सावन माह में 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा से पहले यूपी पुलिस ने एक ऐसा फरमान जारी कर दिया है, जिससे मुसलिम समाज में आक्रोश फैल गया है। इसके साथ ही विपक्ष भी विरोध पर उतर आया है। दरअसल, मुज्जफरनगर के एसपी ने कांवड़ मार्ग की सभी दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया है। एसपी ने सभी दुकानदारों को निर्देश दिया था कि वो अपनी-अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वालों का नाम जरूर लिखें, जिससे कांवड़ियों में किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन न हो।
मुजफ्फरनगर में 240 किमी कांवड़ मार्ग
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा का करीब 240 किलोमीटर का रूट पड़ता है। कावड़ मेले के दौरान शिव भक्त कावड़िए हरिद्वार हर की पौड़ी से गंगाजल उठाकर मुजफ्फरनगर से होते हुए अपने-अपने गंतव्य की ओर जाते हैं। इसी जिले से होते हुए कांवड़िए हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और यूपी के अलग-अलग जिलों में जाते हैं। इसी को लेकर एसएसपी ने निर्देश दिया था। पुलिस के निर्देश के बाद दुकानदारों ने अपने-अपने नाम के साथ किस चीज की दुकान है, उसका नाम लिखकर पोस्टर लगाने शुरू कर दिए हैं। किसी ने ठेले पर आरिफ आम वाला तो किसी ने निसार फल वाला की पर्ची लिखकर टांग ली है।
मुजफ्फरनगर के एसएसपी का आदेश
मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बुधवार को कहा था कि जिले में 240 किलोमीटर का कांवड़ मार्ग है तो इसमें जितनी भी खाने-पीने की दुकानें हैं। होटल, ढाबे या ठेले से कांवड़ियां अपनी खाद्य सामग्री खरीद सकते हैं। उन सबको निर्देश दिए गए हैं कि अपने प्रोपराइटर या काम करने वालों के नाम जरूर लिखें। ताकि किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन किसी भी कावड़िया के अंदर ना रहे और ऐसी स्थिति न बने, जिससे कहीं कोई आरोप-प्रत्यारोप हो और बाद में कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो।
औवैसी ने फरमान को बताया हिटलरशाही
एसएसपी के इस निर्देश को लेकर AIMIM चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी भड़क उठे हैं. उन्होंने 'X' पर लिखा, " उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले. इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम 'Judenboycott' था."
ऐसे आदेश सामाजिक अपराधः अखिलेश
वहीं, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विरोध जताते हुए एक्स पर लिखा है कि … और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।
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October 05, 2024