Noida: गौतम बुद्ध नगर में लोकसभा चुनाव धीरे-धीरे और दिलचस्प होता जा रहा है। जहां एक तरफ सपा, बसपा और भाजपा के उम्मीदवार मैदान में उतर चुके हैं और लोकलुभावन वादे कर रहे हैं। वहीं, विभिन्न मुद्दों को लेकर स्थानीय लोग भी मुखर हो रहे हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले लोग इस बार आर-पार की ठान चुके हैं। फ्लैट रजिस्ट्री और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मांग को लेकर पिछले कई वर्षों से आवाज उठा रहे ग्रेनो वेस्ट के लोग अपना उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में उतारकर सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष का सियासी खेल गड़बड़ करने की जुगत में जुट गए हैं।
अभिषेक कुमार ने उम्मीदवार बनने के लिए मांगा समय
हाईराइज सोसाइटियों में अपने फ्लैट्स पर नो रजिस्ट्री नो वोट का बैनर लगाकर विरोध कर रहे लोगों ने रविवार को आपातकालीन बैठक की। नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन (नेफोवा) की लैजर वेली स्थित कार्यालय में हुई बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में नेफोवा की ओर से अभिषेक कुमार या फिर मिहिर गौतम को निर्दलीय प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा हुई। इसमें सबसे अधिक लोग नोफेवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार के चुनाव लड़ने पर सहमति जताई। वहीं, नोफेवा अध्यक्ष ने इस पर एक दिन विचार करने का समय मांगा है।
रजिस्ट्री नहीं तो मतदान नहीं चलाई मुहिम
बता दें कि नेफोवा लगातार नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा के फ्लैट ऑनर्स की समस्याओं को लगातार उठाता रहा है। सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट, सार्वजनिक स्कूल, कॉलेज, चिकित्सालय, फ्लैट बायर्स के फलैटों की रजिस्ट्री जैसे मुद्दों को लगातार उठाया जाता रहा है। नेफोवा का मानना है कि कोई भी सरकार रही है, फ्लैट बायर्स की समस्याओं पर कभी भी ध्यान नहीं दिया गया। संगठन की ओर से रजिस्ट्री नहीं तो मतदान नहीं जैसी मुहिम भी शुरू की गई है। वहीं, राजनीतिक दलों ने फलैट बायर्स का एक वोट बैंक के तौर पर ही प्रयोग किया है। ऐसे में नेफोवा संगठन की ओर से चुनाव में अपना प्रतिनिधि उतारकर राजनीतिक दलों, केन्द्र और प्रदेश सरकार को एक संदेश देने का निर्णय लिया गया है। सूत्रों के अनुसार एसडीएम ने सोसाइटियों में मतदान के बहिष्कार के लगे पोस्टर को हटवा दिया है।
ग्रेनो वेस्ट की समस्याओं ने भाजपा उम्मीदवार ने झाड़ा पल्ला
बता दें कि ग्रेटर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में डेढ़ लाख से अधिक वोटर हैं। लेकिन कई सालों से इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इनके मुद्दे आज तक जैसे के तैसे है। Now Noida से खास बातचीत में सांसद डॉ. महेश शर्मा ने ग्रेनो वेस्ट की समस्याओं को लेकर सवाल के जवाब में पिछले सरकारों की गलती बताई थी। जबकि महेश शर्मा दो कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। वहीं, सपा प्रत्याशी महेंद्र नागर और बसपा प्रत्याशी राजेंद्र सोलंकी ने जीतने पर ग्रेनो वेस्ट की समस्याओं को प्रमुखता से हल कराने की बात कह रहे हैं। सूत्रों की मानें तो ग्रेटर नोएडा वेस्ट के मतदाता भाजपा समर्थक हैं और पिछले दो चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को विजयी बना रहे हैं।
भाजपा की राह हो सकती है मुश्किल
उल्लेखनीय है कि नेफोवा का नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाईराइज सोसायटियों में खासा प्रभाव है। इस संगठन से जुड़े लोग भाजपा का वोट बैंक भी माने जाते हैं। अभी तक के चुनाव परिणाम बताते हैं कि नोफेवा से जुड़े लोग विरोध तो करते हैं लेकिन भाजपा के ही पक्ष में वोट करते हैं। अगर इस बार नोफेवा अपना उम्मीदवार उतारती है तो भाजपा की राह मुश्किल हो सकती है।
विधानसभा चुनाव में एक एसोसिएशन ने भी उतारा था उम्मीदवार
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सक्रिये एक अन्य बायर्स एसोसिएशन की ओर से अन्नु खान को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन अन्नू खान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। अब सवाल उठता है कि नोफेवा अगर प्रत्याशी लोकसबा चुनाव में उतारता है तो इसका क्या असर होगा।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022