Noida: दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के चलते यहां की हवा जहरीली हो गई है। दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में बढ़ते प्रदूषण के चलते हालात बेकाबू होने लगे हैं। आलम ये है कि यहां सांस लेना भी अब दूभर हो रहा है। जो लोग पहले से सांस की बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए ये मौसम बेहद घातक साबित होने लगा है। स्वस्थ्य लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। साथ ही आंखों में चुभन महसूस हो रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कक्षा-5 तक के स्कूल बंद कर दिये गये हैं।
जहरीली हुई हवा
आलम ये है कि AQI लेवल तेजी से बढ़ने के चलते हालात चिंताजनक हो गये हैं। शुक्रवार को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल तेजी से बढ़ा था। यहां पर एक्यूआई 400 के पार हो चुका है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में चारों तरफ धुआं ही धुआं नजर आ रहा है। ऐसे में केंद्रीय वायु प्रदूषण आयोग ने पूरे एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांश एक्शन प्लान-3 लागू कर दिया है। GRAP-3 लागू होते ही निर्माण कार्यों में रोक लगा दी गई है। साथ ही बीएस-3 और बीएस-4 वाहनों पर पाबंदी लगा दी गई है।
और भी बिगड़ेंगे हालात
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले दिनों में हालात और भी चिंताजनक होने वाले हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण और भी भयंकर रूप धारण कर सकता है। ऐसे में सभी से अनुरोध किया जा रहा है कि वो प्रदूषण को बढ़ने से रोकने के लिए अपनी भागेदारी दे सकते हैं। जैसे कि डीजल वाहनों का प्रयोग ना करें, कहीं पर भी कचड़ा ना जलाएं, अगर जरूरी ना हो तो घर से बाहर ना निकलें। अगर दिल्ली एनसीआर में एक्यूआई की बात करें तो दिल्ली में AQI-700 के पार हो चुका है। वहीं नोएडा में 402 और ग्रेटर नोएडा में ये लेवल 500 के भी पार जा चुका है।
Greater Noida West: दिल्ली एनसीआआर में इस समय हवा जहरीली हो गई है। जिससे एनसीआर के नोएडा समेत अन्य शहरों में रह रहे लोगों को सांस भी लेना दूभर होता जा रहा है। जिसको लेकर बहुत चिंतित हैं। इसी कड़ी में बढ़ते वायु प्रदूषण और सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक मूर्ति चौक पर सैंकड़ो लोग प्रदर्शन किया। सामूहिक जिम्मेदारी के साथ एकजुट हुए नागरिकों ने वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने के लिए एक प्रभावी योजना की मांग की। इसके साथ ही दुमघोटु वायु प्रदूषण रोकने के लिए व्यापक उपाय करने और सरकारी हस्तक्षेप की मांग की।
आंखों में जलन और सांस लेने में हो रही कठिनाई
नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि बिगड़ती हवा की गुणवत्ता के कारण कई नागरिकों को आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई होती है। अभिषेक ने सरकार को अपने लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी याद करने की अपील की। प्रदूषण संकट से निपटने के लिए एक प्रभावी समाधान की शीघ्र तैयारी और निष्पादन करने की मांग की।
वायु प्रदूषण का प्रभाव बच्चों पर अधिक
एनसीआर पेरेंट्स एसोसिएशन फाउंडर व शिक्षा कार्यकर्ता सुखपाल सिंह तूर ने बताया के वायु प्रदूषण के कई प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों से वयस्कों की तुलना में बच्चों को अधिक खतरा है। हमें उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए वायु गुणवत्ता में सुधार बेहद जरूरी है। प्रदर्शनकारियों की एकजुट होकर कहा कि सरकार वायु प्रदूषण के गंभीर मुद्दे को दूर करने के लिए निर्णायक कदम उठाए। सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा के लिए तेज और प्रभावी उपायों के महत्व पर जोर दिया जाय। यह विरोध प्रदर्शन सरकारी अधिकारियों के लिए कार्रवाई का आह्वान और एनसीआर के निवासियों की भलाई को प्राथमिकता देने की तत्काल आवश्यकता के लिए था।
लोगों ने शुरू किया पलायन
मिहिर गौतम ने कहा कि आँखों में जलन और सांस से सम्बंधित समस्याओं को चलते लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया है। इस सम्बन्ध में अगर कोई एक्शन नहीं लिया गया तो इसके रोजगार के अवसर और एनसीआर की अर्थव्यवस्था पर दूरगामी परिणाम होंगे। दीपक गुप्ता, राज कुमार, ज्योति, अनुपमा, गंगेश,राज कुमार और अन्य प्रदर्शनकारियों ने बढ़ते प्रदुषण पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार अगर अब भी नहीं जागती तो मजबूरन बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करना पड़ेगा।
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