Greater Noida: जेवर में खुर्जा रोड पर शुक्रवार की शाम दर्दनाक हादसा सामने आया। मॉडलपुर गांव के पास एक ई रिक्शा को तेज रफ्तार डंपर चालक ने सामने से टक्कर मार दी। जिसमें ई-रिक्शा सवार एक गर्भवती महिला सहित तीन की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि गर्भवती महिला की गोद में बैठी उसकी बेटी को मामूली चोटें आईं हैं। हादसे के बाद डंपर नियंत्रण खोकर खेत में चला गया। वहीं मौके पर पहुंचे लोगों ने डंपर चालक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। इस भीषण हादसे से लोगों में भी आक्रोश देखने को मिला। लोगों ने कस्बे के मुख्य चौराहे पर जाम लगा दिया।
कैसे हुआ हादसा
जेवर के गांव नगला बंजारा निवासी महेश ने अपनी बेटी आरती (30) की शादी बुलंदशहर के गांव रामघाट मे की थी। महिला की एक बेटी और बेटा है। महिला आरती गर्भवती थी। वो कुछ दिन पहले ही अपने मायके रहने गांव नगला बंजारा मे आई थी। वो शुक्रवार को जेवर मे एक निजी अस्पताल मे अल्ट्रासॉउन्ड कराने अपनी बहन मोहनी (16) और बेटी परी जो महज ढाई साल की है, उसके साथ अल्ट्रासॉउन्ड कराने के बाद दोनों बहने करीब शाम 4 बजे ई-रिक्शा में सवार होकर अपने गांव लौट रहीं थी। जब रिक्शा गांव मॉडलपुर के पास पहुंचा, तभी सामने से आ रहे एक तेज रफ़्तार डंपर ने ई-रिक्शा को सामने से टक्कर मार दी। डंपर ई-रिक्शा पर चढ़ता हुआ सड़क किनारे खेत में जा घुसा। हादसे मे आरती और मोहनी की डंपर से कुचलने के चलते दर्दनाक मौत हो गई। वहीं आरती की बेटी परी रिक्शा में टक्कर लगने पर उछलकर रिक्शा से दूर जा गिरी। जिससे उसके पैर में चोट आई है। वहीं ई-रिक्शा चालक जेवर के मौहल्ला कोठेतरिया निवासी धर्मेंद्र (32) भी गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। जहां उसका डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि टक्कर इतनी भीषण थी कि ई-रिक्शा के परखचे उड़ गए। वहीं हादसे के बाद नाराज लोगों ने कस्बे के मुख्य चौराहे पर जाम लगा दिया। जाम से टप्पल रोड, खुर्जा रोड और झाझर रोड पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। लोगों ने आरोप लगाया की पुलिस ने मृतक को बिना परिवार को दिखाए ही पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया था। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और परिवार के लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन देकर शांत करवाया।
Noida: नोएडा में दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां ठंड से बचाव के लिए कमरे में अलाव जलाकर सोए पिता और बेटी की दम घुटने से मौत हो गई। जबकि मां गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
छिजारासी गांव में हुई दर्दनाक घटना
जानकारी के मुताबिक, सेक्टर 63 थाना क्षेत्र के छिजारासी गांव में शम्मू और उनकी पत्नी उज़मा ख़ान और बेटा मोहम्मद अली एक ही कमरे में सो रहे थे। इन लोगों ने ठंड से बचाव के लिए कमरे में गैस जलाकर रखा था। सुबह काफी देर तीनों लोग कमरे से बाहर नहीं आए तब पड़ोसियों ने कमरे में जाकर देखा तीनों अचेत अवस्था में पड़े थे। इसकी सूचना स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने पिता शम्मू और बेटे मोहम्मद अली को मृत घोषित कर दिया। जबकि पत्नी उजमा खान का गंभीर हालत में हॉस्पिटल में इलाज जारी है।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
बताया जा रहा है दम घुटने से दोनों लोगों की मौत हुई है। वहीं, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मौके पर पहुंची पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है। मृतक युवक एक्सपोर्ट की कंपनी में नौके कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था।
बरेली के फरीदपुर थाना क्षेत्र में नवादा बिलसंडी गांव निवासी रामदास की झोपड़ी में शुक्रवार दोपहर अचानक आग लग गई। इसमें चार बच्चियों की जिंदा जलकर मौत हो गई। बॉल्टियों में पानी भरकर किसी तरह आग बुझाई, लेकिन तब तक चार बच्चे बुरी तरह से जल चुके थे। तीन बच्चों की मौके पर मौत हो गई, जबकि चौथी बच्ची ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। वहीं हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया है।
छत पर रखे पुआल में आग लगने से हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार गांव में रामदास के मकान में छत पर पुआल रखा हुआ था। जिसमें दोपहर में अचानक से आग लग गई। जिससे जलता हुआ पुआल नीचे झोपड़ी पर जा गिरा। झोपड़ी भी आग के चपेट में आ गई और बच्चों पर गिर गई जिससे बच्चे आग की चपेट में आ गए। चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग दौड़े। लेकिन जब तक बच्चों को निकाला गया तब तक तीन मासूमों की जलकर मृत्यु हो चुकी थी।
खेलते समय आग की चपेट में आईं बच्चियां
जानकारी के मुताबिक बच्चियां वहां खेल रही थीं, जिससे वो आग की चपेट में आ गईं। हादसे में प्रियांशी (5), मानवी और नैना (5) की मौत हो गई। वहीं, इलाज के लिए ले जाते समय नैना (6) ने भी दम तोड़ दिया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आग लगने से हुए हादसे का संज्ञान लेकर मृतक बच्चियों के परिवार को शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी बरेली रविंद्र कुमार और एसएसपी घुले चंद्रभान पहुंच गए और स्थिति का जायजा लिया। दोनों अफसरों ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दिया।
ग्रेटर नोएडा में एक बड़ा दर्दनाक हादसा हो गया। जहां एक अज्ञात वाहन ने फुटपाथ पर सो रहे तीन लोगों पर गाड़ी चढ़ा दी। दरअसल बिसरख कोतवाली क्षेत्र में बुधवार देर रात एक अज्ञात वाहन ने गौर सिटी मॉल के सामने फुटपाथ पर क्रेड खड़ी करके सो रहे तीन युवकों को कुचल दिया। जिनमें से दो युवकों की मौंके पर ही मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घायल युवक को दिल्ली किया गया रेफर
वहीं घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जबकि एक युवक की हालत गंभीर होने पर उसे नजदीक के अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां से उसे दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया है। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपित ट्रक चालक की तलाश कर रही है। बिसरख कोतवाली प्रभारी अरविंद कुमार ने बताया कि ट्रक का नंबर ट्रेस कर लिया गया है। जल्द ही आरोपित पुलिस गिरफ्त में होगा।
कैसे हुआ हादसा
पुलिस की मानें तो किसान चौक (चार मूर्ति गोलचक्कर ) के सर्विस रोड पर औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाली क्रेन खड़ी थी। उसके चालक व परिचालक क्रेन को खड़ी करके सर्विस रोड के समीप ही बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे चारपाई पर सो रहे थे। तभी गौर सौंदर्यम सोसायटी की तरफ से एक अज्ञात ट्रक आया और उसने तीनों युवकों को कुचल दिया। हादसें में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतकों की पहचान पूरन व विनोद के रूप में हुई है। जबकि श्याम गंभीर रूप से घायल है। श्याम मूलरूप से गांव नगला मोहन थाना विधुना जिला ओरेया का रहने वाला है। जबकि मृतक पूरन व विनोद ग्राम नानाखेड़ा, जिला बदायूं के रूप में हुई है।
राजधानी दिल्ली में बुधवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। करोल बाग में पांच मंजिला इमारत ढह गई। इमारत के मलबे में दबे 18 लोगों की चीख-पुकार। उधर, लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। इनमें 4 लोगों की मौत हो चुकी है।
Delhi news : सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के करोल बाग के बापा नगर इलाके में बुधवार सुबह एक पांच मंजिला मकान की चार मंजिलें ढह गईं। जब पड़ोसी विस्फोट की आवाज सुनकर दौड़े तो चार मंजिला मकान मलबे में तब्दील हो गए थे। हादसे के वक्त मकान की पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल पर मौजूद फैक्ट्री के 18 कर्मचारी मलबे में दब गए। हंगामे के बीच पड़ोसियों ने पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी। मकान गिरने की सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल विभाग,कैट्स एंबुलेंस और एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई। प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से मलबा हटाना शुरू किया। बाद में एक-एक कर 18 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया। इनमें से चार को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
बचाव कार्य के लिए 90 जवानों को तैनात किया गया है…
बचाव कार्य में 50 दमकल विभाग कर्मियों को तैनात किया गया है। मलबे में और लोगों के फंसे होने की सूचना मिलने पर द्वारका और गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीमें बुलाई गईं। इस टीम में 40 सदस्य थे। उनके पास लाइव डिटेक्टर और स्निफर डॉग थे।
मृतकों के परिजनों को 10 लाख मुआवजे का ऐलान…
दिल्ली सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख और घायलों को उनकी चोटों की गंभीरता के अनुसार मुआवजे का घोषणा की है ।
मासूम अमन घूमने आया था दिल्ली…
12 साल का अमन कुछ दिन पहले ही अपने फुफेरे भाई उवैद के साथ दिल्ली घूमने आया था। अस्पताल में भर्ती उवैद ने बताया, अमन को घूमने बहुत पसंद था। वह गांव के स्कूल में कक्षा सात का छात्र था। उसके पिता मोहम्मद जामिन की मौत करीब आठ साल पहले हो गई थी। अब घर में मां और बड़ी बहन बचे हैं।
Ghaziabad: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में दर्दनाक हादसा हो गया। दो मंजिला मकान में भीषण आग लगने से एक परिवार के पांच सदस्यों की जिंदा जलकर मौत हो गई। कड़ी मशक्कत के बाद दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। सूचना मिलते ही घटना पर आलाधिकारी पहुंचे।
फर्स्ट फ्लोर पर मिली लाशें
जानकारी के अनुसार, लोनी बॉर्डर इलाके में स्थित बहटा हाजीपुर में दो मंजिला मकान में आग की सूचना दमकल विभाग को बुधवार रात मिली थी. दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने की कोशिशें शुरू की। आग ग्राउंड फ्लोर से ऊपर के फ्लोर तक भी पहुंच गई थी। दमकल कर्मियों ने जब ऊपर के फ्लोर पर जाकर देखा तो पांच लोग जिंदा जल गए थे।
मरने वालों में दो बच्चे और दो माहिलाएं
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार ने बताया कि सारिक की पत्नी फरहीन, 7 महीने का बेटा, बहन नजर, बहनोई सैफ और भांजी इसरा की जलकर मौत हो गई थी। जबकि सारिक की बहन उजमा और नजर का बेटा अर्श रहमान गंभीर रूप से झुलस गए थे, जिन्हें जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह सभी एक ही परिवार के हैं, जो दो मंजिला मकान में रह रहे थे। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मकान सारिक ठेकेदार है और घर से बाहर था। बुधवार रात जब वह घर लौटा तो घर से लपटें निकल रहीं थीं. बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट होने की वजह से आग लगी है। इसके अलावा घर में कुछ मशीनें भी रखी हुई थीं, जिसकी वजह से आग ने भयंकर रूप ले लिया।
मकान मालिक के सामने धूं-धूं कर जलता रहा घर
सारिक बुधवार रात 9 बजे जब लौटे तो उनका दो मंजिला घर जल रहा था. घर में 7 सदस्य मौजूद थे, जिनमें से एक मासूम बच्चा और महिला घर के निचले हिस्से में थे। जबकि पांच सदस्य ऊपरी हिस्से में थे। घर को चारों तरफ से आग ने घेर लिया था। जिसकी वजह से ऊपर फंसे हुए 5 सदस्यों का दम पहले धुएं से घुट गया। माना जा रहा है कि उन लोगों ने घर के ऊपरी हिस्से से बाहर निकलने का भी प्रयास किया था लेकिन छत वाले रास्ते पर लगे हुए दरवाजे में ताला लगा हुआ था।
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