हाथरस में सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के रतीभानपुर गांव में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में अभी तक 121 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। जबकि कई घायल हैं। एटा, अलीगढ़, हाथरस और आगरा में शवों के पोस्टमार्टम किए जा रहे हैं। वहीं, सत्संग के मुख्य मुख्य आयोजक मुख्य सेवादार कहे जाने वाले देवप्रकाश मधुकर सहित अन्य के खिलाफ सिकंदराराऊ कोतवाली में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। सत्संग को लेकर गए बोर्ड में 26 आयोजनकर्ताओं के नाम लिखे गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 34 मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए हाथरस लाई गए। 34 शव अलीगढ़ भेजे गए थे। कासगंज में 30 और आगरा में 21 शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं। हाथरस मोर्चरी आए 34 शवों में से 30 जे पोस्टमार्टम हो चुके हैं। राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
भगदड़ की कैसे हुई थी शुरुआत
जिस वक्त सूरजपाल उर्फ 'भोले बाबा' अपनी गाड़ी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल से निकल रहे थे। तभी दोपहर करीब 2 बजे श्रृद्धालु ने बाबा की गाड़ी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरु कर दिया। कार्यक्रम स्थल से निकल रही भीड़ के दबाव के कारण नीचे बैठे, झुके श्रद्धालु दबने कुचलने लगे और चीखपुकार मच गई। वहीं, जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी एवं कीचड़ में बेतहाशा दबती कुचलती भागती भीड़ को आयोजन समिति एवं सेवादारों द्वारा अपने हाथों में लिये डंडों से जबरदस्ती रोक दिया गया। जिसके कारण भीड़ का दबाव बढ़ता चला गया और महिला, बच्चे एवं पुरुष दबते कुचलते चले गए। कुछ ही देर बाद लाशें बिछ गईं। वहीं, बाबा मौके से निकल गए। घायलों और मृतकों की सेवादारों द्वारा कोई मदद नहीं की गई।
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