लोकसभा चुनाव के सातवें चरण और आखिरी चरण का शोर अपनी चरम सीमा पर है। ऐसे में सियासी माहौल में एक बड़ा उलटफेर हुआ है। दरअसल सातवें चरण के मतदान में कुछ ही दिन बचे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी को बलिया में बड़ा झटका लगा है। वहां के बड़े जमीनी नेता नारद राय ने पार्टी छोड़ दी है। जिसके बाद आज समाजवादी पार्टी के नेता नारद राय और राम इकबाल सिंह ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। नारद राय ने बलिया में अमित शाह की मौजूदगी में सदस्यता ग्रहण की। आपको बता दें कि नारद राय ने सोमवार रात को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात का फोटो भी सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर डाला था। इसमें कैप्शन में उन्होंने लिखा था कि दुनिया में भारत का डंका बजाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प, समाज के अंतिम पंक्ति में बसे ग़रीब को मज़बूत करने वाली सोच और राष्ट्रवादी विचारधारा को मज़बूत करूँगा। अंत में उन्होंने लिखा था जय जय श्री राम।
"पूर्वांचल से समाजवादी पार्टी की तेरहवीं करूँगा"
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने बाद नारद राय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चुनाव में तीन दिन रह गया है। समय कम है लेकिन मैं संकल्प लिया हूँ कि इसी तीन दिन में मैं पूर्वांचल से समाजवादी पार्टी की तेरहवीं करूँगा। समाजवादी पार्टी के और नेता आपके संपर्क में है आपके साथ आने वाले है इस सवाल पर नारद राय ने कहा पूरी पार्टी हमारे संपर्क में है सभी आएंगे।
अखिलेश से नाराज थे नारद राय
नारद राय बलिया में समाजवादी पार्टी का बड़ा नाम थे लेकिन दो दिन पहले एक जनसभा के दौरान अखिलेश यादव ने उनका नाम नहीं लिया था। इससे वो नाराज हो गए थे और समाजवादी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया था। समाजवादी पार्टी छोड़ने से पहले नारद राय ने एक्स पर एक संदेश पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने स्व. मुलायम सिंह यादव को याद करते हुए लिखा था कि ‘स्व. नेता जी का सेवक रहा हूं, नेता जी ने कहा था यदि अपने लोगों के सम्मान पर आंच आये तो किसी से भी बग़ावत कर जाना लेकिन झुकना मत! नेता जी आपका दिया गुरु मंत्र अंतिम सांस तक याद रखूंगा और अपने लोगों के लिए सदैव लड़ूँगा! जय बाग़ी बलिया, जय राजनारायण, जय जनेश्वर, जय मुलायम। हालांकि वो अखिलेश यादव से बहुत नाराज थे। अखिलेश को लेकर उन्होंने कई टिप्पणी की हैं। बता दें कि नारद राय करीब 40 सालों से सपा से जुड़े हुए थे।
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