DPS NTPC में बायोटेक्नोलॉजी कार्यशाला का आयोजन, 'एडूडएप' की मदद से करियर के अवसर के बारे में दी गई जानकारी

Greater Noida: बायोटेक्नोलॉजी साइंस की वो ब्रांच है, जिसमें बायोलॉजी और टेक्नोलॉजी के आश्चर्यजनक मेल से रॉ मेटीरियल्स को आश्चर्यजनक इनोवेशन्स, डिस्कवरीज और प्रोडक्ट्स में बदला जाता है। भारत विश्व के टॉप 12 बायोटेक डेस्टिनेशन्स में से एक है और एशिया पेसिफिक में इसका तीसरा रैंक है। इस फील्ड के तहत सभी संभावित करियर के अवसर जैसे, फार्मास्यूटिकल, फूड मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, एजुकेशन और रिसर्च से संबद्ध कार्य शामिल हो गये हैं।

बायोटेक्नोलॉजी का विकास में बेहद अहम रोल

बायोटेक्नोलॉजी के योगदान को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। चाहे वो बायोफर्टिलाइज़र्स, बायोपेस्टीसाइड्स, ग्रीन रेवोलुशन या आईटी की फ़ील्ड में रेवोलुशन लाने वाली बायोइन्फॉर्मेटिक्स से संबंधित मुद्दे हो। बायोटेक्नोलॉजी भारत के युवा वर्ग के लिए रोज़गार के ढेरों अवसर मुहैया करवा रही है। बायोटेक्नोलॉजी पढ़ने वाले छात्रों के कई अन्य क्षेत्र में भी करियर के अभूतपूर्व विकास के लिए काफी संभावनाएं हैं। मेडिकल राइटिंग्स, कॉलेज और विश्वविद्यालय, फार्मास्युटिकल कंपनियां, आईटी कंपनियां, हेल्थ केयर सेंटर्स, एग्रीकल्चर सेक्टर, एनिमल हसबेंड्री, जेनेटिक इंजीनियरिंग, रिसर्च लैबोरेट्रीज और फ़ूड मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में भी इस फील्ड के विद्यार्थियों के लिए आपार संभावनाएं हैं।

10वीं से 12वीं के छात्रों के लिए कार्यशाला का आयोजन

इन्हीं सब बातों को ध्यान में लाने के लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल एन टी पी सी विद्युत नगर में बृहस्पतिवार को बायोटेक्नोलॉजी कार्यशाला कक्षा दसवीं से बारहवीं तक के जीव विज्ञान के छात्र छात्राओं के लिए 'एडूडएप' के सहयोग से आयोजित हुई। कार्यशाला में छात्र पूरी तत्परता और रूचि लेते हुए प्रयोगों में तल्लीन दिखाई दिए। "एडूडएप" के ट्रेनर अलमज़ ज़ाकी का कहना था कि बच्चों में सीखने की बहुत ज्यादा लगन है। मौके पर बोलते हुए 'एडडूएप' के डायरेक्टर ध्रुव सैनी ने विद्यालय के साथ अपने लम्बे संपर्क को साझा करते हुए कहा कि डीपीएस बच्चों के सर्वांगीण विकास में सदैव तत्पर रहता है। इस तरह की कार्यशाला आज के समय में बेहद जरूरी होती जा रही है।

व्यवहारिक अनुभव लंबे समय रहते हैं याद

प्रधानाचार्या पूनम दुआ ने जीव विज्ञान विभाग की पहल की सराहना करते हुए कहा कि छात्र जो विषय व्यवहारिक अनुभव से सीखते हैं, उसे अधिक समय तक याद रख पाते हैं। इस तरह के कार्यशाला विद्यालय समय-समय पर करवाता रहता है। जिससे छात्र लाभान्वित होते रहें।

By Super Admin | November 09, 2023 | 0 Comments

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