इस समय महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की काफी चर्चा है। लाल-नीली बत्ती वाली ऑडी कार की तस्वीर इंटरनेट पर वायरल होने के बाद उनकी लैविश लाइफस्टाइल से लेकर फेक विकलांगता प्रमाण पत्र तक की खूब चर्चा हो रही है। वहीं, फर्जी प्रमाण पत्र जमा कर आईएएस बनने के आरोपों की जांच के लिए केंद्र सरकार ने समिति का गठन कर दिया है।
कैटेगिरी को लेकर उठे सवाल
बता दें कि पूजा ने 2019 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा सामान्य श्रेणी में दी थी। तब उनके अच्छे नंबर नहीं आए थे। इसके बाद 2022 में पूजा ने नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी श्रेणी के तहत परीक्षा दी, फिर भी नहीं चयन हुआ। क्योंकि इस वर्ष इसी श्रेणी के अंतिम रैंकिंग 434 थी, लेकिन पूजा ने शारीरिक दिव्यांगता का प्रमाण पत्र देकर यह बाधा भी बार कर ली। यहां तक कि आईएएस अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य मेडिकल जांच कराने से भी कतराती रहीं। छह बार इस जांच से कन्नी काट गईं। जबकि, पूजा ने 2019 में यूपीएससी की परीक्षा देते समय शारीरिक दिव्यांगता का प्रमाणपत्र नहीं दिया था।
वरिष्ठ अधिकारी का सामान निकलवाकर चैंबर पर किया कब्जा
हाल ही में पूजा अपनी ऑडी कार में नियम विरुद्ध लाल बत्ती लगाकर चल रही थीं। इसके बाद पुलिस ने भारी भरकम चालान काटते हुए पुणे से वाशिम में ट्रांसफर कर दिया था। लेकिन यहां ज्वाइन करने से पहले पूजा ने गाड़ी, स्टाफ अलग केबिन और आवास की डिमांड कर दी थी। लेकिन ट्रेनी आईएएस के लिए अभी तक यह सुविधा नहीं दी जाती। इस पर पूजा जब वाशिम में ज्वाइन किया तो अपने वरिष्ठ अपर जिलाधिकारी के एंटी चैंबर से उनका सामान बाहर निकलवाकर उस कक्ष पर कब्जा कर लिया।
पिता के पास 40 करोड़ संपत्ति
बता दें कि पूजा के पिता वंचित बहुजन आघाड़ी के टिकट पर चुनाव लड़ते समय अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई थी। पूजा खेडकर के पास भी 17 करोड़ की संपत्ति है। फिर भी उन्होंने ओबीसी की नॉन क्रीमी लेयर के तहत यूपीएससी परीक्षा दे दी, इस पर सवाल उठ रहे हैं।
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December 17, 2022