दी है.