UPSC 45 पदों की लेटरल-एंट्री पर विपक्ष एक स्वर में बोला 'SC, ST, OBC का हक छीना जा रहा', अखिलेश बोले देशव्यापी आंदोलन करने का आ गया समय

बीते शनिवार को यूपीएससी की तरफ से क्रेंद्र के 45 ऐसे पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन दिया, जिनकी भर्ती ग्रुप-ए के तहत होती है। जिसपर अब राजनैतिक हलचल होती दिख रही है। पूरा विपक्ष इस फैसले के खिलाफ खड़ा है। राहुल गांधी ने एक्स पर ट्वीट कर अपनी राय रखी, तो अखिलेश यादव ने देशव्यापी आंदोलन की बात कही। पूर्व सीएम मायावती ने भी इस फैसले को गलत बताया है। साथ ही 'एक्स' पर इस फैसले के खिलाफ विरोध दिखाई दे रहा है।

राहुल बोले ‘खुलेआम छीना जा रहा SC, ST, OBC का आरक्षण’

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स राहुस गांधी ने इस कदम को प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाला बताया और लिखा, 'नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। यह UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक़ पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है।'

https://twitter.com/RahulGandhi/status/1825086755424305584

राहुल गांधी ने आगे लिखा, ‘चंद कॉरपोरेट्स के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण SEBI है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले को पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया। प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा। IAS का निजीकरण आरक्षण खत्म करने की मोदी की गारंटी है।'

अखिलेश यादव बोले ‘देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का आ गया समय’

https://twitter.com/yadavakhilesh/status/1825034638059786688

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस फैसले के खिलाफ दो अक्टूबर से प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है। अखिलेश ने एक्‍स पर लिखा, ‘भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाजे से यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साजिश कर रही है, उसके खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन करने का समय आ गया है।'

मायावती बोलीं ‘45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय नहीं है सही’

https://twitter.com/Mayawati/status/1825004984301154361

बसपा प्रमुख और पूर्व यूपी मुख्यमंत्री मायावती ने भी सरकार के इस फैसले को गलत बताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘केन्द्र में संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय सही नहीं है, क्योंकि सीधी भर्ती के माध्यम से नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नति के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा।'

क्या है मामला?

बीते शनिवार को केंद्र के अलग-अलग मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों के लिए जल्द से जल्द 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाने हैं। इस तरह के पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं आईएएस, आईपीएस, आईएफओएस और अन्य ‘ग्रुप ए’ सेवाओं के अधिकारी की तरह ही तैनाती होती है। लेकिन यूपीएससी ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया, विज्ञापन में कहा गया, ‘भारत सरकार संयुक्त सचिव और निदेशक/उप सचिव स्तर के अधिकारियों की ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये नियुक्ति करना चाहती है।

By Super Admin | August 18, 2024 | 0 Comments

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