उत्तर प्रदेश के जनपद बागपत के बड़ौत नगर में एक पालतू कुत्ते की मौत के बाद उसे धार्मिक विधि-विधान से दफनाया गया। उसके बाद बरकटा भी किया गया। कुत्ते की आत्मा की शांति के लिए हवन के उपरांत तेरहवीं का भोज खिलाया गया।
13 साल की वफादारी
बड़ौत नगर की शाहमल एनक्लेव कालोनी के रहने वाले राजीव बालियान के परिवार ने अपने पालतू कुत्ते का नाम बुजो रखा, जोकि 13 साल से परिवार का हिस्सा था। जिसके बाद परिवार ने उसकी आत्मा शांति के लिए वह सब कुछ किया। जो किसी व्यक्ति की मौत के बाद किया जाता है। बुजो की मौत के बाद उसे दफनाते हुए परिवार के सदस्यों के आंसू नहीं रूक रहे थे। उसके बाद बरकटा हुआ। पांच दिन के बाद शुक्रवार को त्रयोदशी संस्कार किया गया। दोपहर बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए मंत्रोच्चार के साथ हवन कराया गया। हवन में बुजो की तस्वीर याद के रूप में रखी थी। हवन में परिवार, रिश्तेदार और आस पड़ोस के लोग शामिल हुए। प्रसाद में हलवा बादाम, मेवा डालकर तैयार किया गया था।
13 ब्राह्मणों को कराया भोज
तेरहवीं के भोज में सबसे पहले 13 ब्राह्मणों को भोज कराया गया। जिसके बाद उन्हें जग, सुंदर कांड की पुस्तक, बिस्कुट, नमकीन और पापे के साथ धन दान किया। सामूहिक भोज में पूरी कालोनी के लोगों के अलावा दूसरी जगह से आये काफी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस तरह बुजो को विदाई दे गई। राजीव बालियान बताते है की मोती के जन्म के बाद से उसे अपने बेटे की तरह पाला। वह सभी के साथ बैठकर खाना खाता था। दंपत्ति के साथ बुजो बैड पर सोता था। परिवार का हर सदस्य बुजो को जान से भी ज्यादा चाहता था। बुजो को थोड़ा उदास देखते ही दंपत्ति उसे डॉक्टर के पास लेकर दोड़ पड़ते थे। बुजो के पसंद का खाना ही परिवार में पकाया जाता था।
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