Lucknow: करोड़ों के घोटाले और धोखाधड़ी मामले में नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ आईएएस मोहिंदर सिंह को प्रवतन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन मोहिंदर सिंह ईडी के सामने पेश नहीं हुए और न ही न आ पाने के कारण के बारे में भी बयाया। ऐसे में ईडी अब दोबारा नोटिस भेजकर मोहिंदर सिंह को बुलाएगी। जांच से बचने के लिए विदेश भाग जाने के अंदेशे को देखते हुए ईडी मोहिंदर सिंह का पासपोर्ट भी जब्त करने की तैयारी में है। बता दें कि बीते दिनों ED ने लोटस प्रोजेक्ट के 426 करोड़ के घोटाले को लेकर छापेमारी की थी। छापेमारी में मोहिंदर सिंह समेत उनके अन्य सहयोगियों के ठिकाने से 70 करोड़ के नकदी और आभूषण बरामद हुए थे।
426 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में ईडी ने की थी छापेमारी
दरअसल, हेसिंडा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल) के प्रमोटरों, निदेशकों और संबंधित संस्थाओं ने 426 करोड़ की धोखाधड़ी की थी। इसको लेकर ED ने बीते दिनों उत्तर प्रदेश के नोएडा, मेरठ, दिल्ली, चंडीगढ़ और गोवा में स्थित 18 स्थानों पर छापेमारी कर तलाशी ली थी। ये सभी ठिकाने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व CEO व पूर्व IAS मोहिंदर सिंह, कंपनी के प्रमोटर सुरप्रीत सिंह, विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, बिल्डर आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता के थे.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर ईडी कर रही कार्रवाई
ED के मुताबिक, छापेमारी के दौरान 42.56 करोड़ कैश, 29.35 करोड़ के सोने व हीरो के जेवरात, 5.26 करोड़ का एक सोलीटेयर हीरा, 7.1 करोड़ के हीरे के आभूषण और करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। ED की जांच 2019 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर शुरू की गई थी। जब नई दिल्ली में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा एचपीपीएल, इसके निदेशक, अधिकारियों और अन्य के खिलाफ निवेशकों और घर खरीदारों के पैसे को हटाने और निकालने के लिए कई एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसमें कहा गया था कि कंपनी वादे के अनुसार अपार्टमेंट उपलब्ध नहीं करा रही है।
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