देश की राजधानी दिल्ली से इस समय की बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। बुलडोजर कार्यवाही के लिए अब राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट से इजाजत लेनी होगी। आपको बता दें, उत्तर प्रदेश में ‘सीएम योगी का बुलडोजर एक्शन’ काफी चर्चा में रहा था। वहीं, बीते दिनों देश के अन्य राज्यों जैसे कि राजस्थान, मध्य-प्रदेश, गुजरात और अन्य जगहों से भी बुलडोजर एक्शन की खबरें लगातार सामने आ रही थीं।
सीएम योगी के बुलडोजर मॉडल पर SC की रोक!
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह बुलडोजर एक्शन लेने वाले राज्यों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है और सभी राज्यों को साफ निर्देश दिया है कि बिना इजाजत के बुलडोजर एक्शन नहीं लिया जाएगा। बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर हुई याचिकाओं के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने ये रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि अगली सुनवाई तक किसी भी राज्य में कोई बुलडोजर एक्शन नहीं होगा।
इन मामलों में होगा बुलडोजर एक्शन!
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बुलडोजर एक्शन पर रोक तो लगाई गई है, लेकिन कुछ मामलों में छूट भी दी गई है। बुलडोजर एक्शन वाले अंतरिम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को अवैध अतिक्रमण में बुलडोजर चलाने की छूट दी है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि उसका ये आदेश सड़क, फुटपाथ, रेलवे लाइनों, जलाशयों पर अतिक्रमण पर लागू नहीं होगा यानी कि अगर सड़क, फुटपाथ या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कोई अतिक्रमण करता है तो राज्य सरकार बुलडोजर एक्शन ले सकती है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दायर की थी याचिका
बुलडोजर एक्शन के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद में याचिका दायर की थी। जिसमें बुलडोजर एक्शन को लेकर सरकारों द्वारा मनमानी की बात कही गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान 1 अक्टूबर तक रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया कि अगर कार्रवाई दो हफ्ते रोक दी तो आसमान नहीं फट पड़ेगा। आप इसे रोक दीजिए, 15 दिन में क्या होगा?
बुलडोजर मॉडल के तहत एक्शन की काफी चर्चा रही। उत्तर प्रदेश समेत राजस्थान, मध्य प्रदेश तमाम जगहों से बुलडोजर मॉडल के एक्शन की खबरें सुनने को मिलती हैं। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बुलडोजर एक्शन को लेकर टिप्पणी की और कहा कि किसी के घर को गिराना उचित नहीं है। वहीं, जस्टिस विश्वनाथन ने सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। कोर्ट द्वारा नोटिस, कार्रवाई और अन्य आरोपों पर सरकार को उत्तर देने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होना तय किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को बताया गलत!
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपनी कार्रवाई के दौरान बुलडोजर एक्शन पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट की ओर से कहा गया कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना उचित नहीं है। अदालत ने शासन और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति दोषी भी है, तो भी उसके घर को गिराया नहीं जा सकता। साथ ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अपराध में दोषी साबित होने पर भी घर नहीं गिराया जा सकता। उन्होंने साफ किया कि जिनके खिलाफ ये एक्शन हुआ है, वो अवैध कब्जे या निर्माण के कारण निशाने पर हैं, न कि अपराध के आरोप की वजह से।
जानिए किसने दाखिल की थी याचिका
बुलडोजर एक्शन को लेकर जमीयत उलेमा ए हिन्द ने याचिका दाखिल की थी। जमीयत उलेमा ए हिन्द ने सरकारों द्वारा आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की है। इस याचिका में यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हाल में हुई बुलडोजर कार्रवाइयों का उल्लेख करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया गया है। आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो किसी भी अवैध संरचना को सुरक्षा नहीं प्रदान करेगा जो सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध कर रही हो। साथ ही कोर्ट ने संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे हैं ताकि वो उचित दिशा-निर्देश जारी कर सके। इस मामले में 17 सितंबर को आगे की सुनवाई होगी।
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October 05, 2024