लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण की सरगर्मियां तेज हैं। लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया है। दिनेश प्रताप सिंह इससे पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद रह चुकीं सोनिया गांधी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। जहां एक ओर बीजेपी ने रायबरेली लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। वहीं दूसरी ओर इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी कौन होगा इस पर सस्पेंस अभी तक बरकरार है।
तीन बार कांग्रेस को रायबरेली सीट से मिली हार
रायबरेली लोकसभा सीट को कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर 1971 में इंदिरा गांधी ने जीत दर्ज की थी, इसके बाद तो इस सीट पर कांग्रेस पार्टी की तूती बोलने लगी। कुछ खास मौकों को छोड़ यहां सिर्फ गांधी परिवार और उनके द्वारा समर्थित लोगों ने ही जीत दर्ज की। भारतीय जनता पार्टी आज तक इस सीट पर सिर्फ दो बार जीत दर्ज कर पाई है। साल 1996 और साल 1998 में हुए लोकसभा चुनावों में यहां बीजेपी के अशोक सिंह ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 1998 के चुनाव में बीजेपी के अशोक सिंह ने सपा के सुरेंद्र बहादुर सिंह को चुनाव मैदान में मात दी। इन दोनों चुनावों में खास बात यह रही कि कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी चौथे नंबर पर रहे। 1996 में कांग्रेस ने यहां विक्रम कोल और 1998 में दीपा कोल को चुनाव मैदान में उतारा था। इससे पहले साल 1977 में भारतीय लोकदल के राजनारायण ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को यहां हराया था।
सोनिया गांधी ने साल 2004 से लगातार हासिल की जीत
देखा जाए साल 1971 और साल 1980 में हुए लोकसभा चुनावों में इंदिरा गांधी रायबरेली की सांसद बनीं। इसके बाद साल 1989 और 1991 में शीला कौल यहां की सांसद बनीं। साल 1996 और 1998 में इस सीट पर कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा और यहां कांग्रेस प्रत्याशी चौथे नंबर पर रही। साल 1999 में कांग्रेस के टिकट पर कैप्टन सतीश शर्मा सांसद बने। इसके बाद साल 2004 से इस सीट पर सोनिया गांधी का वर्चस्व कायम रहा और उन्होंने 2004, 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट से जीत दर्ज की।
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October 05, 2024