Greater Noida के एक गांव में जंगली जानवर ने पालतू पशु पर हमला कर उसको मौत के घाट उतार दिया. सुबह किसान को पालतू पशु का शव मिला, तेंदुए के हमले से पशु की मौत की आशंका जताई जा रही है. इस घटना से गांव में दहशत का माहौल है, सुचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पशु के शव को कब्जे में लेकर मामले की जाँच में जुट गयी..
जंगली जानवर के हमले से विचलित हुए लोग
बादलपुर थाना क्षेत्र के कचेड़ा गांव में खबर फैली कि एक जंगली जानवर के हमले से एक पालतु जानवर की मौत हो गई. इससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया और घटना स्थल पर ग्रामीणों की भीड़ इक्कठा हो गई. इस घटना से गांव वालों को अपने बच्चों और उनकी सलामती की चिंता सताने लगी.
पुलिस टीम को दी खबर
गांव में पशु पर हुए हमले की खबर आग की तरह फैल गई, कई लोगों को तो तबतक जानवर की प्रजाती के पुष्टी का भी नहीं पता था. आनन-फानन में लोगों ने पुलिस को इत्तिलाह किया, बादलपुर थाना क्षेत्र के पुलिस अधिकारी जब मौके पर आए तो उनहें गांव में मचे देहशत का अंदाजा लगा, जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने वन विभाग के लोगों को घटना स्थल पर बुलाया और विशेशज्ञों की मदद ली.
वन विभाग के लोग कर रहे हैं नरभक्षी की तलाश
वन विभाग के कर्मचारियों को जैसे ही घटना की सूचना मिली वैसे ही विशेषज्ञों की एक टीम ने कचेडा गांव का रुख किया. गांव में आकर जांच पड़ताल करने के बाद वन विभाग ने पशु की मृत्यु पर आशंका जताते हुए कहा कि हमला तेंदुए, सियार या किसी अन्य जंगली जानवर ने किया है, इस बात की पुष्टी पोस्टमार्टेम के बाद ही स्पष्ट होगी. वन विभाग ने पूरे इलाके में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने का सुझाव देते हुए आस-पास के गांवों को भी सतर्क रहने की हिदायत दी.
पीलीभीत में भी हुआ था एक ऐसा ही हादसा
कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में रात के सम्य एक बाघिन घुस आई थी जिसे देखने के लिए आस-पास के गांवों से हजारों लोग एकत्र हो गए थे. बाघिन को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी. तीन ट्रैंक्विलाइज़र डार्ट्स का इस्तेमाल करने बाद तब कहीं जाकर वन विभाग के विशेषज्ञ उस बाघिन को सही-सलामत कैद कर संरक्षित टाइगर रिजर्व मे ले जा सके. कचेडा गांव में अभी जंगली जानवर को पकड़ने की कवायद जारी है.
सोशल मीडिया पर लोगों ने एक वीडियो तेजी से शेयर किया, जिसमें दावा किया गया कि ग्रेटर नोएडा में तेंदुआ दिखा है। जिसके बाद इस खबर ने हड़कंप मचा दिया। जब वीडियो तेजी से वायरल हुआ, तो नोएडा वन-विभाग ने भी इसको लेकर जानकारी शेयर की, और वायरल वीडियो की सच्चाई बताई।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के चंद्रावल गांव में तेंदुआ निकलने की खबर आग की तरह सोशल मीडिया पर फैल गई। वीडियो भी तेजी से वायरल होने लगा, जिसके बाद पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर गांव पहुंच गए और जांच की तो पता चला कि यह तेंदुआ नहीं फिशिंग कैट है। जो नदी और नहरों के किनारे पाए जाते हैं। वन-विभाग का कहना है कि इससे ग्रामीणों को कोई खतरा नहीं है।
गांव के लोग समझ बैठे तेंदुआ
वायरल तस्वीर और वीडियो में दिख रहे जानवर को ग्रामीणों ने तेंदुआ समझ लिया, जिसके बादये खबर तेजी से फैल गई और लोगों में दहशत फैल गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को भी पीआरवी के माध्यम से जानकारी मिली कि गांव चंद्रावल में तेंदुआ निकल आया है। जिसके बाद पुलिस अधिकारी और फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे, जहां पर जांच के दौरान पता चला कि ये जानवर तेंदुआ नहीं फिशिंग कैट है। जोकि आमतौर पर नहर के आस-पास पाया जाता है और इससे कोई खतरा नहीं होता है।
फिशिंग कैट नहीं होती है हमलावर
गौतम बुद्ध नगर के डिविजनल फॉरेस्ट अधिकारी प्रमोद श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि फिशिंग कैट ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर और जेवर में पहले भी दिखाई दे चुकी है। ये खतरनाक नहीं होती है, इसकी प्रवत्ति है कि जब तक इन्हें छेड़ा ना जाए, तब तक येह हमलावर नहीं होती हैं।
लैपार्ड, टाइगर की फैमिली के होती है फिशिंग कैट
अधिकारी ने आगे भी इसे लेकर कोई सनसनी न फैले, इसको ध्यान में रखते हुए जानकारी दी कि जंगली मांसाहारी जानवर 2 प्रकार के होते हैं। एक डॉग और एक कैट फैमिली। डॉग फैमिली में भेडिय़ा और जंगली कुत्ते आदि आते हैं, जबकि कैट फैमिली में लैपार्ड, टाइगर, घरेलू बिल्ली, फिशिंग कैट और वाइल्ट कैट शामिल हैं। फिशिंग कैट मांसाहारी होती है, ये मुख्य रूप से नदियों के किनारे पाई जाती हैं, यह शेड्यूल वन के तहत आती हैं, ये मुख्य तौर पर हिंसक जानवर नहीं होती हैं, इन जानवरों से बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि उन्हें छेड़ा न जाए, क्योंकि जब तक आप इसे छेड़ेंगे नहीं, ये हमलावर नहीं होगी।
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