Greater noida: प्राधिकरण से बड़ी ख़बर सामने आ रही है। प्राधिकरण ने महाप्रबंधक (सिविल) के दो पदों पर एक साल की अस्थाई नियुक्ति के लिए सेवानिवृत्त अभियंताओं से आवेदन मांगे गये हैं। जबकि प्राधिकरण से स्थानांतरित महाप्रबंधक स्तर के कई अधिकारी यूपीसीडा में बगैर जरूरत तैनात हैं।

उप-जिलाधिकारी को बनाया गया है महाप्रबंधक

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का अभियांत्रिकी विभाग वर्तमान में बिना महाप्रबंधक के चल रहा है। तहसीलदार पद पर यहां प्रतिनियुक्ति पर आए और अब प्रमोशन के बाद उप-जिलाधिकारी जितेंद्र गौतम को फिलहाल अभियांत्रिकी विभाग का महाप्रबंधक बनाकर बैठाया गया है। जिसके चलते प्राधिकरण का भूलेख विभाग तहसीलदार विहीन हो गया है।

PCS अधिकारी को अभियांत्रिक विभाग की जिम्मेदारी क्यों?

पीसीएस अधिकारी को अभियांत्रिकी विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सवाल ये है कि पीसीएस अधिकारी को अभियांत्रिकी विभाग की कितनी समझ हो सकती है। इससे विभाग का रोज का कामकाज कैसे चल सकता है? इसी समस्या को देखते हुए प्राधिकरण ने सेवानिवृत्त अभियंताओं की महाप्रबंधक (सिविल) पद पर सेवा लेने का निर्णय किया गया है।

इन शर्तों के साथ मांगे गये आवेदन

इसके लिए बकायदा समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर आगामी 4 अक्टूबर तक आवेदन मांगे गये हैं। रिटायर्ड अभियंताओं की महाप्रबंधक (सिविल) पद के लिए कई शर्तें लागू की गई है। जिसमें एक शर्त ये भी है कि रिटायर्ड इंजीनियर की उम्र 65 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। सेवनिवृत्त होने के दस साल पहले उनके सर्विस पर किसी तरीके का दाग नहीं होना चाहिए। इसके लिए उन्हें शपथपत्र के साथ आवेदन देना होगा। ये नियुक्तियां एक साल के लिए की जाएंगी। महाप्रबंधक सिविल के तौर पर सेवानिवृत्ति के बाद अस्थाई नियुक्त होने वाले को एक निश्चित मानदेय प्राधिकरण द्वारा दिया जाएगा।

इन समस्याओं से गुजर रहा प्राधिकरण

दरअसल, प्राधिकरण अपने स्थाई अधिकारियों और कर्मचारियों के अन्य प्राधिकरणों में सरकार द्वारा स्थानांतरण करने और बदले में अधिकारी कर्मचारी न देने से खासी परेशानी से गुजर रहा है। प्राधिकरण अधिकारी कर्मचारियों की शासन से मांग करता है। लेकिन सरकार ने शायद प्राधिकरणों को संविदा कर्मियों और सेवानिवृत्त कर्मियों के सहारे चलाने की नीति अपना ली है।