योगी सरकार 1 सितंबर से 15 सितंबर तक प्रदेश में 'स्वच्छता पखवाड़ा' मनाने वाली है. 15 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में परिषदीय विद्यालयों के बच्चों और शिक्षकों के साथ समुदाय के लोग भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे. 'स्वच्छता पखवाड़ा' को लेकर विभागीय स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. 1 सिंतबर को 'स्वच्छता पखवाड़ा' की शुरूआत 'स्वच्छता शपथ' से की जाएगी. जिसमें छात्र, शिक्षक और स्टॉफ के साथ ही अन्य नागरिक भी सहभागिता लेंगे. शपथ दिलाने के बाद विद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियां शुरू होंगी. निर्धारित कार्यक्रमों और गतिविधियों को अवकाश पड़ने की स्थिति में अगले दिन होने वाले कार्यक्रमों के साथ संपन्न कराया जाएगा.
बेसिक शिक्षा विभाग ने पूरी कर लीं तैयारियां
'स्वच्छता पखवाड़ा' को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इसके साथ ही प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है. 'स्वच्छता पखवाड़ा' मनाने के लिए कार्यक्रमों और गतिविधियों की सूची भी उपलब्ध करा दी गई है. पखवाड़े के पहले हफ्ते में स्कूल प्रबंध समिति की बैठक होगी. इसमें स्वच्छता के संबंध में जानकारी दी जाएगी. इस दौरान बच्चों के माता-पिता और शिक्षकों के मध्य बैठक होगी. जिसमें साफ-सफाई, हाथ धोने, मास्क का प्रयोग करने और सामाजिक दूरी के महत्व को साझा किया जाएगा. इन स्वच्छता संबंधी अच्छी आदतों को शिक्षक और छात्रों को विद्यालय और घर या कहीं बाहर होने की स्थिति में अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
'स्वच्छता' से जुड़ी प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन
हर विद्यालय और शिक्षण संस्थान में बच्चों के पीने के लिए पानी की व्यवस्था, उपलब्धता से जुड़ी सुविधाओं और विद्यालय परिसर की स्वच्छता से संबंधित होने वाले कार्यों का भी मूल्यांकन होगा. इस मूल्यांकन की जिम्मेदारी विद्यालय के शिक्षक की होगी. मूल्यांकन करने वाला शिक्षक स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं की मरम्मत और रख-रखाव के लिए आवश्यकता के अनुसार प्रस्ताव तैयार करने के साथ ही योजना भी बनाएगा. इस दौरान विद्यालयों में साफ-सुथरे परिसर और स्वच्छ शौचालय विषयक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. स्कूल में साफ-सफाई और स्वच्छता की आदतों पर निबंध, स्लोगन, कविता लेखन, पेंटिंग, भाषण, प्रश्नोत्तरी, मॉडल बनाने की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी.
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