यमुना सिटी: बहुत जल्द गौतम बुद्ध नगर जिले को पॉड टैक्सी का कार्य शुरू होने जा रहा है। अगले हफ़्ते से ग्लोबल टेंडर जारी किए जाएंगे। यमुना प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक इसके विकास कार्य के लिए 621 करोड़ रूपए ख़र्च किये जाएंगे। इस रूट की लंबाई 14.6 किलोमीटर होगी।
भारत में पहली पॉड टैक्सी की सुविधा
यमुना सिटी में पॉड टैक्सी बनने के बाद भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जहां पर इस ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। जबकि इस प्रोजेक्ट की लंबाई भी सबसे ज्यादा होगी। इस रूट की लंबाई 14.6 किमी. है। जो अभी तक दुनिया का सबसे लंबा पॉड टैक्सी रूट होगा।
यमुना सिटी में आवागमन होगा सुगम
पॉड टैक्सी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के बीच चलेगी। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने बताया कि इसके बनने से आवागमन बहुत सुगम हो जाएगा। भारत में पहली बार पॉड टैक्सी का संचालन होने जा रहा है।
पॉड टैक्सी के बनाए जाएंगे 12 स्टेशन
यमुना सिटी में लगभग 14.6 किमी. के रूट पर पॉड टैक्सी का संचालन होगा। इस पूरे रूट पर 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। जबकि 112 पॉड टैक्सी संचालित की जाएगी। पॉड टैक्सी आवास औद्योगिक और संस्थागत सेक्टरों से होते हुए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तक जाएगी।
प्रोजेक्ट पर ख़र्च होंगे 621 करोड़ रुपये
ये दुनिया का सबसे लंबा पॉड टैक्सी रूट होगा, इससे पहले दुनिया के चार देशों मे पॉड टैक्सी का संचालन हो रहा है। इस परियोजना पर यमुना प्राधिकरण 621 करोड़ रुपये खर्च करेगी। प्रत्येक पॉड टैक्सी में 6 यात्री एक साथ यात्रा कर सकेंगे। खास बात ये कि इस पॉड टैक्सी का संचालन खुद यात्री कर सकते हैं।
यमुना सिटी: आगामी बोर्ड बैठक में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के हजारों आवंटियों के लिए बड़ी राहत मिल सकती है। प्राधिकरण बकायेदार आवंटियों का जुमार्ना माफ करने की तैयारी में है। कोर्ट स्टे, विकास कार्य नहीं होने, जमीन मौजूद नहीं होने के चलते अगर किसी आवंटी पर जुमार्ना लग रहा है, तो वह माफ हो जाएगा। ये प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।
26 जून को बोर्ड की बैठक
यमुना प्राधिकरण की 26 जून को बोर्ड बैठक है। जिसमें जुमार्ने की मार झेल रहे आवंटियों के लिए भी प्रस्ताव रखा जाएगा। बोर्ड बैठक में ऐसे आवंटियों को शून्यकाल का लाभ दिए जाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक, अगर इसी जमीन पर कोर्ट स्टे है और आवंटी को अब तक कब्जा नहीं मिल पाया है तो उन्हें जुमार्ने से राहत मिलेगी। इसके अलावा भूखंड का विकास नहीं होने, प्राधिकरण के पास जमीन नहीं होने के चलते अगर कब्जा नहीं मिल पाया है तो भी आवंटियों का जुर्माना माफ होगा। आपको बता दें एक अनुमान के मुताबिक ऐसे आवंटियों की संख्या करीब 3000 है। अगर बोर्ड में प्रस्ताव पास होता है तो इन सभी आवंटियों को इससे राहत मिल जाएगी।
यमुना प्राधिकरण: ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा तक यमुना प्राधिकरण YEIDA का जितना भी एरिया है, उस पर अब अतिक्रमण नहीं हो सकेगा। प्राधिकरण ने अतिक्रमण पर रोक लगाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसके लिए प्राधिकरण के CEO डॉक्टर अरुण वीर सिंह ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है।
टीम रखेगी निगरानी
यमुना प्राधिकरण ने एक टीम का गठन किया है। जिसमें पुलिस दल के साथ डिविजन का जेई और इंजीनियर रहेंगे। ये टीम डिविजन के अनुसार प्लान बनाकर सभी गांवों में गश्त करेगी और उस पर निगरानी रखेगी। अगर टीम को कहीं पर भी अतिक्रमण मिला या फिर उसकी सूनचा मिली तो उस पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा।
Greater Noida: उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव डीएस मिश्रा एक दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को नोएडा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक सेक्टरों और सेक्टर 28, 29, 32 तथा 33 का दौरा किया। यमुना प्राधिकरण द्वारा सेक्टर 28 में विकसित किए जा रहे हैं देश के सबसे बड़े मेडिकल डिवाइस पार्क के अंतर्गत किए जा रहे हैं विकास एवं निर्माण कार्यों की भौतिक समीक्षा की।
मेडिकल डिवाइस पार्क का विकास देखकर हुए संतुष्ट
उल्लेखनीय है कि यह मेडिकल डिवाइस पार्क 350 एकड़ क्षेत्र में प्राधिकरण द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस मेडिकल डिवाइस पार्क में भारत सरकार द्वारा भी पूरा सहयोग प्राधिकरण को दिया जा रहा है। मेडिकल डिवाइस पार्क के अंतर्गत प्राधिकरण द्वारा अभी तक 74 कंपनियों को भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं। इस क्षेत्र में प्राधिकरण द्वारा विभिन्न सीएफसी फैसिलिटीज़ के बिल्डिंग का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिनमें थ्री डिजाइन, रैपिड प्रोटोटाइप एंड टेस्टिंग फसिलिटी, इलेक्ट्रॉनिक असेंबली फेसिलिटी, ऐड्मिनिस्ट्रेटिव एंड ऑफिस ब्लॉक, एक्सपोर्ट एंड प्रमोशन इन्क्यूबेशन सेंटर, सेंटर फॉर एक्सीलेंस स्किल डेवलपमेंट एंड इनक्यूबेशन सेंटर सहित कई अन्य विश्व स्तरीय फैसिलिटीज़ प्रदान की जायेंगी। मुख्य सचिव महोदय ने मेडिकल डिवाइस पार्क के विकास पर संतोष ज़ाहिर किया गया।
सूर्य ग्लोबल कंपनी का प्लांट देखा
मेडिकल डिवाइस पार्क के साथ मुख्य सचिव को अधिकारियों ने अपैरल पार्क क्लस्टर, सेक्टर 32 वह सेक्टर 33 के क्लस्टर के निर्माण कार्यों उससे अवगत कराया गया। मुख्य सचिव महोदय द्वारा सेक्टर 32 में स्थापित सूर्य ग्लोबल कंपनी ये प्लांट का भ्रमण भी किया गया। प्लांट पर प्रिया गोल्ड ग्रुप के निदेशक शेखर अग्रवाल द्वारा मुख्य सचिव का स्वागत किया गया और प्लांट में किए जा रहे उत्पादों तथा मशीनरी के संबंध में जानकारी दी।
यमुना प्राधिकरण कार्यालय में की समीक्षा बैठक
मुख्य सचिव ने साईट विजिट के बाद यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के कार्यालय में प्राधिकरण के विकास कार्यों की समीक्षा की गयी। मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा प्रस्तुतीकरण में मास्टर प्लान 2041 के संबंध में जानकारी दी गयी। प्राधिकरण की नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ज़ेवर को चोला रेलवे स्टेशन तक जोड़ने की योजना के संबंध में अवगत कराया। साथ ही प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति व प्राधिकरण द्वारा चलायी गयी योजनाओं की जानकारी भी दी गयी। साथ ही मथुरा में हेरिटेज सिटी व अलीगढ़ में लॉजिस्टिक पार्क योजनाओं हेतु किए जा रहे प्रयासों से भी अवगत कराया। मुख्य सचिव ने निर्देशित किया गया कि इंडस्ट्रियल सेक्टर में साथ साथ वर्कर्स के लिये आवास का भी प्रोविजन किया जाये।
निरीक्षण के दौरान ये अधिकारी रहे मौजूद
मुख्य सचिव महोदय के निरीक्षण के दौरान मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह सहित ज़िलाधिकारी मनीष वर्मा, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रीमती श्रुति, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी विपिन जैन, विशेष कार्याधिकारी शैलेंद्र भाटिया, विशेष कार्याधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, एके सिंह महा प्रबंधक प्रोजेक्ट, नंदकिशोर सुन्दरियाल स्टाफ ऑफिसर, राजेंद्र भाटी डीजीएम प्रोजेक्ट, मेहराम सिंह विशेष कार्याधिकारी सहित यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण तथा विकाशकर्ता एजेंसी के अधिकारी मौजूद रहे।
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