भारतीय रेसलर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने की खबर ने खलबली मचा दी है। वो शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी में शामिल हुईं। इससे पहले विनेश-बजरंग ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। पेरिस ओलंपिक में ओवरवेट के चलते विनेश के हाथ कोई मेडल नहीं लगा था। जिसके बाद उनके प्रतिद्वंदी सवाल कर रहे हैं कि क्या ‘दगल गर्ल’ विनेश फोगाट सियासी अखाड़े में सफल हो पाएंगी।
2014 में जीता पहला मेडल, 2024 में चुनी राजनीति
विनेश फोगाट के बारे में बात करें, तो पता चलता है कि वो अपनी चचेरी बहनों गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शेकदम पर चलती हुई रेसलिंग में आईं। 5 अगस्त 1994 को जन्मी विनेश फोगाट ने ग्लासगो में साल 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर अपना पहला बड़ा इंटरनेशनल खिताब जीता। तीन बार की ओलंपियन विनेश फोगाट के पास कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन स्वर्ण, वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक और एशियन गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में एक-एक स्वर्ण पदक है।
विनेश फोगाट कांग्रेस में हुईं शामिल
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, पार्टी विनेश को जुलाना विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती हैं। ये इसलिए भी क्योंकि जुलान विनेश फोगाट का ससुराल है। इससे पहले विनेश कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने उनके घर पहुंची थीं।
विनेश फोगाट ने छोड़ी रेलवे की नौकरी
रेसलर विनेश फोगाट ने रेलवे की नौकरी छोड़ने की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी। उन्होंने एक लेटर शेयर करते हुए लिखा- भारतीय रेलवे की सेवा मेरे जीवन का एक यादगार और गौरवपूर्ण समय रहा है। जीवन के इस मोड़ पर मैंने स्वयं को रेलवे सेवा से अलग करने का फैसला लिया है। अपना त्यागपत्र भारतीय रेलवे के सक्षम अधिकारियों को सौप दिया है। राष्ट्र की सेवा में रेलवे द्वारा मुझे दिये गये इस अवसर के लिए मैं भारतीय रेलवे परिवार की सदैव आभारी रहूंगी।
हरियाणा की राजनीति में मची खलबली
विनेश फोगाट का कांग्रेस में शामिल होना हरियाणा की राजनीति में बदलाव ला सकती हैं। विनेश फोगाट के खाप पंचायतों,किसान संगठनों के साथ अच्छे रिश्ते हैं। जो आगामी चुनाव में कांग्रेस के लिए तुरुप का इक्के की तरह काम कर सकते हैं। वहीं, आने वाले वक्त में विनेश फोगाट चुनाव लड़ती हैं या नहीं इस पर तो पार्टी फैसला करेगी लेकिन कांग्रेस में उनका शामिल होने हरियाणा की राजनीति में अहम मोड़ ला सकता है। बीते दिनों विनेश फोगाट शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों से मिलने पहुंची थीं। जहां उनका जगह-जगह स्वागत किया था।
कांग्रेस के हाथ लगा तुरुप का इक्का?
हरियाणा की पॉलिटिक्स जाट बनाम गैर जाट पर होती है। आकंड़ों को देखें, तो पता चलता है कि बीते 10 सालों में जब बीजेपी की सरकार बनीं को खट्ट और नायब सिंह जैसे गैर जाट चेहरों को मौका दिया गया। जबकि 2005- 2014 तक कांग्रेस ने जाट चेहरे पर दांव लगाया था और मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया। ऐसे में विनेश फोगाट सहानुभूति लहर के दम पर जाट वोटों का बड़ा हिस्सा कांग्रेस के पक्ष में कर सकती हैं।
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