Noida: किसान सभा गौतम बुद्ध नगर के सैकड़ो लोग रविवार को जंतर-मंतर पहुंचकर प्रदर्शन किया। ग्वालियर में प्रदर्शनकारियों पर हुए पुलिस के अत्याचारों के विरोध में सुबह 9:00 बजे परी चौक से किसान सभा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसानों ने जंतर मंतर के लिए कूच किया।
अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला
गौरतलब है कि ग्वालियर में 25 सितंबर को हुए प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारियों पर फर्जी मुकदमे और जेल भेज गया था। किसानों ने पुलिस और प्रशासन पर अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करने का आरोप लगाया है। इसी के विरोध में जंतर मंतर पर कई किसान संगठनों ने मिलकर प्रदर्शन किया।
सरकार जनता का दमन करने पर तुली
जंतर-मंतर पर किसानों संबोधित करते हुए किसान सभा गौतम बुद्ध नगर के अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने कहा कि भाजपा एंटी सिस्टम पार्टी है। जिसका सामाजिक न्याय संविधान अभिव्यक्ति की आजादी में कोई विश्वास नहीं है। इसीलिए ग्वालियर में प्रदर्शन कार्यों पर पुलिस ने फर्जी मुकदमे दर्ज किए हैं। प्रदर्शनकारियों के सिर पर इनाम घोषित किए हैं। सैकड़ों संख्या में प्रदर्शनकारियों को जेल में बंद किया है। इतना ही नहीं सरकार उत्पीड़ित जनता के सभी तत्वों का दमन कर रही है।
आवाज उठाने वालों की जगह जेल में
डॉ. रुपेश वर्मा ने कहा, अब जनता की आवाज उठाने वाले मीडिया कर्मियों के ऊपर आतंकवाद की धाराएं लगाकर मुकदमे दर्ज कर जेल भेजने का कार्य किया जा रहा है। यह संदेश साफ तौर पर दिया जा रहा है की जो भी पत्रकार अथवा जनवादी व्यक्ति जनता के पक्ष में बोलेगा उसकी जगह जेल में है।
सैकड़ों किसान नोएडा से दिल्ली पहुंचे
किसान सभा के महासचिव जगदीश नंबरदार सचिव संदीप भाटी, अजय पाल भाटी, दुष्यंत, सुरेंद्र भाटी, अशोक भाटी, उपाध्यक्ष गवरी मुखिया, राकेश पप्पू ठेकेदार, सुधीर भाटी, सतीश यादव, सुरेंद्र यादव, निरंकार प्रधान, शिशांत, मनवीर भाटी, खानपुर, जितेंद्र भाटी, अजय पाल भाटी, मोनू मुखिया, नरेश नागर, ओमवीर नागर, करतार नागर, सुशील सुनपुरा, डॉ. विक्रम प्रशांत भाटी, गौरव यादव, मोहित नागर, अजब सिंह, नेताजी, विनोद सरपंच और सैकड़ों किसान सभा के कार्यकर्ता शामिल रहे।
Delhi: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के घर खरीददार अब अपनी आवाज उठाने दिल्ली पहुँचे।पिछले एक साल से मालिकाना हक के लिए लड़ाई लड़ रहे घर खरीदारों का सब्र का बांध टूट गया है। एक मूर्ति पर हर रविवार को रजिस्ट्री और पजेशन की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले घर खरीदारों ने अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। पिछले सप्ताह घर खरीदारों ने जंतर-मंतर पर धरना का एलाना किया था। इसी के तहत रविवार को बड़ी संख्या में घर खरीदार दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया।
एक साल में नहीं हुई सुनवाई
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के खरीददार पिछले एक साल से एक मूर्ति पर न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाते आए हैं। अब एक साल पूरा होने पर घर खरीददार दिल्ली पहुंचे। सोसायटी निवासी मिहिर ने बताया कि रजिस्ट्री, अधूरे प्रोजेक्ट और बिल्डर के मनमाने रवैये के खिलाफ आवाज उठाने के एक साल पूरे हो गये हैं। उन्होंने कहा एक साल से हम एक मूर्ति पर धरना दे रहे हैं, लेकिन हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। मिहिर ने कहा राजनेता आते हैं और सुनकर चले जाते हैं, बिल्डर तो दगा देने के लिए ही हैं और अधिकारी सुनने को तैयार ही नहीं है। जबकि हमने लीगल तरीके से ही घर खरीदा है तो हमारा सिस्टम सुनवाई क्यों नहीं कर रहा है।
बिल्डर और प्राधिकरण के बीच पिस रहा खरीददार
मिहिर ने प्राधिकरण पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्राधिकरण कहता है कि उनका बिल्डर से बकाया है, इसलिए उनके फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हो रही। अब बिल्डर की गलती का खामियाजा खरीददार क्यों भरे। प्राधिकरण सीधे बिल्डर से वसूली क्यों नहीं करती, आखिर खरीददार पर उसका बर्डन क्यों डाला जा रहा है। खरीददार इको विलेज-3 में रहने वाले चेतन कपूर ने बताया कि करीब 250 खरीददार कोर्ट गये हैं, उनका प्रोजेक्ट ही अभी तक पूरी नहीं हुआ है, जो प्रोजेक्ट पूरे हुए भी हैं, वहां रजिस्ट्री नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि खरीददार के नाम पर बैंक से बिल्डर ने लोन ले लिया, उसका खामियाजा खरीददार भुगत रहा और मजे बिल्डर और बैंक मिलकर ले रहे हैं।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक निवासी ने बताया कि यहां पर तीन से चार लाख लोग अभी निवास कर रहे हैं। लेकिन यहां पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर कुछ नहीं है। यहां पर अभी तक सरकारी बसें भी नहीं चलाई जा रही है। लोगों के पास दो ऑप्शन है, या तो वो अपने निजी व्हिकल का इस्तेलमाल करें या फिर ऑटो बुक करके कहीं पर जाएं।
ये भी है समस्या
कासा ग्रीन-वन में रहने वाली एक महिला ने बताया कि उन्होंने साल 2014 में घर खरीदा था। उन्होंने बताया करीब दो साल पहले रजिस्ट्री की रकम जमा कर चुकी हैं, इनके अलावा सोसायटी के करीब साढ़े पांच सौ लोग हैं, जिन्होंने रजिस्ट्री और स्टॉम्प की रकम का भुगतान कर चुकी हैं। इसके बावजूद उनके फ्लैट की ना तो रजिस्ट्री हुई, ना ही उन्हें अभी तक ओसी प्राप्त हुई है।
Greater Noia: सुपरटेक लिमिटेड के हजारों घर खरीदार पिछले दस साल से अपने घरो के इंतजार में दर दर भटक रहे हैं। पिछले पांच साल से राष्ट्रीय उपभोक्ता मंच, रेरा, एनसीएलएटी, सुप्रीम कोर्ट, आर्थिक अपराध शाखा और पटियाला हाउस कोर्ट में अपने अधिकारो के लिए लड़ रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार को, सुपरटेक लिमिटेड के 14 प्रोजेक्ट्स से 750 से अधिक होमबायर्स ने जंतर-मंतर पर एक संगठित शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में अपनी सामूहिक आवाज उठाई।
प्रदर्शन करे जा रहे एक व्यक्ति पर हुआ हमला
उल्लेखनीय है कि महेंद्र कुमार महिंद्रा पर रविवार को सुबह जंतर मंतर की ओर जाते समय अज्ञात हमलावरों ने हमला किया। जिससे र उनके हाथ और बांह में चोट आई। होम बायर्स को यह अंदेशा है कि इस घटना के पीछे सुपरटेक प्रबंधन का हाथ है और इसकी न्यायिक जांच की जाए। इस मामले में पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई गई है। घर खरीदारों की आवाज को दबाने के बहुत सारे प्रयास किए जा रहे हैं।
बता दें कि 20 से अधिक वक्ताओं ने घर के मिलने में दस वर्ष से अधिक की देरी, वित्तीय अनियमितताएं, सुपरटेक लिमिटेड के द्वारा अनैतिक तरीके से बीबीए एग्रीमेंट से अधिक पैसे की मांग, आधे अधूरे प्रोजेक्ट और रजिस्ट्रेशन मुद्दों से लेकर IRP के निष्पक्ष तरीके से कार्य न करने के मुद्दों पर बात की।
95 फीसदी पैसे देने के बाद भी नहीं मिला घर
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि हजारो अपने घर की कीमत का 95% या लगभग संपूर्ण राशि सुपरटेक को दे चुके हैं। अभी तक घर के लिए भटक रहे हैं। सुपरटेक की विभिन्न परियोजना 2010 से शुरू हुई थी जो अभी तक अधूरी है। घर खरीदार चौतरफा परेशान है। इनमें ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो घर की ईएमआई और किराया भी दे रहे हैं और इनकम टैक्स में ब्याज का फायदा भी नहीं ले पा रहे हैं। क्योंकि इनको घर का पजेशन नहीं मिला है। जिनको घर मिल गए हैं वह आधी अधूरी बनी सोसायटी में अव्यवस्था और कुप्रबंधन का शिकार है।
होम बायर्स अब एक हो जाएगा
होम बायर्स अब एक हो जाएगाप्रदर्शन के अवसर पर "होम बायर्स अब एक हो जाएगा" शीर्षक से एक प्रेरणादायक कविता भी जारी की गई। जो 'यूनाइटेड होमबायर्स' के बैनर के तहत विभिन्न प्रोजेक्ट्स के होमबायर्स के एकजुट होने को दर्शाती है। प्रदर्शन के बाद संयुक्त प्रतिनिधियों ने मुख्य मांगों को पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति, वित्त मंत्री, माननीय मुख्य न्यायाधीश, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री, IBBI अध्यक्ष, कानून मंत्री, NCLAT अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री को भी एक प्रति भेजी।
प्रदर्शन में इन्होंने निभाई भूमिका
इस शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने के लिए सुमित गुप्ता और कपिल दत्त शर्मा (हिलटाउन), कैलाश चंद्र (अपकंट्री), आयोग रस्तोगी और चेतन कपूर (इको विलेज 3), गुलशन कुमार और आकाश गोयल (नॉर्थ आई), महेंद्र कुमार महिंद्रा (इको विलेज 1) और आचिन मजूमदार (स्पोर्ट्स विलेज) ने विशेष प्रयास किए।
होमबायर्स की मुख्य मांगें
1. एनबीसीसी के समाधान प्रस्ताव में होमबायर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए सुधार किया जाए
2. सुपरटेक लिमिटेड का फोरेंसिक ऑडिट हो, जिससे एनबीसीसी को सभी हितधारकों (घर खरीददार, बैंक एवम अथॉरिटी) के लिए एक मजबूत योजना बनाने में मदद मिले
3. सुपरटेक लिमिटेड के प्रबंधन की भागीदारी को पूरी तरह से हटा दिया जाए
4. सुपरटेक के प्रोमोटर्स की गिरफ़्तारी
5. मौजूदा घर खरीदारों के लिए कोई लागत वृद्धि नहीं ना की जाए
6. भारत सरकार के द्वारा SWAMIH इन्वेस्टमेंट फंड से इंतरिम फंडिंग कराई जाए
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December 17, 2022