धुआं-धुआं हुआ शंभू बॉर्डर, आमने-सामने आए पुलिस और किसान, अब राकेश टिकैत ने किया ये ऐलान

दिल्ली की तरफ प्रदर्शन करते आ रहे किसानों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले तो भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने दे दी चेतावनी।

किसानों ने अपनी मांगो को मनवाने के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च के चलते हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को संभालने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ दिए, जिसके बाद भगदड़ के जैसे हालात बन गए और वहां पर बवाल शुरू हो गया है।

किसानों के प्रदर्शन के कारण भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था। भगदड़ जैसे हालात होने के कारण पुलिस और सुरक्षाबलों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को 200 मीटर पीछे तक धकेल दिया है। पुलिक ने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए सड़क को कंक्रीट की दीवारों से बंद कर दिया गया है।

हरियाणा पुलिस ने दागे आंसू गैस गोले

बता दें किदिल्ली कूच के लिए निकले किसानों को पंजाब पुलिस ने तो बिना किसी रुकावट के आगे जाने दिया, लेकिन जब प्रदर्शनकारी किसान मार्च करते हुए पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पहुंच गए थे। यहां पर हरियाणा पुलिस ने उनको रोकने के लिए रास्तों को बड़े-बड़े कंक्रीट के बैरिकेड्स से जाम कर रखा था, जिसको किसान लांघने की तैयारी में थे। इसी दौरान पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दाग दिए, जिससे वहां भगदड़ मच गई।

सरकार पर भड़के राकेश टिकैत

अब किसानों के प्रदर्शन पर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि, देश में बड़ी पूंजीवाद कंपनिया हैं, जिन्होंने एक राजनीतिक पार्टी बना ली है। उन पार्टीयों ने देश पर कब्जा कर लिया हैं इसलिए अब दिक्कतें तो आएंगी।

कर्नाटक के बेंगलुरू में उन्होंने आगे कहा कि, अगर किसानों के साथ कोई अन्याय हुआ और सरकार ने उनके लिए कोई दिक्कत पैदा की तो ना ही वो किसान ज्यादा दूर हैं और न दिल्ली हमसे ज्यादा दूर है।"

आंदोलन में नहीं शामिल है बीकेयू

किसानों के चल रहे इस आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन शामिल नहीं है, जिस पर राकेश टिकैत का कहना है कि, "ये मार्च को किसान यूनियन ने बुलाया है। इन संगठनों ने पिछले आंदोलन में खुद को दूर रखा था और इनमें से किसी संगठन ने हमसे संपर्क भी नहीं किया है। सब अपने तरीके से कार्यक्रम कर रहे हैं, लेकिन सरकार जो कर रही है वो गलत कर रही है। उनको बातचीत करके समस्या को सुलझाना चाहिए और सरकार कील वगैरह का इस्तेमाल न करे।"

By Super Admin | February 13, 2024 | 0 Comments

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