Yamuna City: किसान और आवंटियों की शिकायत का तत्तकाल प्रभाव से निराकरण करने के आदेश सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्राधिकरण के अधिकारियों की दी है। बावजूद इसके यमुना प्राधिकरण में कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जिनके खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही थी। प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने दो ऐसे प्रबंधकों पर कार्रवाई की है, जिनके खिलाफ लगातार कार्यों में अनियमितता बरतने और रिश्वत मांगने के आरोप लग रहे थे। शिकायतों के आधार पर यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के सीईओ अरुण वीर सिंह ने दोनों प्रबंधकों को पद से हटा दिया है।
@YamunaAuthority के #ceo डॉ. अरुणवीर सिंह ने संपत्ति विभाग में तैनात दो प्रबंधकों को पद से हटाया, भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर सीईओ ने की कार्रवाई। @NandiGuptaBJP @myogiadityanath @myogioffice @Yamunaresidents #GreaterNoida #greaternoidanews #noidanews pic.twitter.com/XZHGAiimdS
— Now Noida (@NowNoida) November 20, 2023
संपत्ति विभाग में अनियमितता बरतने पर कार्रवाई-CEO
सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया आवंटियों और किसानों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए लगातार प्राधिकरण पहल करता है। सीएम योगी ने भी अधिकारियों को आदेश दिया है कि किसानों और आवंटियों के काम प्राथमिकता के साथ होनी चाहिए। सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा ऐसी किसी भी शिकायत पर प्राथमिकता के साथ जांच करवाया जाता है। दोनों प्रबंधक संपत्ति विभाग में अनियमितता कर रहे थे। आरोप है कि आवंटियों से काम के बदले दोनों आवंटी रिश्वत की मांग करते थे। इसी के आधार पर सीईओ ने दोनों प्राधिकरण को उनके पद से हटा दिया है।
स्टॉफ मीटिंग CEO की अधिकारियों को खरी-खरी
संपत्ति विभाग में तैनात प्रबंधक योगेश भाटी और संदीप तिवारी पर आरोप है कि वो आवंटियों से काम करने के एवज में 200 रुपये मीटर के हिसाब से रिश्वत की मांग कर रहे थे। जो रिश्वत देने से मना करता उनका काम अटका दिया जाता था। इसकी शिकायत जब सीईओ अरुण वीर सिंह को मिली, तो उन्होंने दोनों की छुट्टी कर दी। साथ ही स्टॉफ मीटिंग में भी सीईओ ने अधिकारियों को अल्टीमेट्म दे दिया है कि अगर इस तरह की शिकायत मिली तो उन पर भी गाज गिरनी तय है। सीईओ अरुण वीर सिंह ने NOW NOIDA से बात करते हुए कहा कि अगर किसी भी अधिकारी ने प्राधिकरण की छवि धूमिल करने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी अधिकारियों को पारदर्शित और निष्पक्षता के साथ काम करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में उन अधिकारियों को सचेत हो जाना चाहिए, जो भ्रष्टाचार में डूबे हैं, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
Greater Noida: यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म सिटी परियोजना में आज उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बिड करने वाली चारों कम्पनीज़ के प्रतिनिधियों द्वारा प्रेज़ेंटेशन दिया गया। कार्यालय सभाकक्ष में प्रजेंटेशन में विशेषकर कंपनियों द्वारा फ़िल्म सिटी परियोजना को विकसित किए जाने के संबंध में अपना विजन, कॉन्सेप्ट, टाइम लाइन, हाइलाइट्स आदि बिंदुओं पर जोर दिया गया।
M/s. Bayview Projects LLP के तरफ से बोनी कपूर, आशीष भूटानी, सीईओ भूटानी इंफ़्रा, अश्विनी चैटलें एवं अली चैटलें, राजीव अरोड़ा, अरविन्द कुमार बिन्नी द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया। 4 Lions Films Private Limited की तरफ से के सी बोकाड़िय, सुकरिश्मा जैन, विशाल, हर्ष जैन आदि द्वारा फ़िल्म सिटी परियोजना के संबंध में अपना विज़न प्रस्तुत किया गया।
M/s. Supersonic Technobuild Private Limited की तरफ से फ़िल्म अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा ऑनलाइन प्रतिभाग किया गया, प्राधिकरण कार्यालय में दिनेश विजन मैडॉक फिल्म्स, दिव्यांशु, सुअश्विनी सहित चेरीकाउंटी टीम के प्रतिनिधियों द्वारा अपना विजन एवं प्रस्तुतीकरण दिया गया। M/s. Super Cassettes Industries Private Limited (T series) की तरफ से विनय कुमार मित्तल सीईओ फ़िल्म सिटी प्रोजेक्ट, शंकरण कन्नन, लीगल कंसलटेंट और सुधीर शर्मा तथा विवेक द्वारा टी सीरीज कंपनी के विज़न, डिज़ाइन, कॉन्सेप्ट का प्रेजेंटेशन प्राधिकरण कार्यालय में दिया गया। चारों कम्पनीज़ को टेक्निकली क्वालीफाइड पाया गया।
मंगलवार को खोली जाएगी बिड
इस संबंध में निर्णय लिया गया कि आगामी मंगलवार को दोपहर 2.30 बजे यमुना प्राधिकरण कार्यालय के सभाकक्ष में फाइनेंसियल बिड खोली जायेगी। इसमें प्रमुख सचिव व अध्यक्ष यमुना प्राधिकरण अनिल कुमार सागर, निदेशक सूचना शिशिर सिंह, अंशुमन त्रिपाठी सहायक निदेशक द्वारा ऑनलाइन तथा प्राधिकरण की तरफ़ से मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी क्रमशः कपिल सिंह तथा विपिन कुमार जैन, ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, शैलेंद्र कुमार सिंह, सीएलए आरपी गुप्ता, कंसलटेंट कंपनी सीबीआरई सहित अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
Yamuna Expressway Industrial Development Authority (YEIDA) : कहते हैं कि भ्रष्टाचारी डरपोक होते हैं, लेकिन यमुना प्राधिकरण का रिश्वतखोर बेखौफ अंदाज में वसूली करता है। उसके वसूली के अंदाज ने आम लोगों को परेशान कर रखा है। यमुना प्राधिकरण के इस घूसखोर पर गंभीर आरोप लगे हैं। यमुना प्राधिकरण में तैनात एक सीनियर मैनेजर बड़े-बड़े नेताओं की धौंस जमाकर आम लोगों की गाढ़ी कमाई को जबरन छिनैती पर उतारू है। ताज्जुब ये है कि घूसखोर ने अलग-अलग काम के रेट कार्ड बना रखे हैं। मजबूर लोगों से घूस की रकम ऐंठने के लिए ₹100, ₹200 के हिसाब से वसूली की जा रही है।
क्या हैं आरोप?
यमुना प्राधिकरण के अंदर अब भ्रष्टाचार चरम सीमा पर देखने को मिल रहा है। आवंटियों से अपने प्लॉट को ट्रांसफर करने के लिए या अन्य कामों के लिए टेबल दर टेबल पैसे की डिमांड की जाती है। हर टेबल का पैसा फिक्स होने के साथ-साथ भी लोगों को इधर-उधर भगाया जाता है।आवंटी ने बताया कि हर टेबल पर कहीं ₹200 तो कहीं ₹100 फिक्स किए हुए हैं। आवंटियों को अपना काम करने के लिए प्रत्येक टेबल पर कहीं ₹100 तो कहीं ₹200 पर मीटर के हिसाब से देने पड़ते हैं। एक आवंटी ने परेशान होकर अधिकारियों से जब अपनी बात रखी तो उसे लताड़कर कर भगा दिया गया, आवंटी ने कहा कि प्राधिकरण के अंदर प्रत्येक टेबल पर पैसे देने की एक जबरिया वसूली बन चुकी है।
घूस नहीं देने पर होता ऐसा हाल
एक आवंटी ने ये भी आरोप लगाया की लोगों से जबरिया वसूली से पैसा लिया जाता है। आंवटी ने कहा कि कि प्राधिकरण के अंदर यदि एक दिन कोई आवंटी पैसा देने से डिले हो जाता है तो उसका प्लॉट या उसका भूखंड कैंसिल कर दिया जाता है। जबकि यही बात प्राधिकरण के लिए भी लागू होनी चाहिए प्राधिकरण के अंदर डेढ़ साल से अपना रिफंड करने के लिए घूम रहे आवंटी ने बताया कि मुझे रिफंड के डेढ़ करोड़ रुपये के लिए डेढ़ साल में भी नहीं वापस मिल पाए हैं। आवंटी का आरोप है कि इस तरह के दोहरे मापदंड से वह काफी परेशान है। आवंटी ने बताया कि उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी इन वसूली कर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है।
नहीं होती कोई भी सुनवाई
आवंटी ने बताया कि पहले भी मैं उच्च अधिकारियों को इन सबके खिलाफ एप्लीकेशन दे चुका हूं मगर इन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होती है ऐसे अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। ट्रांसपेरेंसी के नाम पर यमुना प्राधिकरण में घर भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिकारी मौन रहते हैं। जबकि इस बात पर सीईओ यमुना प्राधिकरण का कहना है कि आवंटी की शिकायत के बाद ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
यमुना प्राधिकरण CEO मामले से अनजान
NOWNOIDA की टीम ने प्राधिकरण में चल रहे अवैध वसूली के गोरखधंधे पर जब यमुना प्राधिकरण के सीईओ से जानकारी ली तो उन्होंने खुद को इस मामले से अनजान बताया। हालांकि सीईओ अरुण वीर सिंह ने शिकायतकर्ता से अपील की है कि वो घूसखोर कर्मचारी की जानकारी प्राधिकरण को उपलब्ध कराएं। जिसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस में मामला दर्ज करके रिश्वतखोर पर एक्शन होगा।
शिकायतकर्ता को सता रहा डर
लेकिन सीईओ साहब को कौन बताए कि आम आदमी पुलिस कचहरी से किस कदर खौफ खाता है। अपने काम के लिए रोज-रोज प्राधिकरण के चक्कर लगाने वाले आम आदमी एक नई मुसीबत को दावत देने से कतरता है। कायदे से तो प्राधिकरण में बैठे घूसखोरों का इलाज प्राधिकरण को ही करना होगा। वरना एक दिन आएगा जब भ्रष्टाचार की दीमक पूरी व्यवस्था को चट कर जाएगा।
Greater Noida: यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर 28 में 350 एकड़ में विकसित किए जा रहे मेडिकल डिवाइस पार्क में निवेश प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के डेलिगेशन द्वारा जापान के टोक्यो शहर में आयोजित मेडटेक शो में हिस्सा ले रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव एवं अध्यक्ष, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण श्री अनिल कुमार सागर के नेतृत्व में डॉक्टर अरुण वीर सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण तथा सलाहकार संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा जापान में 17 से 20 अप्रैल 2024 तक आयोजित मेडटेक शो में हिस्सा ले रहे हैं।
जापान में यमुना प्राधिकरण के स्टाल पर कई कंपनियों ने किया विजिट
मेडटेक शो में पहले दिन मेडिकल डिवाइस पार्क के स्टॉल पर जापान की प्रतिष्ठित एवं विश्व प्रसिद्ध कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा विजिट किया गया और मेडिकल डिवाइसेस पार्क के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। शासन व प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस मेडिकल डिवाइसेज पार्क की विशेषताओं एवं उत्तर प्रदेश सरकार या भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं इन्सेंटिव आदि के संबंध में जानकारी दी गई। प्राधिकरण के स्टॉल पर जापान की पॉश वेलनेस लेबोरेटरी इंक, शिमाने यूनिवर्सिटी फैकल्टी ऑफ मेडिसिन, मैनीज़ ग्रुप कंपनी लिमिटेड, सोसाकु मेडिकल, जापान फेडरेशन ऑफ मेडिकल डिवाइसेज एसोसिएशन, सिलिकॉन वैली वेंचर, बी डॉट मेडिकल इंक, इंटरनेशनल मेडिकल केयर एक्सचेंज एसोसिएशन, टोयोटा फॉर्म कंपनियों व संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा अवलोकन किया गया।
अब तक 1415.24 करोड़ निवेश प्राप्त
गौरतलब है कि कि भारत सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार की नोडल एजेंसी यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा नोएडा इंटरनेशनल एअरपोर्ट के समीप सेक्टर 28 में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किए जा रहे हैं। अभी तक क़रीब 74 कम्पनीज़ को भूखंड आवंटित किया जा चुके हैं। इन आवंटनों से प्राधिकरण में करीब 1415.24 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है। इसके उत्तर प्रदेश में 8895 रोजगारों का सृजन हुआ है।
Greater Noida: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में देश के ७८वें स्वतंत्रता दिवस परमुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह द्वारा मुख्यालय में ध्वजारोहण किया गया। इस पावन अवसर पर सेंट्रल स्कूल के छात्र छात्राओं व अन्य बच्चों द्वारा देशभक्ति से प्रेरित गीतों व नृत्य नाटिकाओं का मंचन किया गया। कार्यक्रम में प्राधिकरण के एसीईओ व सभी ओएसडी द्वारा देश की आज़ादी से संबंधित वृतांत सुनाये गये।
2035 तक की विकास योजना के विजन के बारे में बताया
मुख्य कार्यपालक ने वीर सपूतों व स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया गया। अपने संबोधन में कहा कि एक करोड़ अड़तालिश लाख नागरिक भारत व पाकिस्तान से विस्थापित हुए। लाखों लोग इस विभाजन की विभीषका में लीन हुए। स्वतंत्रता का मतलब बलिदान भी है। स्वतंत्रता का मतलब आपके पास आने वाले सभी फ़रियादियों में स्वयं को देखना। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बच्चों की शानदार प्रस्तुति के लिए सराहना की । अंत में सभी क्षेत्रवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए सभी को प्राधिकरण की २०३५ तक की विकास योजना पर विज़न की कार्यायोजनाओं पर कार्य करने का मंत्र दिया गया।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालक अधिकारी के साथ साथ अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह, शैलेंद्र भाटिया ओएसडी, शैलेंद्र कुमार सिंह ओएसडी, राजेश कुमार सिंह ओएसडी, महाप्रबंधक वित्त विशम्भर बाबू, एके सिंह महाप्रबंधक परियोजना आदि सहित प्राधिकरण के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
बीते साल विक्की कौशल और सारा अली खान की एक फिल्म ‘ज़रा हटके ज़रा बचके’ रिलीज हुई थी, जहां पर अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए पति-पत्नी को रोल निभा रहे विक्की कौशल और सारा अली खान तलाक लेने पहुंच जाते हैं। ताकि सरकारी फायदा उठाकर उन्हें घर मिल सके। ऐसा ही कुछ यमुना सिटी के औद्योगिक प्लाटों के लिए भी हुआ है।
प्लॉट के लिए दिखाए फर्जी तलाक के कागज
यमुना सिटी में औद्योगिक प्लॉट हासिल करने के लिए कुछ लोगों ने हद पार कर दी है। आवेदन के समय तलाक दिखाते हुए यमुना प्राधिकरण (यीडा) की औद्योगिक भूखंड योजनाओं में आवेदन करके प्लॉट हासिल कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ लोगों ने कंपनियों के नाम में साधारण बदलाव कर आवेदन किया, जबकि ये लोग एक ही परिवार के थे। यमुना प्राधिकरण ने एक दो नहीं, बल्कि 47 मामले जांच में पकड़े हैं। हैरानी की बात ये है कि इनमें से 8 मामले तो ऐसे हैं जिनमें तलाक के फर्जी कागज लगाकर प्लॉट लिया गया है।
26 सिंतबर को होगा फैसला
इन मामलों को लेकर 26 सितंबर को बैठक होने वाली है। इस बोर्ड की बैठक में इस मामले पर फैसला लिया जाएगा। यमुना प्राधिकरण के मुताबिक, दो कैटेगरी में जांच की गई। इनमें एक कैटेगरी में वो लोग थे जिन्होंने तलाक के कागज आवेदन में लगाकर अलग-अलग प्लाटों के लिए आवेदन किए और आवंटन भी हो गया। इसके बाद जांच में सामने आया कि ये एक ही पते पर रह रहे हैं। दूसरी कैटेगरी में व्यक्तिगत या कंपनी के नामों में मामूली फेरबदल किया गया। इस योजना के तहत आवंटित किए गए प्लॉट 4 हजार वर्गमीटर तक के हैं। मामला सामने आने पर एक आवंटी ने प्लॉट सरेंडर भी कर दिया। 46 में से 32 आवंटन ऐसे पाए गए जो 10 परिवारों को हुए थे। 16 आवंटन अलग-अलग नामों से बनी कंपनियों और प्रतिष्ठानों के नाम पर पाए गए।
अब प्राधिकरण ने उठाया ये कदम
इन फर्जीवाड़े मामलों के सामने आने के बाद यमुना प्राधिकरण एक्शन मोड में आ गया है, जिसके बाद आवासीय भूखंडों की योजनाओं में हुए आवंटन की भी जांच होगी। इसके अलावा जो मामले सामने आए हैं उन्हें बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। इन मामलों की जांच के लिए एसीईओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई थी। बोर्ड में तय होगा कि इनका आवंटन रद्द करना है या बरकरार रखना है। माना जा रहा है जिसकी पात्रता पूरी होगी और दस्तावेज सही होंंगे वही प्लॉट के हकदार होंगे।
यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि पति-पत्नी होते हुए भी तलाक दिखाकर और अन्य फर्जी तरीके से भूखंड आवंटन के 47 मामले जांच में आए हैं। सभी को 26 सितंबर को होने वाली बोर्ड बैठक में रखकर फैसला लिया जाएगा।
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