Greater Noida: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एकमूर्ति पर लगातार 53 हफ़्ते आंदोलन की अगुवाई करने वाली टीम ने अहम बैठक की। बैठक में अलग-अलग सोसायटियों के कई घर ख़रीदार शामिल हुए। घर ख़रीदारों ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट के फ़ैसले की समीक्षा कर रहे हैं। अथॉरिटी के प्रस्ताव का इंतज़ार कर रहे हैं। ख़रीदारों ने कहा कि मेट्रो की मांग को लेकर आंदोलन जारी रहेगा।
अथॉरिटी अपने बकाये की वसूली में तेज़ी लाए
नेफ़ोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि बिल्डरों को बड़ी छूट दी गई लेकिन घर ख़रीदारों को बिल्डरों के बताये से घरों की रजिस्ट्री को अलग करने का इंतज़ार था। इस फ़ैसले में ऐसा कुछ भी नहीं आया है, इससे हम थोड़े निराश हैं। उम्मीद करते हैं कि इतनी ज़्यादा छूट के बाद अथॉरिटी अपने बकाये की वसूली में तेज़ी लाए और लोगों को घर मिलना शुरु हो, रजिस्ट्रियां शुरु हो सके। उन्होंने कहा कि मेट्रो को लेकर जंतर-मंतर से शुरु हुआ आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मेट्रो के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिलती है। आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे मिहिर गौतम ने कहा कि सरकार बड़ा दिल दिखाए और रजिस्ट्री को बिल्डरों से बकाये की वसूली से अलग कर दे, जिससे लाखों रजिस्ट्रियां तुरंत शुर हो सके।
मेट्रो पर अब वादा नहीं चलेगा
आंदोलन में लगातार शामिल हो रहे दीपांकर कुमार, महेश यादव, राजकुमार, चंदन सिन्हा, रोहित मिश्रा, अनिल रात्रा, ज्योति जायसवाल, अनुपमा मिश्रा, अनुराग खरे, डॉ सुशील कटियार, दीपक गुप्ता, गंगेश कुमार, विपिन कुमार, रवि जी, सुभाष, अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट का निर्णय आया है। इस निर्णय के पीछे घर ख़रीदारों के संघर्ष की अहम भूमिका है। हम तमाम रिपोर्ट को देख रहे हैं और अथॉरिटी से उम्मीद करते हैं कि वो कम से कम अब घर ख़रीदारों को उनका घर देने के रास्ते में अड़चन पैदा नहीं करेगी। सभी लोगों ने एक स्वर में कहा, मेट्रो पर अब वादा नहीं चलेगा, प्रस्ताव को मंजूरी जल्द से जल्द मिलनी चाहिए।
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