चौथे चरण के मतदान संपन्न होने के बाद 5वें चरण का रण जारी है। सभी दल पांचवें चरण के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। पांचवें चरण में आठ राज्यों की 49 संसदीय सीटों पर चुनाव होने हैं। पांचवें चरण की वोटिंग 20 मई को होनी है। इस चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार से लेकर महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल सहित आठ राज्यों में 695 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी हुई है। पांचवें चरण की 49 सीटों में से कांग्रेस के पास इकलौती रायबरेली सीट है। इस सीट से कांग्रेस की साख दांव पर लगी है। इस बार यहां से राहुल गांधी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। जबकि बीजेपी 65 फीसदी सीटों पर अपना दबदबा बनाए रखने में कामयाब रही है। पिछले चुनाव में भाजपा की जोरदार घेरेबंदी के बावजूद रायबरेली सीट पर कांग्रेस का कब्जा हो गया था, लेकिन इस बार वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
5वें चरण के बाद 428 लोकसभा सीटों पर चुनाव खत्म
2024 के लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश की 14 सीट, महाराष्ट्र की 13, पश्चिम बंगाल की 7, ओडिशा की 5, बिहार की 5, झारखंड की 3, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की 1-1 सीट शामिल हैं। पांचवें चरण में 8 राज्यों की 49 सीटों पर वोटिंग के बाद 428 लोकसभा सीटों पर चुनाव खत्म हो जाएगा। पांचवें चरण के जिन 8 राज्यों की सीट पर चुनाव है, उसमें 7 राज्यों में कांग्रेस को 2019 में से एक भी सीट नहीं मिली थी। यूपी की रायबरेली की सीट ही जीत सकी थी जबकि अमेठी सीट कांग्रेस गंवा दी थी। रायबरेली और अमेठी सीट गांधी परिवार के गढ़ मानी जाती रही है, लेकिन इस बार सोनिया गांधी की जगह राहुल गांधी रायबरेली के उतरे हैं।
2019 में एनडीए 41 सीटें जीतने में कामयाब रही
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में जिन 49 लोकसभा सीटों पर वोटिंग है। 2019 में बीजेपी उन पर एकछत्र दबदबा जमाने में कामयाब रही थी। पिछले चुनाव में इन 49 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ एक सीट ही जीत सकी थी, जबकि बीजेपी ने 32 सीटें जीती थीं। इसके अलावा जेडीयू को एक, एलजेपी एक, शिवसेना 7, बीजेडी एक, नेशनल कॉफ्रेंस एक और टीएमसी 4 सीटें जीतने में सफल रही थी। बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए 41 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। जबकि यूपीए सिर्फ दो सीटें ही जीत सकी थी, अन्य को पांच सीटें मिली थी।
रायबरेली सीट को बचाए रखना कांग्रेस की चुनौती
पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीट पर चुनाव है। लखनऊ, मोहनलालगंज, अमेठी, रायबरेली, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, कौशांबी, फतेहपुर, गोंडा, कैसरगंज, बाराबंकी और फैजाबाद सीट पर वोटिंग है। इन 14 में से 1 सीट कांग्रेस जीत सकी थी जबकि बाकी 13 सीटें बीजेपी जीतने में कामयाब रही थी। 2024 में बीजेपी ने अपने सभी 14 सीटों पर उम्मीदवार उतार रखे हैं तो 10 सीट पर सपा उम्मीदवार और चार सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी है। बसपा सभी 14 सीट पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस के पास रायबरेली सीट को बचाए रखने के साथ-साथ अपने कोटे की चार में से ज्यादातर सीटें जीतने की चुनौती होगी।
बिहार-झारखंड में होगी कांटे की टक्कर
पांचवें चरण में बिहार की पांच और झारखंड की तीन सीट पर मतदान है। बिहार में सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर सीट पर चुनाव है। 2019 में इन सभी सीटों पर एनडीए कब्जा जमाने में कामयाब रही थी, जिसमें जेडीयू-एलजेपी एक-एक सीट और बीजेपी तीन सीटें जीतने में सफल रही थी। पांचवें चरण में झारखंड की जिन तीन सीट पर चुनाव हो रहे हैं, उन सभी पर बीजेपी का कब्जा है। चतरा, कोडरमा और हजारीबाग सीट पर चुनाव है, जहां इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच कांटे की टक्कर है। बिहार के मुजफ्फरपुर और सारण की सीट पर सबकी नजर है। मुजफ्फरपुर में इस बार बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है। टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर पिछली बार के सांसद अजय निषाद कांग्रेस में शामिल हो गए और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। सीतामढ़ी में जेडीयू ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है। सारण में लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव मैदान में हैं। यहां पर रोहिणी आचार्य का मुकाबला राजीव प्रताप रूडी से है। हाजीपुर से इस बार चिराग पासवान खुद चुनाव लड़ रहे हैं।
महाराष्ट्र में पांचवें चरण में 13 सीटों पर चुनाव
महाराष्ट्र में पांचवें चरण में 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव है। जिसमें धुले, डिंडोरी, नासिक, कल्याण, पालघर, भिवंडी, ठाणे, मुंबई उत्तर, मुंबई उत्तर पूर्व, मुंबई दक्षिण मध्य, मुंबई दक्षिण, मुंबई उत्तर पश्चिम और मुंबई उत्तर मध्य सीट शामिल हैं। 2019 में इन 13 में से सात सीटें शिवसेना जीतने में कामयाब रही थी और बीजेपी 6 सीटें जीतने में सफल रही। एनडीए ने पूरी तरह से विपक्ष का सफाया कर दिया था। इस बार बदले हुए राजनीतिक समीकरण में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे की फाइट मानी जा रही है, सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा बीजेपी की लगी है। शिवसेना दो हिस्सों में बंट गई है, उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना की अग्निपरीक्षा है। एनसीपी शरद पवार और अजीत पवार के बीच बंट गई है। उद्धव ठाकरे और शरद पवार कांग्रेस से साथ मिलकर चुनावी मैदान में हैं, जबकि बीजेपी एकनाथ शिंदे, अजीत पवार को लेकर बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।
बीजेपी के लिए ओडिशा-बंगाल की सीटों को बचाए रखने की चुनौती
पश्चिम बंगाल की सात लोकसभा सीटों पर पांचवें चरण में चुनाव है। बंगाल में बनगांव, हावड़ा, उलूबेरिया, श्रीरामपुर, हुगली, आरामबाग और बैरकपुर सीट पर 20 मई को मतदान है। 2019 में इन 7 में से चार सीटें टीएमसी जीतने में कामयाब रही थी जबकि बीजेपी केवल 3 सीटें ही जीत सकी थी। पिछली बार की तरह इस बार भी कांटे की फाइट मानी जा रही है। वहीं, ओडिशा के पांच लोकसभा सीटों पर पांचवे चरण में चुनाव है. इस चरण में बारगढ़, सुंदरगढ़, बोलंगीर, कंधमाल और अस्का सीट शामिल है। 2019 में इन पांच से चार सीटें बीजेपी जीतने में सफल रही थी, जबकि बीजेडी एक ही सीट जीत सकी थी। बीजेपी के लिए ओडिशा और बंगाल की सीटों को बचाए रखने की चुनौती है तो विपक्षी गठबंधन सेंधमारी करना चाहती है।
लोकसभा चुनाव 2024 के 5वें चरण की वोटिंग 20 मई को होनी है। इस चरण में कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला होना है। साथ ही कई कद्दावर नेताओं के सामने अपने गढ़ को बचाए रखने की भी चुनौती है। जिसको लेकर सभी दल जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटे हैं। पांचवें चरण में देश के 8 राज्यों की 49 सीटों पर चुनाव है, जिसमें उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीट शामिल हैं। इस चरण में 695 उम्मीदवार मैदान में है, जिसमें 82 महिलाएं और 613 पुरुष कैंडिटेट शामिल हैं। इस चरण में राहुल गांधी से लेकर स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल, रोहिणी आचार्य और चिराग पासवान जैसे दिग्गज नेताओं की अग्निपरीक्षा होने के साथ-साथ बीजेपी, कांग्रेस और टीएमसी जैसे राजनीतिक दलों का कड़ा इम्तिहान भी है। बता दें कि पांचवें फेज की जिन सीटों पर चुनाव है, उन सीटों पर 2014 और 2019 में बीजेपी ने अपना एकछत्र राज कायम रखा है।
पांचवां फेज बीजेपी के लिए भी अहम
पांचवें चरण में देश के 8 राज्यों की 49 सीटों पर चुनाव है। जिसमें उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीट शामिल हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र की 13 सीट, पश्चिम बंगाल की 7 सीट, बिहार की पांच सीट, ओडिशा की पांच सीट, झारखंड की 3 सीट, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की 1-1 सीट शामिल हैं। इस चरण में राजनीतिक दलों के साथ-साथ गांधी परिवार के सियासी वारिस माने जाने वाले राहुल गांधी की भी परीक्षा होनी है। इसके अलावा लालू परिवार से पासवान और शिंदे परिवार सहित कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। 2019 के चुनाव की बात करें तो इन 49 सीटों में से बीजेपी 40 सीटों पर लड़कर 32 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। जबकि कांग्रेस सिर्फ एक सीट ही जीत सकी थी। इसके अलावा जेडीयू के एक, एलजेपी एक, शिवसेना 7, बीजेडी एक, नेशनल कॉफ्रेंस एक और टीएमसी चार सीटें जीतने में सफल रही थी। बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए 41 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। जबकि यूपीए सिर्फ दो सीटें ही जीत सकी थी और अन्य को पांच सीटें मिली थी।
बीजेपी को चुनौती देना आसान नहीं
लोकसभा के तीन चुनाव से बीजेपी की सीटें जिस तरह बढ़ी है, उससे साफ जाहिर है कि कैसे इन सीटों पर उसे चुनौती देना आसान नहीं है। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने जिन 40 सीट पर चुनाव लड़ी थी, उसमें से 30 सीट पर उसे 40 फीसदी से भी ज्यादा वोट मिले थे और 9 सीटों पर उसे 30 से 40 फीसदी के बीच वोट शेयर था। कांग्रेस को सिर्फ 3 सीट पर ही 40 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे, जिनमें से एक सीट ही जीत सकी थी। कांग्रेस को 17 सीटों पर 10 फीसदी से कम वोट मिला था। कांग्रेस 36 सीट पर चुनाव लड़ी थी जबकि बीजेपी 40 सीट पर चुनावी मैदान में थी।
5वें चरण का रण बीजेपी और कांग्रेस के लिए काफी रोचक
पांचवें चरण में 12 सीटें ऐसी हैं, जिस पर पिछले तीन चुनाव से एक ही पार्टी को जीत मिल रही है। इसके चलते इन सीटों को उस दल के मजबूत गढ़ के तौर पर देखा जा रहा है। बीजेपी के पास 5, टीएमसपी के 3, बीजेडी के पास 2, शिवसेना-कांग्रेस के पास एक-एक सीट है। ओडिशा में बीजेपी के सामने अस्का और कंधमाल को बचाए रखने की चुनौती है। महाराष्ट्र में गढ़ माने जाने बीजेपी धुले और डिंडोरी और शिवसेना का गढ़ कल्याण शामिल हैं। बीजेपी के मिशन में झारखंड की हज़ारीबाग सीट शामिल है। पश्चिम बंगाल के हावड़ा, श्रीरामपुर और उलुबेरिया क्षेत्र टीएमसी के मजबूत गढ़ के तौर पर जाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश में लखनऊ बीजेपी और रायबरेली सीट कांग्रेस के दुर्ग के तौर पर जानी जाती है। बिहार की मधुबनी सीट बीजेपी लगातार अपने नाम कर रखी है। इस तरह बीजेपी पांचवें चरण में मजबूत स्थिति में थी, लेकिन इस बार की चुनावी लड़ाई अलग तरीके की है। बीजेपी के लिए अपनी सीटें बचाए रखनी की चुनौती है जबकि कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। इस तरह कांग्रेस और बीजेपी के पांचवें चरण का चुनाव काफी रोचक माना जा रहा है।
क्या इंडी गठबंधन कर पाएगा बीजेपी के किले में सेंधमारी?
उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीट तो बिहार की पांच सीटों पर 20 मई को मतदान है। यूपी की 14 में से 13 सीटें बीजेपी जीतने में कामयाब रही थी जबकि कांग्रेस 1 सीट ही जीत सकी थी। बिहार की जिन पांच सीट पर चुनाव है, उन सभी को एनडीए ने जीती थी। जेडीयू और एलजेपी एक-एक सीट और बीजेपी तीन सीटें जीतने में सफल रही। पांचवें चरण में झारखंड की जिन तीन सीट पर चुनाव हो रहे हैं, उन सभी पर बीजेपी का कब्जा है। इसी तरह महाराष्ट्र की जिन 13 सीटों पर चुनाव हैं, उनमें से सात सीटें शिवसेना जीतने में कामयाब रही थी और बीजेपी 6 सीटें जीतने में सफल रही। एनडीए ने पूरी तरह से विपक्ष का सफाया कर दिया था। वहीं पश्चिम बंगाल की जिन सात सीटों पर चुनाव है, उनमें से चार सीटें टीएमसी जीतने में कामयाब रही थी जबकि बीजेपी 3 सीटें ही जीत सकी थी। पिछली बार की तरह इस बार भी कांटे की फाइट मानी जा रही है। इसके अलावा ओडिशा के पांच लोकसभा सीटों पर पांचवे चरण में चुनाव है। इन पांच से तीन सीटें बीजेपी जीतने में सफल रही थी जबकि दो सीट बीजेडी ही जीत सकी थी। इस बार बिहार से लेकर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में विपक्ष एकजुट होकर चुनावी मैदान में है। इस बार ये देखना दिलचस्प होगा कि जैसे तीन चुनावों से बीजेपी को बढ़त मिल रही है, वो इस बार भी कायम रहती है या फिर इंडी गठबंधन बीजेपी को नुकसान पहुंचाने में कामयाब हो पाता है।
लोकसभा चुनावों के 5वें चरण समाप्त हो गया है। पांचवें चरण में 6 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर मतदान खत्म हो गया है। आज वोटरों ने प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया है। शाम 5 बजे तक 56.68 फीसदी वोटिंग हो हुई है। सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में 73 फीसदी और सबसे कम महाराष्ट्र में 48.66 फीसदी मतदान हुआ है। इस चरण में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राहुल गांधी, स्मृति ईरानी समेत कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी थी। जिसके नतीजे 4 जून को सामने आएंगे।
वोटिंग प्रतिशत में पश्चिम बंगाल ने मारी बाजी
राज्यों के लिहाज से देखें तो महाराष्ट्र में सबसे कम वोटिंग हुई है तो वहीं लद्दाख, झारखंड, ओडिशा ऐसे राज्य हैं, जहां 60 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में वोटिंग प्रतिशत सबसे अधिक है, जहां 73 फीसदी लोगों ने शाम पांच बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया है। इसके अलावा शाम 5 बजे तक बिहार में 52.35 फीसदी, जम्मू एवं कश्मीर में 54.21 फीसदी, झारखंड में 61.90 फीसदी, लद्दाख में 67.15 फीसदी, महाराष्ट्र में 48.66 फीसदी, ओडिशा में 60.55 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 55.80 फीसदी मतदान हुआ है। आपको बता दें कि इसके साथ ही 543 लोकसभा सीटों में चौथे फेज तक 380 सीटों पर मतदान हो गया है। आज की सीटों को मिलाकर कुल 429 सीटों पर मतदान पूरा हो गया। अब बाकी 2 चरणों में 114 सीटों पर वोटिंग होनी है।
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