सुप्रीम कोर्ट के रोक बावजूद यहां अवैध निर्माण जारी, बिल्डर के खिलाफ केस दर्ज

Greater Noida: सुप्रीम कोर्ट के रोक के बावजूद ग्रेनो वेस्ट में अवैध निर्माण जारी है। शाहबेरी गांव में अवैध रूप से दुकानों का निर्माण कराने पर मेसर्स गणेश इंफाटेक के बिल्डर दिल्ली के आदर्श नगर के सचिन कंसल और बीटा-एक सेक्टर के अतुल जिंदल पर केस दर्ज हुआ है।


5 साल पहले 2 मकान गिरने से 9 लोगों की हुई थी मौत


ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक नाजिम खान ने बिसरख कोतवाली में केस दर्ज कराया है। आरोप लगाया है कि प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में शाहबेरी गांव आता है। सुप्रीम कोर्ट ने यहां निर्माण पर रोक लगाई हुई है। इसके बावजूद प्राधिकरण की बिना अनुमति के सचिन और अतुल अवैध रूप से दुकानों का निर्माण कर रहे हैं। अवैध निर्माण करने से कई बार रोका गया है, इसके बावजूद भी नहीं माने। बता दें कि शाहबेरी गांव में पांच साल पहले दो अवैध भवन गिरने से 9 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद यहां 90 से अधिक अवैध निर्माण के केस दर्ज हो चुके हैं। कई बिल्डर व अन्य आरोपियों को गैंगस्टर आदि के केस में जेल भी भेजा जा चुका है। बिरसख थाने में दर्ज एफआईआर में आरोपियों पर लैंडयूज बदलकर अवैध निर्माण करने का आरोप लगाया गया है।


जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई


ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ रवि कुमार ने बताया कि यदि किसी अधिकारी ने इस तरह की गड़बड़ी कराते हुए लैंड यूज बदलवाया है। यदि इसमें किसी अधिकारी की संलिप्तता पाई जाएगी तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।

By Super Admin | October 04, 2023 | 0 Comments

घर खरीदारों की सुनने वाला कोई नहीं, लगातार 44 सप्ताह से कर रहे विरोध-प्रदर्शन

Greater Noida: रजिस्ट्री और रुके प्रोजेक्ट में काम शुरु करने को लेकर 44वें हफ्ते भी घर खरीदारों ने रविवार विरोध प्रदर्शन किया। घर खरीदारों का कहना है कि सरकार उनके घरों की रजिस्ट्री जल्द से जल्द शुरू करवाए। आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे महेश यादव ने कहा कि अब त्योहारों का मौसम है। घर खरीदारों को सरकार की तरफ़ से रजिस्ट्री और रुके प्रोजेक्ट में काम शुरू करवाने का उपहार देना चाहिए।

बिल्डरों के सताए हुए लोगों को सरकार से भी नहीं मिल रहा न्याय

महेश ने कहा कि कि भले अकेले प्रदर्शन करना पड़े लेकिन विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा। बता दें कि हर रविवार को विभिन्न सोसाइटियों को लोग एकत्रित होकर अपनी मांग सरकार तक पहुंचाने के लिए प्रदर्शन करते आ रहे हैं लेकिन अभी तक कोई फर्क नहीं पड़ा है। ये वह लोग हैं जो बिल्डरों से घर तो खरीद लिए हैं लेकिन उनके फ्लैट की रजिस्ट्री अभी तक नहीं हुई है। वहीं, इस विरोध प्रदर्शन में वे लोग भी शामिल होते हैं, जिन्होंने फ्लैट तो बुक करवा लिया लेकिन बिल्डर ने कई सालों तक प्रोजेक्ट ही नहीं कंपलीट किया, जिससे वह अधर में लटक गए हैं।

By Super Admin | October 16, 2023 | 0 Comments

बिल्डरों की सजा घर खरीदारों को क्यों? प्रदर्शन कर लोगों ने सरकार से पूछा

Greater Noida West: सैकड़ो फ्लैट खरीदार मालिकाना हक के लिए परेशान हैं। अपने आशियाने का हक पाने के लिए पूरे सप्ताह काम करने के बाद अवकाश के दिन रविवार प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। इसी कड़ी में 47 वें हफ्ते भी फ्लैट खरीदारों ने ग्रेनो वेस्ट के एक मूर्ति गोल चक्कर पर एकत्रित होकर प्रदर्शन किया।

कब होगी रजिस्ट्री?


लोगों ने बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इसके साथ ही खरीदारों ने फ्लैट की रजिस्ट्री करने और पजेशन देने की मांग की। ख़रीदारों का कहना है कि सरकार उनके घरों की रजिस्ट्री जल्द से जल्द शुरु करवाए। लोगों ने कहा कि बिल्डर, बैंक और प्राधिकर ने मिलकर उन्हें लूटा है। लोगों ने सरकार से पूछा है कि कब होगी रजिस्ट्री और बिल्डरों की गलती की सजा खरीदारों को क्यों दी जा रही है। लोगों ने कहा कि उनपर अत्याचार बंद किया जाए।

इन सोसाइटियों के लोग प्रदर्शन में हुए शामिल


विरोध प्रदर्शन में इको विलेज 1, इको विलेज 2, इको विलेज 3, आरसिटी रेजिंसी पार्क, अजनारा होम्स, कासा ग्रीन्स वन, ऐपेक्स गोल्फ एवेन्यू, एक्वा गार्डन, संस्कृति, यूनिटेक यनिवर्ल्ड, आम्रपाली के विभिन्न प्रोजेक्ट सहित कई प्रोजेक्ट के घर ख़रीदारों शामिल हुए।

By Super Admin | November 05, 2023 | 0 Comments

ग्रेनो वेस्ट के इन लापरवाह बिल्डरों पर प्राधिकरण का हंटर चेतावनी के साथ भारी जुर्माना

Greater Noida West: सोसाइटी में लगे एसटीपी को ना चलाने पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 6 बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन 6 बिल्डर सोसाइटियों पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। प्राधिकरण ने जुर्माने की रकम एक सप्ताह में जमा कराने के निर्देश भी दिए हैं। जुर्माने की रकम जमा ना जमा कराने और गलती दोहराने पर कठोर कार्रवाई की भी चेतावनी दी है।

औचक निरीक्षण के बाद कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जल/सीवर विभाग के महाप्रबंधक जितेंद्र गौतम ने अपनी टीम के साथ पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित बिल्डर सोसाइटियों का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान 6 सोसाइटियों में खामी मिली। ये बिल्डर सीवरेज को शोधित करने के लिए एसटीपी का संचालन मानकों के अनुरूप काम नहीं कर रहे थे। साथ ही सीवरेज को शोधित किए बिना ही ड्रेनेज सिस्टम में डाला जा रहा था। जबकि इस शोधित पानी का इस्तेमाल पेड़-पौधों की सिंचाई के लिए उपयोग करने का प्रावधान है। औचक निरीक्षण के दौरान ये खामियां मिलने पर प्राधिकरण की टीम ने 6 बिल्डर सोसाइटियों पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

इन बिल्डरों पर लगाया गया जुर्माना

प्रत्येक सोसाइटियों पर पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जिन बिल्डरों पर जुर्माना लगाया गया है। उनमें सेक्टर-2 स्थित प्रोजेक्ट इरोज संपूर्णम, सेक्टर-एक स्थित प्रोजेक्ट राजेश रेजिडेंसी, सेक्टर-1 स्थित ऐस सिटी सोसाइटी, पंचशील बिल्डर का सेक्टर एक स्थित प्रोजेक्ट पंचशील हाईनेस समिति, सेक्टर- एक स्थित स्टेलर जीवन सोसायटी और सेक्टर एक स्थित देविका गोल्ड होम प्रोजेक्ट शामिल हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने चेतावनी दी है कि प्राधिकरण की तरफ से इस तरह का औचक निरीक्षण आगे भी जारी रहेगा। जिन सोसाइटियों में एसटीपी चलता नहीं पाया गया, या वहां सीवरेज को शोधित किए बिना ही ड्रेनेज में डालते पाया गया, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सोसाइटियों से एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल सिंचाई कार्यों में करने की अपील की है।

By Super Admin | December 09, 2023 | 0 Comments

नोएडा और ग्रेनो में फ्लैट खरीदारों को मिली बड़ी राहत, जल्द होगी रजिस्ट्री और मिलेगा पजेशन

Noida: लाखों घर खरीदने वालों और बिल्डरों की समस्याओं का हल निकालने के लिए गठित अमिताभ कांत समिति की रिपोर्ट अब उत्तर प्रदेश में भी लागू होगी। मंगलवार को यूपी कैबिनेट के बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ नोएडा-एनसीआर के 2.40 लाख फ्लैट आवंटियों की न केवल रजिस्ट्री होगी बल्कि बिल्डर की लापरवाही की वजह से प्राधिकरणों द्वारा लगाई गई पेनाल्टी भी माफ होगी। इस फैसले से केवल यूपी के ही लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये के रीयल इस्टेट प्रोजेक्ट्स की राह की बाधाएं खत्म होंगी।

पहले चरण में 1 लाख फ्लैट खरीदारों को मिलेगी राहत

अमिताभ कांत समिति की संस्तुति के आधार पर बिल्डरों को छूट देने के बाद अब नोएडा और ग्रेनो के करीब एक लाख फ्लैट खरीदारों को तुरंत राहत मिलेगी। पहले चरण में फ्लैटों के निर्माण और कब्जे के अलावा रजिस्ट्री हो पाएगी। हालांकि इसके लिए बिल्डरों को छूट के बाद बकाये की राशि चुकानी होगी। दूसरे चरण में एक लाख से अधिक फ्लैट खरीदारों को चरणबद्ध तरीके से राहत मिलेगी। क्योंकि इनके मामले अभी कोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में फंसे हुए हैं।

बिल्डरों को ब्याज में मिलेगी छूट

बता दें कि सरकार की ओर से बिल्डरों को 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक और एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक की कोविड की अवधि को जीरो पीरियड घोषित किया गया है। इस अवधि के लिए बिल्डरों को ब्याज से छूट मिलेगी। इसके अलावा उनको दंडात्मक ब्याज से मुक्ति मिलेगी। बिल्डरों को बकाये का 25 प्रतिशत तुरंत जमा कराने के बाद ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) मिलना शुरू हो जाएगा। बाकी 75 प्रतिशत राशि तीन साल में जमा करनी होगी। इस तरह से बिल्डरों को बकाये से पूरी मुक्ति मिल जाएगी और फ्लैट खरीदारों को वर्षों का सपना पूरा होने का रास्ता खुल जाएगा।

नोएडा में 118 प्रोजेक्ट

जानकारी के मुताबिक नोएडा में कुल 118 परियोजनाएं हैं। इनमें से 24 में किसी तरह का बकाया नहीं है। बची हुई 87 परियोजनाओं में बिल्डरों को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। इनमें से 14 परियोजनाएं अलग-अलग कोर्ट में हैं। वहीं, 17 परियोजनाएं एनसीएलटी में हैं। 26 परियोजनाएं अधूरी तो 30 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। पहले चरण में नोएडा की 56 परियोजनाओं के 31,700 फ्लैट खरीदारों को फायदा होगा। इनमें से अधूरी परियोजनाओं के 25 हजार और पूरी हो चुकी परियोजनाओं के 6700 खरीदार शामिल हैं। इन परियोजनाओं पर प्राधिकरण का 7800 करोड़ रुपये बकाया हैं। बकाये में करीब 1800-1900 करोड़ की छूट को हटा दें तो बिल्डरों से बाकी बचे हुए पैसे जमा कराने के बाद फ्लैटों की रजिस्ट्री और कब्जे की कवायद की जा सकेगी।

ग्रेटर नोएडा में 191 प्रोजेक्ट


इसी तरह से ग्रेनो में कुल 191 परियोजनाएं हैं। इनमें से 50 परियोजनाओं पर एक बकाया नहीं है। 124 परियोजनाओं के बिल्डरों को डिफॉल्टर श्रेणी में रखा गया है। इनमें से 28 परियोजनाएं अलग-अलग कोर्ट और एनसीएलटी में हैं। इनमें से बाकी बची 96 परियोजनाओं के करीब 68 हजार फ्लैट खरीदारों को तुरंत राहत मिलेगी। हालांकि इन बिल्डरों पर प्राधिकरण का 5568 करोड़ का बकाया है। अगर छूट की राशि घटा दें तो करीब 4200 करोड़ रुपये बचते हैं, जिसे नियम के तहत चुकाना होगा।

By Super Admin | December 20, 2023 | 0 Comments

ग्रेनो प्राधिकरण ने 37 बिल्डरों को भेजा नोटिस, सोसाइटियों में एसटीपी नहीं तो लगेगा जुर्माना

Greater Noida: सोसाइटी के सीवर को शोधित करने के लिए मानकों के अनरूप एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण व संचालन न करने वाले 37 बिल्डरों को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नोटिस जारी किया है। प्राधिकरण ने एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर लीज डीड की शर्तों के अनुरूप कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। ग्रेटर नोएडा की अलग-अलग सोसाइटी के निवासियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार से शिकायत की थी कि एसटीपी से शोधित किए बिना ही सीवरेज को नाले में बहाया जा रहा है।

अशोधित सीवरेज को नाले में बहाने पर ग्रेनो प्राधिकरण ने की सख्ती

दरअसल, ग्रेटर नोएडा में 20 हजार वर्ग मीटर या उससे अधिक एरिया पर बनने वाले सभी प्रोजेक्टों को अपना एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाना और उसे फंक्शनल रखना अनिवार्य है, लेकिन कई सोसाइटियों के निवासी प्राधिकरण से लगातार शिकायत कर रहे थे कि उनके यहां एसटीपी नहीं बने हैं। कुछ सोसाइटियों में एसटीपी बने हैं तो वह फंक्शनल नहीं हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सर्वे में भी 37 सोसाइटियों में बने एसटीपी मानकों के अनुरूप नहीं मिले। इनमें से कुछ एसटीपी मानकों के अनुरूप बने नहीं हैं और कुछ का संचालन ठीक से नहीं हो रहा।

एक सप्ताह में मांगा जवाब

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी के निर्देश पर सीवर विभाग की तरफ से 37 बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में प्राधिकरण ने एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर लीज डीड की षर्तों के अनुरूप कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि जिन बिल्डरों ने अपने रिहायशी प्रोजेक्ट में एसटीपी नहीं बनाए हैं, वे एसटीपी बनाकर शीघ्र चालू करें। जिन सोसाइटियों में बने हैं वे उनको नियमित रूप से संचालित करें। सीवर को शोधित करना अनिवार्य है। शोधित पानी को उद्यानीकरण में उपयोग करें। एनजीटीए की तरफ से भी इस बाबत सख्त आदेश दिए गए हैं। ऐसा न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन सोसाइटियों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बावजूद सुधार न हुआ तो एनजीटी के आदेशों के मद्देनजर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

जल को प्रदूषित करने की किसी को अनुमति नहीं

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा कि जल को स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। इसे प्रदूषित करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती। जिन बिल्डर सोसाइटियों में एसटीपी नहीं बने हैं वे शीघ्र बनाकर उसे नियमित रूप से संचालित करें और जिन सोसाइटियों में बने हैं , लेकिन फंक्शनल नहीं है वे उनको तत्काल फंक्शनल करें। अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इन 37 बिल्डरों को जारी हुआ है नोटिस

  1. अजय इंटरप्राइज इरोज संपूर्णम सेक्टर दो
  2. निराला प्रोजेक्ट्स निराला ग्रीन सफायर सेक्टर दो
  3. एस इनफ्रासिटी एस सिटी सेक्टर एक
  4. स्टेलर कॉन्सिलेशन स्टेलर जीवन सेक्टर एक
  5. पैरामाउंट होमलैंड पैरामाउंट सेक्टर एक
  6. ट्राइडेंट इन्फ्राहोम ट्राइडेंट एंबेसी सेक्टर एक
  7. राजहंस इफ्राटेक राजहंस रेजीडेंसी सेक्टर एक
  8. अरिहंत इंफ्रा रियलेटर्स अरिहंत आर्डन सेक्टर एक
  9. वैलेंसिया होम्स हवेलिया वेलेंसिया सेक्टर एक
  10. सुपरटेक सुपरटेक इकोविलेज 1 सेक्टर एक
  11. पंचशील बिल्डटेक पंचषील हाइनिश सेक्टर एक
  12. स्टेलर स्प्रिंग स्टेलर वन सेक्टर एक
  13. अर्थकॉन यूनिवर्सल कासा रॉयल सेक्टर एक
  14. कैपिटल इंफ्राटेक होम्स कैपिटल एथेना सेक्टर एक
  15. स्टारसिटी रियल एस्टेट ऐस डिविनो सेक्टर एक
  16. अल्पाइन इंफ्रा प्रोजेक्ट्स एआईजी रॉयल सेक्टर एक
  17. एम्स गोल्फ टाउन एम्स ग्रीन एवेन्यू सेक्टर-4
  18. आस्था इंफ्रा सिटी आस्था स्ट्रीट सेक्टर-4
  19. साया बिल्डकॉन साया जिऑन सेक्टर-4
  20. देविका गोल्ड होम्स देविका गोल्ड होम्स सेक्टर-1
  21. गौड़ संस प्रमोटर्स संस्कृति विहार 10 एवेन्यू सेक्टर-16सी
  22. जिंदल प्रमोटर्स रक्षा अडेला सेक्टर-16सी
  23. सोलिटियर्स इंफ्राहोम रक्षा अडेला सेक्टर-16सी
  24. पृथ्वी लिंक बिल्डवेल वीवीआईपी होम्स सेक्टर-16सी
  25. एंजल इफ्राहाइट्स गैलेक्सी रॉयल सेक्टर-16सी
  26. जियोटेक होम्स प्रिस्टिन एवेन्यू सेक्टर-16सी
  27. वॉलरॉक इंफ्राटेक ऐश्वर्यम सेक्टर-16सी
  28. महागुन इंडिया महागुन मायवुड सेक्टर-16सी
  29. गैलेक्सी ड्रीम होम्स गैलेक्सी नॉर्थ एवेन्यू-2 सेक्टर-16सी
  30. टाउनपार्क बिल्डकॉन व्हाइट ऑर्किड सेक्टर-16सी
  31. सैम इंडिया पाम ओलंपिया सेक्टर-16सी
  32. आरसिटी इंफ्रास्ट्रक्चर आरसिटी रेेजीडेंसी पार्क सेक्टर-16सी
  33. बुलंद बिल्डटेक बुलंद बिल्डटेक सेक्टर-16सी
  34. जेकेजी कंस्ट्रक्शन जेकेजी पाम कोर्ट सेक्टर-16सी
  35. इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी एग्जोटिका ड्रीमविले सेक्टर-16सी
  36. जेएनसी कंस्ट्रक्न जेएनसी द पार्क सेक्टर-16सी
  37. 37. ज्योतिर्मय इंफ्राकॉन वेदांतम सेक्टर-16सी


By Super Admin | December 21, 2023 | 0 Comments

ग्रेटर नोएडा: प्राधिकरण ने 28 और बिल्डरों को भेजा नोटिस, एसटीपी नहीं तो लगेगा जुर्माना

Greater Noida: सोसाइटी के सीवर को शोधित करने के लिए मानकों के अनरूप सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण व संचालन न करने वाले 28 और बिल्डर सोसाइटियों को प्राधिकरण ने नोटिस जारी किया है। प्राधिकरण ने एक सप्ताह के अन्दर स्पष्टीकरण मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर लीज डीड की शर्तों के अनुरूप कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। बता दें इससे पहले प्राधिकरण ने 37 बिल्डर सोसाइटियों के लिए नोटिस जारी किए थे।

65 बिल्डरों को मिल चुका है नोटिस:

बता दें ग्रेटर नोएडा की अलग-अलग सोसाइटी के निवासियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार से शिकायतों की थी कि एसटीपी से शोधित किए बिना ही सीवरेज को नाले में बहाया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सर्वे में भी कई सोसाइटियों में बने एसटीपी मानकों के अनुरूप नहीं मिले। इनमें से कुछ एसटीपी मानकों के अनुरूप के अनुरूप बने नहीं हैं और कुछ का संचालन ठीक से नहीं हो रहा, जिसके चलते ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी के निर्देश पर सीवर विभाग की तरफ से पूर्व में 37 बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया था। अब 28 और बिल्डर सोसाइटियों के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।

एक सप्ताह भीतर मांगा स्पष्टीकरण:

नोटिस में प्राधिकरण ने एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर लीज डीड की शर्तों के अनुरूप कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि जिन बिल्डरों ने अपने रिहायशी प्रोजेक्ट में एसटीपी नहीं बनाए हैं, वे एसटीपी बनाकर शीघ्र चालू करें। जिन सोसाइटियों में बने हैं वे उनको नियमित रूप से संचालित करें। सीवर को शोधित करना अनिवार्य है। शोधित पानी को उद्यानीकरण में उपयोग करें एनजीटी की तरफ से भी इस बाबत सख्त आदेश दिए गए हैं। ऐसा न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन सोसाइटियों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बावजूद सुधार न हुआ तो एनजीटी के आदेशों के मद्देनजर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

सोसाइटी के निवासी लगातार कर रहे शिकायत:

बता दें कि ग्रेटर नोएडा में 20 हजार वर्ग मीटर या उससे अधिक एरिया पर बनने वाले सभी प्रोजेक्टों को अपना एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाना और उसे फंक्शनल रखना अनिवार्य है, लेकिन कई सोसाइटियों के निवासी प्राधिकरण से लगातार शिकायत कर रहे थे कि उनके यहां एसटीपी नहीं बने हैं। कुछ सोसाइटियों में एसटीपी बने हैं तो वह फंक्शनल नहीं हैं। अब प्राधिकरण ऐसे बिल्डरों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।

इन 28 बिल्डरों को जारी हुआ है नोटिस:

  1. गौड़ सिटी 4 एवेन्यू सेक्टर-4, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  2. गौड़ सिटी 5 एवेन्यू सेक्टर-4, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  3. गौड़ सिटी 6 एवेन्यू सेक्टर-4, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  4. गौड़ सिटी 7 एवेन्यू सेक्टर-4, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  5. गोल्फ होम सेक्टर-4, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  6. पार्क एवेन्यू-1 सेक्टर-4, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  7. गैलेक्सी नॉर्थ एवेन्यू सेक्टर-4, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  8. गौड़ सिटी 11 एवेन्यू सेक्टर-16सी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  9. गौड़ सिटी 12 एवेन्यू सेक्टर-16सी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  10. गौड़ सिटी 14 एवेन्यू सेक्टर-16सी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  11. गौड़ सिटी 16 एवेन्यू सेक्टर-16सी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  12. अजनारा ली गार्डन, सेक्टर-16, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  13. गुलशन बेलेना, सेक्टर-16, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  14. निराला एस्पायर, सेक्टर-16, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  15. पंचशील ग्रींस टू, सेक्टर-16, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  16. कासा ग्रीन, सेक्टर-16, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  17. लासोलरा, सेक्टर-16, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  18. रॉयल कोर्ट, सेक्टर-16, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  19. विक्ट्री वन, सेक्टर-16, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  20. केबीनोज ग्रीन, सेक्टर-16, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  21. रतन पर्ल, सेक्टर-16, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  22. सुपरटेक ईको विलेज टू, सेक्टर-16बी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  23. पंचशील ग्रीन-1, सेक्टर-16बी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  24. अजनारा होम्स, सेक्टर-16बी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  25. राधा स्काई गार्डन, सेक्टर-16बी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  26. सुपरटेक ईको विलेज-3,सेक्टर-16बी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  27. फ्रेंच अपार्टमेंट, सेक्टर-16बी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
  28. गौड़ सौंदर्यम, सेक्टर टेकजोन-4, ग्रेटर नोएडा वेस्ट

By Super Admin | January 02, 2024 | 0 Comments

ग्रेटर नोएडा: लापरवाही बरतने पर 28 बिल्डर को भेजा गया नोटिस, जानिए क्या है कारण

Greater Noida: प्राधिकरण ने बिल्डरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 28 बिल्डर को नोटिस जारी किया है। एसटीपी प्लांट नहीं चलाने पर बिल्डर के खिलाफ प्राधिकरण ने ये कार्रवाई की है। इसके पहले 20 दिसंबर को 37 सोसायटी में एसटीपी प्लांट नहीं चलाए जाने पर नोटिस भेजा गया था।

जुर्माने की तैयारी:

बता दें कि ग्रेटर नोएडा में 20 हजार वर्ग मीटर या उससे अधिक एरिया पर बनने वाले सभी प्रोजेक्टों को अपना एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाना और उसे फंक्शनल रखना अनिवार्य है, लेकिन कई सोसाइटियों के निवासी प्राधिकरण से लगातार शिकायत कर रहे थे कि उनके यहां एसटीपी नहीं बने हैं। कुछ सोसाइटियों में एसटीपी बने हैं तो वह फंक्शनल नहीं हैं। अब प्राधिकरण ऐसे बिल्डरों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। ग्रेनो प्राधिकरण ने कहा कि अगर बिल्डर एसटीपी प्लांट चालू नही करते हैं तो प्राधिकरण जुर्माना लगाने की तैयारी कर रहा है।

इसके पहले भी बिल्डरों को मिल चुका है नोटिस:

बता दें ग्रेटर नोएडा की अलग-अलग सोसाइटी के निवासियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार से शिकायतों की थी कि एसटीपी से शोधित किए बिना ही सीवरेज को नाले में बहाया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सर्वे में भी कई सोसाइटियों में बने एसटीपी मानकों के अनुरूप नहीं मिले। इनमें से कुछ एसटीपी मानकों के अनुरूप के अनुरूप बने नहीं हैं और कुछ का संचालन ठीक से नहीं हो रहा, जिसके चलते ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी के निर्देश पर सीवर विभाग की तरफ से पूर्व में 37 बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया था। अब 28 और बिल्डर सोसाइटियों के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।

By Super Admin | January 03, 2024 | 0 Comments

घपलेबाज बिल्डरों की बत्ती गुल! पांचवें दिन भी IT रेड जारी, हजार करोड़ की हेराफेरी

Noida: गौतमबुद्ध नगर में रियल स्टेट कारोबारियों (Real Estate Developers) पर इनकम टैक्स की रेड सोमवार को पांचवें दिन भी जारी है। आयकर विभाग की टीम ने अब तक अरबों में कैस ट्रांजेक्शन को पकड़ा है। इनमें नोएडा के नामचीन बिल्डरों के नाम शामिल हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 500 करोड़ रुपये की कैश ट्रांजेक्शन पकड़ी गई है।

कैश और नगदी भी बरामद

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक करीब 5 करोड़ रुपये कैश और 7 करोड़ की ज्वैलरी बरामद की गई है। सूत्रों के मुताबिक ये बिल्डर टैक्स से बचने के लिए अपने प्रोजेक्ट में 500 करोड़ रुपये के कैश को खपाया है। जिन बिल्डरों के ये यहां आईटी रेड जारी है उनमें लॉजिक्स, एडवांट, ग्रुप 108 और भूटानी के नाम शामिल हैं। इसके अलावा इसमें रियल स्टेट के बड़े ब्रोकर भी शामिल हैं।

अब तक पूछताछ में क्या आया सामने

इस पूछताछ और दस्तावेजों की छानबीन में भूटानी और 108 ग्रुप के काले कारनामों को IT टीम ने उजागर किया। इसके अलावा भूटानी की काली कमाई को इनकम टैक्स की टीम ने खोजा। आयकर विभाग की टीम को इस छापेमारी के दौरान दो हजार करोड़ लोन में खेल का खुलासा किया है। लॉजिक्स, एडवेंट और ग्रुप 108 बिल्डर के यहां तीन दिन पहले छापेमारी की गई थी। वहीं दो ब्रोकर कंपनियों के यहां भी रेड डाली गई थी। नोएडा IT की इन्वेस्टीगेशन विंग ये छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ग्रुप कैश में प्रोजेक्ट बेचते थे।

By Super Admin | January 08, 2024 | 0 Comments

फ्लैट बायर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, अब जल्द होगी फ्लैटों की रजिस्ट्री!

Greater Noida: उत्तर प्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप गौतम बुद्ध नगर में स्टांप राजस्व में बढ़ोतरी करने और फ्लैट बायर्स के फ्लेटों की रजिस्ट्री करने के उद्देश्य से मंगलवार को डीएम मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में बैठक हुई.

डीएम ने सुनी फ्लैट बायर्स की समस्या

इस दौरान फ्लैट बायर्स ने जिलाधिकारी के सामने अपनी समस्या रखी. उन्होंने कहा कि बिल्डर को फ्लैट की पूरी धनराशि भुगतान करने के बावजूद भी बिल्डर्स ने अब तक फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं कराई है, जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित बिल्डर्स से जवाब मांगा. तो बिल्डर्स ने बताया कि प्राधिकरण से ओसी नहीं मिलने के कारण फ्लैटों की रजिस्ट्री करने में देरी हो रही है.

डीएम का बिल्डर्स को निर्देश

जिलाधिकारी ने सभी बिल्डर्स को निर्देश देते हुए कहा कि प्राधिकरण की ओर से जिन फ्लेटों की रजिस्ट्री के लिए ओसी मिल गई है, उनके फ्लैट्स की रजिस्ट्री जल्द से जल्द कराई जाए. साथ ही बिल्डर्स को निर्देश दिए कि फ्लैट बायर्स का अनावश्यक रूप से शोषण न किया जाये.

इसके अलावा जिलाधिकारी ने स्टांप और रजिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप जनपद के स्टांप राजस्व में अधिक से अधिक वृद्धि करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि संज्ञान में आ रहा है कि बहुत से बिल्डर्स ने बिना रजिस्ट्री कराए ही फ्लैट बायर्स को कब्जा दे दिया है, जिससे काफी स्टांप राजस्व की हानि हो रही है.

इन बिल्डर्स की साइट सील

वहीं, बैठक में महागुन और मिगशन बिल्डर्स उपस्थित नहीं हुए, जिस कारण डीएम ने उनसे संबंधित फ्लैट बायर्स की अधिक समस्या होने के उनकी साइट को सील करने के निर्देश दिए है.

By Super Admin | February 27, 2024 | 0 Comments

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