लोकसभा चुनावों को लेकर इस समय हर पार्टी में उठा-पटक जारी कोई अपनी पार्टी छोड़कर किसी दूसरी पार्टी में शामिल हो रहा है। तो कोई अपने क्षेत्र से टिकट मिलने की आस लगाए बैठा है। इसी दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुछ ऐसे संकेत दिए हैं, जो पार्टी से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या और वरुण गांधी की किस्मत बदल सकते हैं। जी हां सूत्रों की मानें तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में पार्टी से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य और अभी तक भाजपा में रहकर राजनीति करने वाले वरुण गांधी को उम्मीदवार बना सकते हैं।
क्या स्वामी प्रसाद कभी सपा छोड़कर गए थे?- अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को टिकट देने के सवाल पर कहा "कि क्या स्वामी प्रसाद कभी सपा छोड़कर गए थे?" वहीं, जब उनसे पूछा गया "कि आपने स्वामी प्रसाद का इस्तीफा स्वीकार कर लिया तो वो बोले, हमारी कमेटी विचार कर रही होगी। मुझे इसकी जानकारी नहीं है।" आपको बता दें कि बीते दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश को लेकर नर्म रुख अपनाते हुए कहा था "कि उन्हें अखिलेश से कुछ भी शिकायत नहीं है।"
"सरकार के दबाव में पार्टी छोड़ रहे नेता"
वरुण गांधी को भी टिकट देने को लेकर अखिलेश यादव ने संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि इस पर विचार करेंगे। साथ ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा "कि हमारे जो नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं वह सरकार के दबाव में ऐसा कर रहे हैं।" जानकारों की मानें तो वरुण गांधी अमेठी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। ये सीट गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है। इस सीट से वरुण के पिता संजय गांधी भी चुनाव लड़ चुके हैं।
आज के समय में ऐसा कोई भी शख्स नहीं है जो अपनी सेहत को लेकर फिक्रमंद ना हो। वहीं कोरोना वायरस के बाद से तो लोग अपनी सेहत को लेकर सचेत रहते हैं। ऐसे में कोई आपसे कह दें कि उस समय आपने जो वैक्सीन लगवाई। उससे आपको कोई नया रोग घेर सकता है। तो आप क्या करेंगे। जाहिर है आपके पैरों तले की जमीन भी खिसक जाएगी। जिस वैक्सीन को लगवाने के लिए इतनी लंबी लाइनों में लगे। वो वैक्सीन ही हमारी सेहत बिगाड़ रही है। जी हां कुछ ऐसा ही हुआ जब से ब्रिटेन से एक ऐसी खबर आई है। दरअसल यहां की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उसकी कोविड वैक्सीन से ऐसा दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ता है। वहीं भारत में यह वैक्सीन कोविशील्ड के नाम से करोड़ों लोगों को लगी थी और कंपनी के खुलासे के बाद लोग चिंता में हैं।
कैसे हुआ इस जानलेवा खतरे का खुलासा
दरअसल ब्रिटेन के जेमी स्कॉट नामक शख्स ने यहां की कोर्ट में एस्ट्राजेनेका के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। इसमें उन्होंने बताया कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाने के बाद वह थ्रोम्बोसिस विथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) का शिकार हो गए हैं। जिससे उनके शरीर में खून के थक्के जमे और स्थायी ब्रेन डैमेज हो गया। स्कॉट मुकदमा दायर करने वाले एकमात्र व्यक्ति नहीं है। हाईकोर्ट में ऐसे कुल 51 मामले दायर किए गए हैं, जिन्होंने 10.46 अरब रुपये मुआवजा मांगा है।
एस्ट्राजेनेका ने फरवरी में हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया
ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने फरवरी में हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। जिसमें उसने स्वीकार किया कि उसकी वैक्सीन से TTS हो सकता है। उसने कहा कि वह TTS के मामलों से चिंतित है, लेकिन ऐसा बेहद दुर्लभ मामलों में ही होता है और तमाम अध्ययनों में उसकी वैक्सीन उचित मानकों पर खरी उतरी है। कंपनी ने वैक्सीन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे 60 लाख लोगों की जान बची।
TTS बीमारी में दिल और दिमाग तक खून नहीं पहुंचता
TTS एक गंभीर बीमारी है, जिसमें एक तरफ शरीर में खून के थक्के बनने लगते हैं, वहीं दूसरी तरफ शरीर में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। खून के थक्के रक्त वाहिकाओं में जमकर खून के प्रवाह को प्रभावित करते हैं, जिससे दिल और दिमाग जैसे अहम अंगों तक खून नहीं पहुंच पाता। दिमाग तक खून नहीं पहुंचने पर ब्रेन स्ट्रोक और दिल तक खून नहीं पहुंचने पर हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से मौत हो सकती है।
एस्ट्राजेनेका के कबूलनामे से भारतीयों की बढ़ी चिंता ?
दरअसल भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का 'कोविशील्ड' नाम से निर्माण किया था। देश में करोड़ों लोगों को यह वैक्सीन लगाई गई थी। इसके साथ ही अफ्रीका समेत दुनियाभर के गरीब देशों में भी सबसे ज्यादा इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया है। ऐसे में यह वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में चिंता बढ़ गई है कि क्या वे भी TTS से ग्रसित हो सकते हैं और क्या उन्हें हार्ट अटैक आ सकता है।
कोरोना महामारी के बाद भारत में बढ़ गए हैं हार्ट अटैक के मामले
कोरोना वायरस महामारी के बाद भारत में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं और नाचते-खेलते लोगों के साइलेंट हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट से मरने के वीडियो सामने आए हैं। लोगों ने इन मामलों को कोविड वैक्सीन से जोड़ा था और कहा था कि लोग कोविड वैक्सीन के कारण मर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने इससे इनकार किया था। अब एस्ट्राजेनेका के कबूलनामे ने लोगों के इस डर को एक आधार देकर बढ़ा दिया है। कोविशील्ड वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर विकसित किया है। यह कोरोना वायरस महामारी के दौरान आने वाली सबसे पहली वैक्सीनों में से एक थी। इस वैक्सीन को चिंपैजी में साधारण जुकाम करने वाले निष्क्रिय एडिनोवायरस पर कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन लगाकर बनाया गया है। कोविशील्ड दो खुराकों वाली वैक्सीन है, यानि ये 2 खुराकों के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ इम्युनिटी पैदा करती है।
लोकसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज हैं। तो वहीं गाजीपुर से सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। दरअसल ऐसा लगता है कि अफजाल अंसारी अपनी सियासी विरासत अपनी बेटी को सौंपने के मूड में हैं। इसका कारण है कि गाजीपुर से सांसद और सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से अब तक राहत नहीं मिली है। वहीं गैंगस्टर मामले में अफजाल अंसारी को मिली 4 साल की सजा के खिलाफ दायर की गई याचिका पर आज सुनवाई की गई। जिसके पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की तारीख को बढ़ाकर 13 मई कर दिया गया है। अदालत अब 13 मई को सुबह 10 बजे मामले की सुनवाई करेगा। अफजाल अंसारी के गैंगस्टर एक्ट मामले में जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में सुनवाई की गई। आपको बता दें कि गाजीपुर में अंतिम चरण में एक जून को वोटिंग है। 7 से 14 मई तक नामांकन होंगे।
13 मई को होगी गैंगस्टर मामले में अगली सुनवाई
अफजाल अंसारी के गैंगस्टर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 13 मई को गवर्नमेंट अपील पीड़ित की रिवीजन के साथ सुनवाई का आदेश दिया गया है। अंसारी को गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट ने पिछले साल यानी 29 अप्रैल 2023 को गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा सुनाई थी। जिसके तुरंत बाद अफजाल को जेल भेज दिया गया था। जेल जाने की वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी। हालांकि बाद में हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर अंसारी को जमानत दे दी थी और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस सजा पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के सजा पर रोक लगाए जाने के बाद अफजाल की संसद सदस्यता बहाल हो गई है। समाजवादी पार्टी ने उन्हें गाजीपुर से लोकसभा का उम्मीदवार भी बनाया है। मगर अफजाल अंसारी को अगर इस मामले में कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो फिर वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक हाई कोर्ट को इस मामले को 30 जून तक निपटाना है। लोकसभा चुनाव को और अपनी सजा को देखते हुए अफजाल ने हाल ही में अपनी बेटी नुसरत अंसारी का पार्टी कार्यालय में सपा और कांग्रेस नेताओं से परिचय कराया।
यूनिवर्सिटी में टॉपर और गोल्ड मेडलिस्ट हैं नुसरत
नुसरत ने देश के सबसे बढ़िया कॉलेजों में से एक दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज सोलापुर महाराष्ट्र से नुसरत ने एमए किया है। अफजाल ने बताया कि इनका विषय रूरल डेवलपमेंट है। अपने यूनिवर्सिटी में टॉपर और गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। इन दिनों सिविल सेवा की तैयारी कर रही थी। यहां से निकल रही खबरों ने विचलित किया तो मेरी मदद के लिए आ गई।
अफजाल ने कर ली नुसरत को सियासी विरासत सौंपने की तैयारी
अंसारी परिवार में अफजाल अंसारी तीन भाई हैं। सिगबतुल्ला, अफजाल और मुख्तार अंसारी। तीनों विधायक रहे हैं। सिगबतुल्ला और मुख्तार अंसारी के दो-दो बेटे हैं। अफजाल को तीनों बेटियां हैं। सिगबतुल्ला और मुख्तार अंसारी के एक-एक बेटे विधायक हैं। मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी मऊ सदर से विधायक है। सिगबतुल्ला अंसारी का बेटा सोएब अंसारी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से विधायक है। यानी दोनों की राजनीतिक विरासत बेटों को सौंपी जा चुकी है। अफजाल को कोई बेटा नहीं है। तीनों बेटियां हैं। अब अफजाल ने बेटी को विरासत सौंपने की तैयारी की है। पांच बार विधायक और दो बार सांसद रहे अफजाल अंसारी की तीन बेटियों में नुसरत सबसे बड़ी हैं। छोटी और जुड़वा बेटियों नूरिया और मारिया की शादी हो चुकी है।
दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग अब अवैध ई-रिक्शों पर सख्त नजर आ रहा है। विभाग ने लगातार बढ़ रहे अवैध ई-रिक्शों पर लगाम लगाने की ठान ली है। इसके तहत अब अगर ई-रिक्शा मालिक अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं। तो जब्त और गैर-रजिस्टर्ड ई-रिक्शों को सात दिनों के भीतर स्क्रैप कर दिया जाएगा। वहीं पहले इस प्रक्रिया के लिए 90 दिनों का समय दिया गया था।
21 अगस्त तक विभाग ने 1,077 ई-रिक्शे किए जब्त
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी ने कहा कि नियमों के तहत, पंजीकरण विंडो 90 दिनों की है लेकिन चूंकि ये रिक्शा अवैध हैं। इसलिए इन्हें सात दिनों के बाद स्क्रैप किया जा सकता है। जब्त किए गए ई-रिक्शों को एक रजिस्टर्ड वाहन स्क्रैपिंग सुविधा में सौंपने से पहले उन्हें कुचला जाएगा। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने अवैध रूप से चल रहे ई-रिक्शों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए एक नया कदम उठाया है। इस महीने 21 अगस्त तक विभाग ने 1,077 ई-रिक्शा जब्त किए। इसका मतलब है कि हर दिन उनमें से 50 से अधिक जब्त किए गए।
एलजी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया फैसला
यह निर्णय एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में की गई एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद लिया गया था। यह मीटिंग शहर को अव्यवस्थित करने के उपायों को लेकर की गई थी। अनुमान के अनुसार शहर में 1.2 लाख पंजीकृत ई-रिक्शा हैं। हालांकि जमीन पर ई-रिक्शों की वास्तविक संख्या शायद उस आंकड़े का दोगुना है। जिससे उनके अवैध प्रसार पर जांच की आवश्यकता है। एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि अपंजीकृत ई-रिक्शों में नंबर प्लेट नहीं होती है और इसलिए ऑनलाइन चालान नहीं किया जा सकता है। वे सभी ट्रांसपोर्ट नियमों का उल्लंघन करते हैं। साथ ही अक्सर उन सड़कों पर चलते हैं जहां उन्हें अनुमति नहीं है। इससे ट्रैफिक धीमा हो जाता है और भीड़भाड़ होती है।
जब्त ई-रिक्शा के लिए जगह की तत्काल आवश्यकता
परिवहन विभाग ने हाल ही में उत्तर दिल्ली के बुराड़ी में जब्त ई-रिक्शाओं के लिए एक विशेष पिट स्थापित किया है। हालांकि इन वाहनों के जरिये ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने की भारी संख्या के कारण अतिरिक्त जब्त पिट बनाने के लिए बड़ी भूमि की आवश्यकता है। बुराड़ी, सराय काले खान और द्वारका में तीन पिट हैं जहां जब्त ई-रिक्शा भेजे जाते हैं। यदि यह पर्याप्त नहीं था, तो परिवहन विभाग ने भी जब्त किए गए चार पहियों को पार्क करने के लिए जगह की तत्काल आवश्यकता को चिन्हित किया है।
अफजाल अंसारी का इस बार चुनाव लड़ने का सपना शायद सपना ही रहने वाला है। जी हां आप ठीक समझ रहे हैं। माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल सांसद अफजाल अंसारी के मामले में सोमवार को करीब तीन घंटे सुनवाई हुई, जो कि पूरी नहीं हो सकी है। वहीं अब अगली सुनवाई 20 मई को होगी। इसी बीच मुख्तार के बेटे उमर अंसारी का बड़ा बयान सामने आया है। जिसने सियासत में हलचल मचा दी है।
"बाबा चुनाव नहीं लड़े तो नुसरत लड़ेंगी"
उमर अंसारी ने कहा है कि हमारे बाबा अफजाल अंसारी नामांकन कर रहे हैं। हमारी बड़ी बहन नुसरत वैकल्पिक रुप से नामांकन कर रही है। अगर कानूनी वजहों से बाबा चुनाव नहीं लड़ पाए तो बहन नुसरत चुनाव लड़ेंगी। हाईकोर्ट में अफजाल अंसारी के केस की सुनवाई चल रही है। हमें उम्मीद है कि हमारे साथ इंसाफ होगा। बता दें कि अफजाल गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े रहे हैं। गैंगस्टर मामले में अफजाल को कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट के इस फैसले को उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट चुनौती दी है।
20 मई को होगी अगली सुनवाई
सासंद अफजाल अंसारी के गैंगस्टर मामले में आज हाईकोर्ट में करीब 3 घंटे तक सुनवाई हुई। हाईकोर्ट इस मामले में अब 20 मई को आगे की सुनवाई करेगा। आज की सुनवाई में अफजाल की तरफ से दलीलें पेश की गईं। अंसारी की तरफ से कहा गया कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के जिस मर्डर केस के आधार पर उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है, उसमें वो पहले ही बरी हो चुके हैं। अंसारी की तरफ से आगे कहा गया कि अगर मूल मुकदमे में बरी हो गए हैं तो उस आधार पर लगे गैंगस्टर के केस में उन्हें सजा नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट से सजा को रद्द किए जाने की गुहार लगाई गई। हालांकि, सोमवार की सुनवाई में अफजाल अंसारी का पक्ष पूरा नहीं हो सका। 20 मई को होने वाली सुनवाई में सबसे पहले अफजाल अंसारी के वकील अपनी बची हुई दलीलें पूरी करेंगे। इसके बाद यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार का पक्ष रखा जाएगा।
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