Greater Noida: न्यू नोएडा के नाम पर एक बिल्डर द्वारा गोलमाल करने का मामला सामने आया है। सुशांत मेगापोलिस प्रोजेक्ट को सर्वोत्तम वर्ल्ड बिल्डर अपने नाम से बेच रहा है, जबकि प्रोजेक्ट उत्तम स्टील एंड एसोसिएट और अंसल हाईटेक टाउनशिप बिल्डर का है। इस पर उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने सुशांत मेगापोलिस प्रोजेक्ट के खरीदारों और निवेशकों का सावधान किया है। यूपी रेरा के अधिकारियों का कहना है कि यह नियमों के खिलाफ है। बिल्डर प्रोजेक्ट को न्यू नोएडा के नाम से बेच रहा है। जल्द ही सर्वोत्तम वर्ल्ड बिल्डर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस प्रोजेक्ट में हजारों खरीदार कब्जा मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
बिल्डर की ओर से किया जा रहा है झूठा प्रचार
यूपी रेरा के अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में सर्वोत्तम वर्ल्ड बिल्डर विभिन्न माध्यम पर सर्वोत्तम मेगापोलिस प्रोजेक्ट का प्रचार कर रहा है। बिल्डर ने प्रोजेक्ट को न्यू नोएडा में बताया है। बिल्डर ने प्रोजेक्ट के तीनों फेज के यूपी रेरा पंजीकरण संख्या भी दिए है। शिकायत मिलने पर जांच की गई तो पता चला कि विज्ञापन में दी गई पंजीकरण संख्या सुशांत मेगापोलिस प्रोजेक्ट की है। यह उत्तम स्टील एंड एसोसिएट और अंसल हाईटेक टाउनशिप बिल्डर का प्रोजेक्ट है। अगर सर्वोत्तम वर्ल्ड बिल्डर ने प्रोजेक्ट खरीद लिया है तो इसकी अनुमति यूपी रेरा से लेनी थी। साथ ही यूपी रेरा के पंजीकरण संख्या में अपना नाम शामिल कराना था, लेकिन बिल्डर ने ऐसा कुछ नहीं किया। यह यूपी रेरा के नियमों का उल्लंघन है।
अधिकारियों ने बताया कि बिल्डर इस तरह इन प्रोजेक्टों को बेच नहीं सकता है। यूपी रेरा ने सर्वोत्तम वर्ल्ड बिल्डर के विज्ञापन को भ्रामक और कपटपूर्ण करार दिया है और खरीदारों व निवेशकों को आगाह किया है। मकान और दुकान खरीदने से पहले यूपी रेरा के वेबसाइट पर किसी भी प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी लेने के बाद ही निर्णय लेने की अपील की गई है।
9 किमी दूर प्रोजेक्ट को बताया परी चौक के पास
सुशांत मेगापोलिस प्रोजेक्ट बोड़ाकी, रामगढ़ गांव और जीटी रोड के बीच स्थित है। यह परी चौक से नौ किमी दूर है, लेकिन सर्वोत्तम वर्ल्ड बिल्डर ने अपने प्रोजेक्ट को परी चौक के पास होने का दावा किया है। बिल्डर ने गोल्फ कोर्स, क्रिकेट स्टेडियम, टेनिस कोर्ट से लेकर तमाम सुविधाएं देने का भी दावा किया है।
फोन करने पर खुली पोल
यूपी रेरा के अफसरों ने बिल्डर का नाम सुनकर उनके हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर प्रोजेक्ट में निवेश करने की इच्छा जाहिर की। साथ ही पूछा कि सर्वोत्तम मेगापोलिस के नाम से बैंक ने ऋण देने से इन्कार कर दिया है, जबकि प्रोजेक्ट किसी और नाम से यूपी रेरा में पंजीकृत है। जिस पर बिल्डर के प्रतिनिधि ने कहा कि जिस तरह कार को बेचने में चेसिस नंबर नहीं बदलता, लेकिन मालिक बदल जाता है। उसी तरह प्रोजेक्ट का मालिक बदल गया है, लेकिन यूपी रेरा पंजीकरण संख्या वहीं पुराने बिल्डर का रहेगी।
दोनों बिल्डरों को कारण बताओं नोटिस जारी
यूपी रेरा सचिव प्रमोद कुमार ने बताया कि नियमों का उल्लंघन कर प्रोजेक्ट को बेचकर खरीदारों को ठगा जा रहा है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रोजेक्ट के दोनों बिल्डर और सर्वोत्तम वर्ल्ड बिल्डर को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। जवाब आने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी, फिलहाल खरीदारों को सतर्क कर दिया गया है।
Noida: अखिल भारतीय किसान सभा गौतम बुद्ध नगर इकाई की जिला कमेटी के पदाधिकारियों ने सर्वोत्तम बिल्डर के के खिलाफ रामगढ़ गांव में चल रहे धरना-प्रदर्शन में पहुंचकर समर्थन दिया। आरोप है कि 23 नवंबर को सर्वोत्तम बिल्डर के बाउंसरों ने किसानों ने की जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की थी। धरनारत किसानों ने विरोध किया तो उनके साथ मारपीट कर दी गई। जिससे कई किसान घायल हो गए। जबकि पुलिस ने दो किसानों के बीच का झगड़ा बनाकर किसानों पर ही 307 आईपीसी में एफआईआर दर्ज कर दी। इससे किसानों में रोष है। जिसको लेकर शुक्रवार को बड़ी संख्या में धरना स्थल पर किसानों ने सर्वोत्तम बिल्डर के विरुद्ध नारे लगाकर प्रदर्शन किया।
नये अधिग्रहण कानून का उल्लंघन का रहा सर्वोत्तम बिल्डर
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि अंसल को 2005 में 2500 एकड़ में टाउनशिप बनाने का लाइसेंस दिया था। जिसे अंसल बिल्डर कभी भी कार्य रूप नहीं दे सका। किसानों का असल बिल्डर के साथ 2013 में 10% आबादी प्लाट, 64 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे का समझौता हुआ था। जिसका पालन भी अंसल बिल्डर ने नहीं किया। अब अंसल बिल्डर के प्रोजेक्ट को सर्वोत्तम बिल्डर ने खरीदा है। ऐसे में उसकी लायबिलिटी भी सर्वोत्तम बिल्डर को पूरी करनी है। अन्यथा किसानों को अपनी जमीन पर कब्जा नहीं देना चाहिए। रुपेश वर्मा ने कहा कि नये अधिग्रहण कानून में भी किसानों के हक को अच्छी तरह परिभाषित किया गया है, जिनका बिल्डर सरासर उल्लंघन कर रहा है।
किसान सभा किसानों के साथ
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि किसानों के हक की लड़ाई वाजिब है। किसान सभा किसानों के साथ खड़ी है। किसान सभा के उपाध्यक्ष गवरी मुखिया, अजब सिंह नेताजी, दुष्यंत सेन, सचिन भाटी, सुरेंद्र भाटी, सुरेश यादव, विजय यादव, मोहित यादव, सुशांत भाटी प्रशांत भाटी ने धरने को संबोधित किया।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में बिल्डर की धोखाधड़ी का मामला संज्ञान में आया है। मामले को लेकर बिल्डर के खिलाफ ग्रेटर नोएडा के थाना दादरी पुलिस ने केस भी दर्ज कर लिया है। पीड़ित ने बिल्डर पर प्लॉट के नाम पर धोखा करने का आरोप लगाया है।
बिल्डर की प्लॉट धोखाधड़ी के खिलाफ केस दर्ज!
ग्रेटर नोएडा में थाना दादरी पुलिस ने प्लॉट के नाम पर धोखाधड़ी मामले में केस दर्ज किया है। पुलिस द्वारा सर्वोत्तम बिल्डर ग्रुप के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के आधार ग्रुप के सात निदेशकों को केस में नामजद किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिल्डर के ऊपर पीड़ित ने प्लॉट के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है।
5-5 लाख रुपए देकर पीड़ित ने बुक किए दो फ्लैट
प्लॉट के नाम पर धोखाधडी के पीड़ित रोहित पाल ने ग्रेटर नोएडा के थाना दादरी में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें बताया है कि पीड़ित रोहित पाल ने एक विज्ञापन देखा, जिसके बाद उन्होंने सर्वोत्तम वर्ल्ड न्यू ओयडा आवास योजना प्रोजेक्ट में मेसर्स इन्वेस्टर क्लीनिक इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्म के माध्यम से 5-5 लाख रुपये देकर दो प्लॉट बुक कराए। पीड़ित ने ये भी कहा है कि बिल्डर विकास जैन, आशीष शर्मा, अमित सोनी, ममता, आशुतोष सिंह और कुछ लोगों ने पीड़ित को ये यकीन दिलाया कि सर्वोत्तम वर्ल्ड न्यू ओयडा आवास योजना प्रोजेक्ट सभी मानकों पर खरा उतरता है। जिसके बाद पीड़ित झांसे में आ गया और उसने आरोपियों को 5-5 लाख रुपये देकर दो प्लॉट बुक करा लिए।
कैसे हुआ मामले का खुलासा
उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण की सूचना के बाद इस धोखाधड़ी का पता पीड़ित चला है। दरअसल, उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण की तरफ से एक अधिसूचना जारी की गई थी, इस अधिसूचना में सर्वोत्तम वर्ड के विज्ञापन को भ्रामक और धोखाधड़ी पूर्ण बताया गया था। साथ ही इस प्रोजेक्ट में उल्लिखित तीन यूपी रेरा पंजीकरण संख्या अन्य प्रमोटर्स मेसर्स उत्तम स्टील एंड कंस्ट्रक्शन और मेसर्स अंसल हाई-टेक टाउनशिप के नाम पर पंजीकृत बताई गई। ये जानकारी जब पीड़ित को मिली, तो पीड़ित को अंदेशा हुआ और उसने आरोपियों से अपने दिए हुए पैसे वापस मांगे।
आरोपियों ने पीड़ित को धमकाया!
पीड़ित ने बताया है कि जब उसने अपने पैसे मांगे, तो आरोपियों ने पैसे नहीं दिए और पीड़ित धमकाया। जिसके बाद पीड़ित पुलिस के पास पहुंचा। इस मामले में पुलिस ने कहा कि बिल्डर विकास जैन, आशीष शर्मा, अमित सोनी, ममता, आशुतोष सिंह समेत सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
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