Hapur: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी एकदिवसीय दौरे पर हापुड़ पहुंचे इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।
भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि राहुल गाँधी कन्फ्यूज है और कांग्रेस एक कंफ्यूस लोगो की पार्टी है। कांग्रेसी हमेशा हमारी आस्था, हमारी परम्परा और हमारी विरासत का अपमान करते रहे हैं।
राम मंदिर निर्माण में बाधा डालने की कोशिश की
भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारने का काम भी कांग्रेस ने किया। राम मंदिर का निर्माण न हो इसके लिए कांग्रेस के लोग अदालतों में अलग-अलग स्तर पर बाधा डालते रहे। सनातन को अपमानित करने वाले और गली देने वालोंं के साथ कांग्रेस खड़ी है। जिसका जबाव आने वाले समय में चुनावो में जनता मांगेगी।
अरविंद केजरीवाल को लेकर कसा तंज
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नए भवन को लेकर हो रही सीबीआई की जाँच पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि अगर जाँच में कुछ नहीं मिलेगा तो जाँच से करवाने की आवश्यकता नहीं है। अगर हमने कोई गलत किया नहीं है, हम किसी गलत काम के भागीदार नहीं है तो घबराने की किसी को कोई जरूरत नहीं है। लेकिन एक पुरानी कहावत है कि चोर की दाढ़ी में तिनका। जो चोर होता है वही घबराता है।
New Delhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री को लेकर विवादित टिप्पणी देकर मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग ने राहुल के विवादित बयानों को लेकर उन्हें नोटिस जारी किया है। राहुल गांधी को इस नोटिस का जवाब देने के लिए 25 नवंबर तक का समय मिला है। राहुल गांधी ने राजस्थान में चुनावी जनसभाओं के दौरान पीएम मोदी पर राहुल ने पनौती शब्द का इस्तेमाल किया था।
भाजपा नेताओं ने ज्ञापन सौंपकर की थी कार्रवाई की मांग
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी नेताओं ने कार्रवाई की मांग की थी। बीजेपी महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल, ओम पाठक सहित पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग को ज्ञापन भी सौंपा था। ज्ञापन में मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के खिलाफ धोखाधड़ी, आधारहीन और अपमानजनक आचरण के लिए उचित कानूनी कार्रवाई करके तत्काल हस्तक्षेप किए जाने की मांग की गई थी। ज्ञापन में कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं के बयान चुनावी माहौल को खराब कर देंगे। इससे सम्मानित व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए अपशब्दों, आपत्तिजनक भाषा का उपयोग और झूठी खबरों को रोकना मुश्किल हो जाएगा।
2024 लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी से बड़ी खबर सामने आई है. कांग्रेस और सपा में गठबंधन तय हो गया है. सपा और कांग्रेस की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का ऐलान किया गया है. कांग्रेस को 17 सीटें देने का ऐलान प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया गया है. लखनऊ के एक होटल में आयोजित हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा प्रदेश अध्यक्ष ने जानकारी दी. उन्होंने सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का धन्यवाद किया फिर बताया कि वो यूपी से लेकर एमपी तक साथ में मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
कांग्रेस इन 17 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, वाराणसी, देवरिया, मथुरा, कानपुर नगर , झांसी, बाराबंकी, सीतापुर, अमरोहा, बांसगांव, बुलंदशहर, महाराजगंज, फतेहपुर सीकरी, गाजियाबाद, सहारनपुर लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार अपनी किस्मत अजमाते हुए नजर आएंगे.
तीन सीटों को लेकर फंसा था पेंच
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों दलों की राज्य इकाइयों ने गठबंधन की घोषणा कर दी है. यूपी में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं. दोनों ही पार्टियों के बीच तीन सीटों पर दावेदारी को लेकर पेच फंस गया था. सूत्रों के मुताबिक, दो-तीन सीटों पर अभी बातचीत चल रही है. सपा ने कांग्रेस को सीतापुर समेत 17 सीटों का ऑफर दिया था, इस पर कांग्रेस राजी हो गई है. समाजवादी पार्टी ने अमरोहा की भी सीट कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ दी है.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले से देश के नाम संबोधन किया। तमाम वीवीआईपी, नेता और सेलिब्रिटी इस प्रोग्राम में शामिल हुए। लेकिन विपक्ष के नेता राहुल गांधी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है। जिसमें वो सफेद कुर्ता पायजामा पहने विपक्ष के नेता के बाद भी पीछे की पंक्ति में बैठे नजर आ रहे हैं। जिसपर अब रक्षा मंत्रालय ने स्पष्टीकरण भी दिया है।
रक्षा मंत्रालय ने बताई राहुल गांधी को पीछे बैठाने की वजह?
रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान आगे की पंक्तियों में ओलंपिक मेडल विजेता खिलाड़ियों के बैठने का इंतजाम किया गया था, जिस वजह से राहुल गांधी को पीछे की पंक्ति में बैठाया गया। अन्यथा प्रोटोकॉल के मुताबिक विपक्ष के नेता को आगे की पंक्ति में बैठाया जाता है।
रक्षा मंत्रालय का होता है बैठने की व्यवस्था का जिम्मा
वायरल तस्वीर में हम देख सकते हैं कि राहुल गांधी के अगल-बगल में ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी बैठे थै। राहुल गांधी के ठीक आगे कांस्य पदक विकेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य ललित उपाध्याय बैठे थे। इसके अलावा यहां मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, एस. जयशंकर, निर्मला सीतारमण और शिवराज सिंह चौहान बैठे थे। जानकारी के लिए बतां दें कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों के आयोजन में बैठने की व्यवस्था का काम रक्षा मंत्रालय का होता है।
10 साल बाद राहुल गांधी बने नेता विपक्ष
लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद 2014 से 2024 तक खाली रहा, क्योंकि उस अवधि के दौरान किसी भी विपक्षी दल के पास इस पद को हासिल करने के लिए पर्याप्त सांसद नहीं थे। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी की सीटों की संख्या 99 पहुंचने के बाद राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई बार किसानों, नाई, कुली, हस्तकार से मिलने के चलते सुर्खियों में रहे हैं। इस बार जब राहुल गांधी सुल्तानपुर कोर्ट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी मामले में पेश होने पहुंचे, तब वापसी के दौरान वो अचानक मोची की दुकान पर जा पहुंचे।
दरअसल, राहुल गांधी सुल्तानपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होने के बाद लखनऊ वापस लौट रहे थे। इस दौरान अचानक उनका काफिला कूरेभार के विधायक नगर चौराहे पर चैत राम मोची की दुकान के पास रुक गया। जहां पर राहुल गांधी जूते को ठीक करते दिखे। साथ ही मोची से बातचीत भी की।
राहुल गांधी ने सुल्तानपुर में मोची से जाना व्यापार का हाल
मोची की दुकान पर पांच मिनट रुककर राहुल गांधी ने मोची से उनके व्यापार के बारे में बातचीत की। जिसके बाद उनका काफिला पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए निकल गया। राहुल गांधी से मिलने के बाद चैत राम मोची ने मीडिया के सामने अपनी खुशी जाहिर की और कहा कि जिस जूते को हम सील रहे थे, राहुल ने उसे छू कर देखा। उन्होंने पूछा कि कैसे बनाते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी जाना कि घर का भरण-पोषण कैसे चलता है।
आपको बता दें, राहुल गांधी शुक्रवार को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश हुए थे। जहां पर उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी के आरोप में चल रहे मानहानि केस में अपना बयान दर्ज कराया। मजिस्ट्रेट द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में राहुल बोले कि वो निर्दोष हैं। सस्ती लोकप्रियता के लिए व राजनीतिक द्वेष से यह मुकदमा दर्ज कराया गया है।
बॉलीवुड के नवाब सैफ अली खान इन दिनों अपनी फिल्म देवरा पार्ट-1 को लेकर सुर्खियों में हैं। देवरा से वो साउथ फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री कर रहे हैं। फिल्म 27 सिंतबर को रिलीज हो चुकी है। लेकिन एक कॉन्क्लेव में सैफ अली खान में जब सैफ अली खान से पीएम मोदी, अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी, सबसे बहादुर नेता कौन है, ये सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी का नाम लिया। जिसके बाद से सैफ अली खान सुर्खियों में छाए हुए हैं।
सैफ अली खान ने राहुल गांधी को बताया बहादुर
बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में राहुल गांधी की जमकर तारीफ की। सैफ अली खान ने राहुल गांधी को एक बहादुर राजनेता बताया हैं जो आलोचनाओं से प्रभावशाली तरीके से निपटना जानते हैं। सैफ अली खान ने कहा ‘मुझे बहादुर और ईमानदार राजनेता पसंद हैं’। ये पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी से लेकर आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल तक, वो किसे बहादुर राजनेता मानते हैं जो भारत को भविष्य की ओर ले जा सकते हैं। जिसके जवाब में सैफ अली खान ने कहा कि वे सभी बहादुर राजनेता हैं। राहुल गांधी ने जो किया वो वाकई कमाल है।
राहुल गांधी ने मेहनत करके स्थिती को बदला: सैफ अली खान
सैफ अली खान ने कहा ‘मुझे लगता है कि राहुल गांधी ने जो किया है, वो भी बहुत प्रभावशाली है। एक समय ऐसा भी था जब लोग उनकी कही गई बातों या उनके किए गए कामों का अनादर कर रहे थे। मुझे लगता है कि उन्होंने बहुत ही दिलचस्प तरीके से कड़ी मेहनत करके इस स्थिति को बदल दिया है’। सैफ अली खान द्वारा देवरा में निभाए गए रोल की काफी तारीफ की जा रही है। साउथ फिल्म इंडस्ट्री में सैफ अली खान के काम को काफी सराहना मिल रही है।
करीना कपूर को भी पंसद हैं राहुल गांधी
सैफ अली खान द्वारा राहुल गांधी की तारीफ के बाद अब करीना कपूर का वीडियो भी काफी वायरल हो रहा है। जिसमें सैफ अली खान की वाइफ और एक्ट्रेस करीना कपूर खान ने राहुल गांधी को लेकर बड़ी बात कही थी। एक्ट्रेस सिमी ग्रेवाल ने अपने शो पर करीना से सवाल किया था कि वे किसे डेट करना चाहती हैं। तब करीना ने कहा था कि, 'क्या मैं ये कह सकती हूं। मुझे नहीं पता कि क्या यह मुझे कहना चाहिए। अगर ये विवादास्पद है तो कोई बुरा न माने। राहुल गांधी।'
भारतीय रेसलर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने की खबर ने खलबली मचा दी है। वो शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी में शामिल हुईं। इससे पहले विनेश-बजरंग ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। पेरिस ओलंपिक में ओवरवेट के चलते विनेश के हाथ कोई मेडल नहीं लगा था। जिसके बाद उनके प्रतिद्वंदी सवाल कर रहे हैं कि क्या ‘दगल गर्ल’ विनेश फोगाट सियासी अखाड़े में सफल हो पाएंगी।
2014 में जीता पहला मेडल, 2024 में चुनी राजनीति
विनेश फोगाट के बारे में बात करें, तो पता चलता है कि वो अपनी चचेरी बहनों गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शेकदम पर चलती हुई रेसलिंग में आईं। 5 अगस्त 1994 को जन्मी विनेश फोगाट ने ग्लासगो में साल 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर अपना पहला बड़ा इंटरनेशनल खिताब जीता। तीन बार की ओलंपियन विनेश फोगाट के पास कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन स्वर्ण, वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक और एशियन गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में एक-एक स्वर्ण पदक है।
विनेश फोगाट कांग्रेस में हुईं शामिल
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, पार्टी विनेश को जुलाना विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती हैं। ये इसलिए भी क्योंकि जुलान विनेश फोगाट का ससुराल है। इससे पहले विनेश कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने उनके घर पहुंची थीं।
विनेश फोगाट ने छोड़ी रेलवे की नौकरी
रेसलर विनेश फोगाट ने रेलवे की नौकरी छोड़ने की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी। उन्होंने एक लेटर शेयर करते हुए लिखा- भारतीय रेलवे की सेवा मेरे जीवन का एक यादगार और गौरवपूर्ण समय रहा है। जीवन के इस मोड़ पर मैंने स्वयं को रेलवे सेवा से अलग करने का फैसला लिया है। अपना त्यागपत्र भारतीय रेलवे के सक्षम अधिकारियों को सौप दिया है। राष्ट्र की सेवा में रेलवे द्वारा मुझे दिये गये इस अवसर के लिए मैं भारतीय रेलवे परिवार की सदैव आभारी रहूंगी।
हरियाणा की राजनीति में मची खलबली
विनेश फोगाट का कांग्रेस में शामिल होना हरियाणा की राजनीति में बदलाव ला सकती हैं। विनेश फोगाट के खाप पंचायतों,किसान संगठनों के साथ अच्छे रिश्ते हैं। जो आगामी चुनाव में कांग्रेस के लिए तुरुप का इक्के की तरह काम कर सकते हैं। वहीं, आने वाले वक्त में विनेश फोगाट चुनाव लड़ती हैं या नहीं इस पर तो पार्टी फैसला करेगी लेकिन कांग्रेस में उनका शामिल होने हरियाणा की राजनीति में अहम मोड़ ला सकता है। बीते दिनों विनेश फोगाट शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों से मिलने पहुंची थीं। जहां उनका जगह-जगह स्वागत किया था।
कांग्रेस के हाथ लगा तुरुप का इक्का?
हरियाणा की पॉलिटिक्स जाट बनाम गैर जाट पर होती है। आकंड़ों को देखें, तो पता चलता है कि बीते 10 सालों में जब बीजेपी की सरकार बनीं को खट्ट और नायब सिंह जैसे गैर जाट चेहरों को मौका दिया गया। जबकि 2005- 2014 तक कांग्रेस ने जाट चेहरे पर दांव लगाया था और मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया। ऐसे में विनेश फोगाट सहानुभूति लहर के दम पर जाट वोटों का बड़ा हिस्सा कांग्रेस के पक्ष में कर सकती हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलराज भाटी के नेतृत्व में बुधवार को कार्यकर्ताओं ने आगामी संसद सत्र में एमएसपी गारंटी बिल पारित करने के संबंध में जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता सांसद राहुल गांधी के नाम ज्ञापन सौंपा।
किसान सभा ने पीएम मोदी और राहुल गांधी के नाम सौंपा ज्ञापन
राष्ट्रीय अध्यक्ष बलराज भाटी ने बताया कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) गारंटी किसान मोर्चा की आखिरी बैठक 21 अगस्त 2024 को दिल्ली में आयोजित हुई थी, जिसमें देश के ढाई सौ से ज्यादा किसान संगठन सम्मिलित हुए थे। उस बैठक में निर्णय लिया गया था कि MSP ( Minimum Support Price) किसान मोर्चा के सभी किसान संगठन 28 अगस्त ज्ञापन के माध्यम से संसद में एमएसपी गारंटी बिल पारित करने की सिफारिश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नाम ज्ञापन देगें।
MSP पर पीएम मोदी के कथन को कराया गया याद
राष्ट्रीय अध्यक्ष भाटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्ञापन के माध्यम से सिफारिश की। जिसमें पीएम मोदी को साल 2011 में उनके द्वारा तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह से एमएसपी की गारंटी लागू करने की बात को याद दिलाया गया और सिफारिश की गई कि मौजूदा समय में जब पीएम मोदी खुद पद पर हैं, तो उन्ही सिफारिशों को मानते हुए किसानों को अनाज, फल, सब्जियों और दूध की एमएसपी की गारंटी कानून पारित कर हक क्यों नही दे सकते?
‘किसान आबाद होगा, तो देश आबाद होगा’
राष्ट्रीय अध्यक्ष बलराज भाटी ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है। क्या हम कृषकों को शोभा देता है कि हम अपनी इतनी पुरानी मांग के लिए दर दर भटकते रहें। खासकर तब जब आपके चार सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल (यू),जनता दल (एस) एंव राष्ट्रीय लोक दल द्वारा लिखित में हमारी एमएसपी गारंटी मांग का समर्थन किया था। बलराज भाटी का कहना है कि किसान की हरेक फसल पर एमएसपी गारंटी बिल पारित होने से किसान आबाद होगा। किसान आबाद होगा, तो देश आबाद होगा। आज किसान के लिए खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है। किसान की लागत भी किसान को वापस नही मिल पा रही है। जिससे किसान कर्ज में डूब जाते है, जिस कारण लाखों किसानों ने आत्महत्या कर ली हैं।
ये लोग रहे मौजूद
जिलाधिकारी को ज्ञापन देने के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला मोर्चा रेखा सिवाल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रोहित भाटी, राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य चंद्रपाल बंसल, प्रदेश अध्यक्ष हातम सिंह भाटी,प्रदेश अध्यक्ष युवा विपिन खारी, प्रदेश महासचिव दिलदार अंसारी, प्रदेश सचिव यामीन अंसारी, प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश भडाना, प्रदेश उपाध्यक्ष युवा प्रशान्त भाटी, महानगर अध्यक्ष योगेश वैष्णव, जिलाध्यक्ष मुरादाबाद फहीम मंसूरी, पश्चिमी प्रदेश अध्यक्ष संदीप भाटी, जिला संगठन मन्त्री रिंकू भडाना, तहसील अध्यक्ष सोविदंर भाटी, जिला उपाध्यक्ष राहुल भाटी,जिला उपाध्यक्ष हरेन्द्र, नोएडा महानगर उपाध्यक्ष लोकेश वैष्णव,महानगर उपाध्यक्ष मदन भाटी,इरशाद ,ग्राम अध्यक्ष प्रदीप बैरागी,रविन्द्र बैरागी,दादरी ब्लाक अध्यक्ष तपसी, आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बीते शनिवार को यूपीएससी की तरफ से क्रेंद्र के 45 ऐसे पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन दिया, जिनकी भर्ती ग्रुप-ए के तहत होती है। जिसपर अब राजनैतिक हलचल होती दिख रही है। पूरा विपक्ष इस फैसले के खिलाफ खड़ा है। राहुल गांधी ने एक्स पर ट्वीट कर अपनी राय रखी, तो अखिलेश यादव ने देशव्यापी आंदोलन की बात कही। पूर्व सीएम मायावती ने भी इस फैसले को गलत बताया है। साथ ही 'एक्स' पर इस फैसले के खिलाफ विरोध दिखाई दे रहा है।
राहुल बोले ‘खुलेआम छीना जा रहा SC, ST, OBC का आरक्षण’
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स राहुस गांधी ने इस कदम को प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाला बताया और लिखा, 'नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। यह UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक़ पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है।'
राहुल गांधी ने आगे लिखा, ‘चंद कॉरपोरेट्स के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण SEBI है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले को पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया। प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा। IAS का निजीकरण आरक्षण खत्म करने की मोदी की गारंटी है।'
अखिलेश यादव बोले ‘देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का आ गया समय’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस फैसले के खिलाफ दो अक्टूबर से प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है। अखिलेश ने एक्स पर लिखा, ‘भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाजे से यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साजिश कर रही है, उसके खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन करने का समय आ गया है।'
मायावती बोलीं ‘45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय नहीं है सही’
बसपा प्रमुख और पूर्व यूपी मुख्यमंत्री मायावती ने भी सरकार के इस फैसले को गलत बताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘केन्द्र में संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय सही नहीं है, क्योंकि सीधी भर्ती के माध्यम से नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नति के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा।'
क्या है मामला?
बीते शनिवार को केंद्र के अलग-अलग मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों के लिए जल्द से जल्द 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाने हैं। इस तरह के पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं आईएएस, आईपीएस, आईएफओएस और अन्य ‘ग्रुप ए’ सेवाओं के अधिकारी की तरह ही तैनाती होती है। लेकिन यूपीएससी ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया, विज्ञापन में कहा गया, ‘भारत सरकार संयुक्त सचिव और निदेशक/उप सचिव स्तर के अधिकारियों की ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये नियुक्ति करना चाहती है।
लोकसभा प्रतिपक्ष नेता राहुल सोमवार को अपना काफिला छोड़कर उबर राइड पर निकल गए। राहुल गांधी ने दिल्ली में उबर कैब में यात्रा की। राहुल गांधी ने अपने फोन से 10 जनपथ मार्ग के लिए टैक्सी बुक की और फिर अपनी पूरी यात्रा के लिए करीब 438 रुपए किराया भी चुकाया।
राहुल गांधी ने चुकाया 438 रुपए किराया
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उबर कैब की सवारी का एक वीडियो सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर पोस्ट किया। जिसमें वो वाहन चालक सुनील उपाध्याय से उनके अनुभव और परेशानियों के बारे में बातचीत कर रहे हैं। राहुल गांधी ने एक्स पर वीडियो शेयर कर लिखा-
आमदनी कम और महंगाई से निकलता दम - ये है भारत के gig workers की व्यथा! सुनील उपाध्याय जी के साथ एक Uber यात्रा के दौरान चर्चा में और फिर उनके परिवार से मिल कर देश के Cab drivers और Delivery agents जैसे gig workers की समस्याओं का जायज़ा लिया। 'हैंड टू माउथ इनकम' में इनका गुज़ारा तंगी से चल रहा है - न कोई बचत और न ही परिवार के भविष्य का आधार। इनके समाधान के लिए कांग्रेस की राज्य सरकारें ठोंस नीतियां बना कर न्याय करेंगी - और INDIA जनबंधन पूरे संघर्ष के साथ इसका देशव्यापी विस्तार सुनिश्चित करेगा।
ड्राइवर की पत्नी बोली ‘इतनी महंगाई में कुछ बचता ही नहीं’
वीडियो के लास्ट में देखा गया कि राहुल गांधी ने उबर राइड खत्म होने के बाद ड्राइवर को गिफ्ट दिया। राहुल गांधी ने ड्राइवर के परिवार को नाश्ता कराया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ड्राइवर के परिवार से एक रेस्टोरेंट में परिवार से मिलने के लिए गए। वहां उन्होंने सभी के लिए छोले-भटूरे, पापड़ी चाट, आलू की टिक्की और गोलगप्पे मंगवाए। फिर राहुल गांधी ने ड्राइवर की पत्नी से पूछा कि, बच्चों को स्कूल भेजते हो। इसपर ड्राइवर की पत्नी ने कहा- एक बच्चे को भेजते हैं। बेटी नहीं जाती। इतनी महंगाई में कुछ बचता ही नहीं है। राशन, घर का किराया में सबकुछ चला जाता है।
पैसे बचाने के तरीके: चाहकर भी नहीं कर पाते हैं धन की बचत, तो ये टिप्स आपके काम की हैं
December 17, 2022