हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। देवप्रकाश मधुकर को बीते दिन दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। मधुकर पर पुलिस ने एक लाख का इनाम रखा हुआ था। भगदड़ हादसे में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, साकार विश्व हरि के वकील एपी सिंह ने दावा किया था कि मधुकर ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है। वह खराब स्वास्थ्य के चलते दिल्ली के अस्पताल में भर्ती था। हालांकि, हाथरस पुलिस ने सरेंडर की दावे का खंडन करते हुए इसे गिरफ्तारी बताया। न्यायिक जांच आयोग की टीम भी शनिवार और रविवार को घटना स्थल का मौका मुआना करने के साथ ही अधिकारियों से बातचीत की।
राजनीतिक दल से जुड़ी एक बात ने सबको चौंकाया
एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि 2 जुलाई को भोले बाबा के सत्संग उपरान्त भगदड़ मचने से 121 लोगों की मृत्यु हुई। मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर को हाथरस की एसओजी ने 5 जुलाई को देर शाम दिल्ली के नजफगढ़ से गिरफ्तार किया। थाना सिकन्द्राराऊ पुलिस ने आज 6 जुलाई को अभियुक्त राम प्रकाश शाक्य को कैलोरा चौराहा से तथा अभियुक्त संजू यादव को गोपालपुर कचौरी, सिकन्द्राराऊ से गिरफ्तार किया। एसपी ने बताया कि अभियुक्त देवप्रकाश मधुकर से पूछताछ में यह भी पता चला है कि इनसे कुछ समय पूर्व कुछ राजनीतिक पार्टियों ने संपर्क किया था। फण्ड इकट्ठा करने के सम्बन्ध में गहराई से जांच की जा रही है कि कहीं इस तरह के कार्यक्रम तथा अन्य संसाधनों को किसी राजनीतिक पार्टी से पोषित तो नहीं है । अब तक की पूछताछ से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोई राजनीतिक दल अपने राजनीतिक व निजी स्वार्थ्य के लिये इनसे जुड़े है । अभियुक्त देव प्रकाश मधुकर से जुडे हुये सभी बैंक खाते, चल-अचल सम्पत्ति, मनी ट्रेल इत्यादि की जांच की जा रही है।
मनरेगा में जूनियर इंजीनियर के पद पर संविदा पर कार्यरत मधुकर
एसपी ने बताया कि पूछताछ में देव प्रकाश मधुकर ने बताया कि वह एटा में वर्ष 2010 से मनरेगा में जूनियर इंजीनियर के पद पर संविदा पर कार्यरत है । वह इस संगठन से वर्षों से जुड़ा है। संगठन के कार्यक्रम आयोजित कराना तथा संगठन के लिये फण्ड इकट्ठा करने का काम करता है। वह ग्राम फुलरई में आयोजित सत्संग के कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था तथा इस कार्यक्रम की अनुमति भी उसी ने ली थी।
व्यवस्था को सही तरीके से नहीं किया
एसपी ने बताया कि देव प्रकार मधुकर तथा इसके निर्देशन में कार्य कर रहे सेवादारों और समिति के सदस्यों की सत्संग के पंडाल के आसपास बैरिकेडिंग, प्रवेश द्वार, निकास द्वार, बैठने की व्यवस्था, पार्किंग व अन्य सुविधाओं की पूरी जिम्मेदारी थी। देव प्रकाश एवं अन्य सेवादारों ने पुलिस प्रशासन को कार्यक्रम स्थल के अन्दर किसी भी तरह के हस्तक्षेप से रोका । वहां पर इनके सेवादार तरह-तरह की वेशभूषा में कमांडो के रुप में सारी व्यवस्था देख रहे थे । वहां पर किसी भी व्यक्ति को वीडियोग्राफी अथवा फोटोग्राफी करन से रोका जाता था। व्यवस्था को सही तरीके से नहीं किया गया एवं प्रशासन की अनुमति पत्र की अनेक शर्तों का उल्लंघन करते हुये यातायात व्यवस्था आदि को प्रभावित किया।
जानबूझकर बाबा की गाड़ी को भीड़ के बीच से निकाला गया
पूछताछ से यह भी स्पष्ट हुआ कि इनके द्वारा भीड़ को संभालने का कोई प्रयास नहीं किया गया। सभी मौके से फरार हो गये । पूछताछ में यह भी पता चला कि इनके और इनके सेवादारों द्वारा प्रवचनकर्ता की गाड़ी को भीड़ के बीच से निकाला गया, जबकि इनको इस तथ्य की जानकारी थी कि भीड़ से निकालने के समय चरणरज के लिये भगदड़ मचने से भयानक दुर्घटना हो सकती थी ।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग में हुए हादसे में जान गवाने वाले 123 लोगों के साथ इंसाफ की गुहार चारों ओर सुनाई दे रही हैं। सत्संग में हादसे के बाद हरि उर्फ भोले बाबा नाम से विख्यात बाबा को लेकर कई खुलासे भी हुए, लेकिन अब तक बाबा की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जिसके विरोध में आगरा के शाहगंज क्षेत्र के केदारनगर में स्थित बाबा के घर के बाहर एक अकेले व्यक्ति ने धरना प्रदर्शन शुरु किया है।
आगरा में ‘बाबा’ के घर के बाहर धरना
हरि उर्फ भोले नाम से विख्यात बाबा पुलिस की गिरफ्त से दूर है। जिसके विरोध में आगरा में उसके घर के बाहर कृष्ण गोपाल उपाध्याय ने धरना प्रदर्शन शुरू किया है। वो बेहद शांति के साथ घर के बाहर किनारे पर बैठा है। साथ ही एक पोस्टर भी लगाया हुआ है, जिसमें लिखआ है- 123 लोगो की मौत के जिम्मेदार भोले बाबा की गिरफ्तारी कब?
गिरफ्तारी होने पर बंद होगा प्रदर्शन
धरना प्रदर्शन कर रहे कृष्ण गोपाल उपाध्याय ने कहा है कि वो तब तक ये प्रदर्शन जारी रखेंगे। जब तक बाबा की गिरफ्तारी नही हो जाती है। आपको बता दें, कृष्ण गोपाल उपाध्याय जहां प्रदर्शन कर रहे हैं, वो बाबा का ही घर है। ये आगरा के शाहगंज क्षेत्र के केदारनगर में स्थित है।
अति ने मती भ्रष्ट की!
कहते हैं कि आस्था का कोई मेल नहीं। लेकिन धरने पर बैठे कृष्ण गोपाल उपाध्याय से बातचीत के दौरान नॉव नोएडा के रिपोर्टर को अति-विश्वास का एक उदाहरण मिला। बेशक बाबा को मानने वाले हजारों हैं, लेकिन सत्संग में हुए मौत के तांडव के बाद बाबा को लेकर कई खुलासे भी हुए हैं। उसपर जब कृष्ण गोपाल उपाध्याय बाबा के घर के बाहर धरना दे रहे थे, तभी कुछ लोगों ने बाबा के घर के बाहर मत्था भी टेका।
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