GREATER NOIDA: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी सामने आ रही है कि इसी साल दिसंबर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हवाई जहाज उड़ान भरने लगेंगे। इसके लिए काम 24 घंटे चल रहा है। बताया जा रहा है एयरपोर्ट का 52 फीसदी काम खत्म हो चुका है।
अंतिम चरण में रनवे का काम
रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है। रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग को फाइनल टच देने का काम सितंबर में शुरू हो जाएगा।
जमीन अधिग्रहण के काम में तेजी
पहले चरण का काम खत्म होने के बाद दूसरे चरण का काम जल्द शुरू होगा। दूसरे चरण के लिए जमीन अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है। जिसके लिए किसानों के अकाउंट में मुआवजे की रकम भेजी जा रही है। किसानों को RTGS के माध्यम से मुआवजे की राशि भेजी जा रही है। आपको बता दें पहले चरण के लिए 6 गांवों की 1334 हेक्टेयर जमीन पर काम चल रहा है।
Greater Noida: यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र में सेक्टर 29 में बन रहे अपैरल पार्क में सोमवार को मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा फैक्टरी भूखंडों का शिलान्यास किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुण वीर सिंह, नोएडा अपैरल कलस्टर के अध्यक्ष ललित ठकराल सहित बड़ी संख्या में औद्योगिक भूखंडों के आवंटी उपस्थित रहे।
अब तक 81 भूखण्ड आवंटित हो चुके
उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण द्वारा सेक्टर 29 में अपैरल पार्क कलस्टर की स्थापना की गयी है, जिसका कुल क्षेत्रफल 175 एकड़ है। इसमें कुल 89 भूखंड है जिनमें से 81 भूखण्ड आवंटित किए जा चुके हैं तथा 64 भूखंडों का लीज प्लान तथा चैक लिस्ट इश्यू की जा चुकी है। इनमें से 39 भूखण्डों पर आज भौतिक कब्जा पत्र आवंटियों को वितरित किए गए।
टेक्स्टाइल क्लस्टर के भूखंडों की मांग
कार्यक्रम में एनएईसी के अध्यक्ष ललित ठकराल ने बताया कि अभी भी 70 से अधिक औद्योगिक इकाइयों द्वारा यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में टेक्स्टाइल क्लस्टर के भूखंडों की मांग की जा रही है। यमुना प्राधिकरण में स्थापित इस अप्रैल पार्क क्लस्टर के कारण ही गौतम बुद्ध नगर को सिटी ऑफ अपैरल के नाम से भी जाना जाता है। ये यमुना प्राधिकरण द्वारा स्थापित पहला औद्योगिक कलस्टर है। यमुना प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में कलस्टर के रूप में औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने की शुरुआत की गई है।
जेवर में बननेवाला कार्गों दिल्ली से भी सस्ता पड़ेगा
इस अवसर पर प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉक्टर अरुण वीर सिंह द्वारा द्वारा बताया गया कि प्राधिकरण के औद्योगिक क्षेत्र के अंदर कन्वेन्शन सेंटर, एग्जिबिशन सेंटर वा डेडिकेटेड कार्गों की स्थापना की जाएगी। जेवर में निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एअरपोर्ट मैं डेडिकेटेड कार्गों विकसित किया जाएगा। वर्तमान में कार्गों के अंदर सबसे अधिक हिस्सेदारी करीब 37% वस्त्र उद्योग की है। जेवर में बननेवाला कार्गों दिल्ली से भी सस्ता पड़ेगा क्योंकि यहाँ पर फ्यूल पर केवल 1% का वैट सरकार द्वारा लगाया जा रहा है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है की प्राधिकरण के इस अपैरल पार्क को बल्लभगढ़ के पास से दिल्ली नोएडा एक्सप्रेस वे से जोड़े जाने पर एनएचएआई द्वारा कार्य शुरू कर दिया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र में रैपिड रेल एनसीआरटीसी की स्टडी भी प्रारंभ करा दी गई है। इस क्षेत्र में देश का पहला और विश्व का छठा पॉड टैक्सी सिस्टम बनाया जाएगा, जिसके लिए प्राधिकरण द्वारा अंतरराष्ट्रीय निविदा भी जारी की जा चुकी है। पीआरटी सिस्टम की प्री बिड बैठक में विश्व की सभी सर्वश्रेष्ठ कंपनियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्राधिकरण द्वारा जल्द ही फ़िल्म सिटी परियोजना की अंतर्राष्ट्रीय बिड भी जारी की जाएगी।
औद्योगिक भूखंडों में ग्राउंड कवरेज को बढ़ाकर 60% करने का निर्णय
वीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक भूखण्डों पर दी जा रही 1.5 एफएआर को बढ़ाकर 2.0 करने का फैसला लिया गया है जिसपर शासन स्तर से शीघ्र ही आदेश जारी हो जाएगा साथ ही औद्योगिक भूखंडों में ग्राउंड कवरेज को बढ़ाकर 60% करने का भी निर्णय लिया गया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा सभा में उपस्थित सभी उद्योगपतियों से निवेदन किया गया अपने उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार प्रदान करें। रोजगार प्रदान करने के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना करें, यदि इसके लिए भूमि की आवश्यकता पड़ती है तो प्राधिकरण निशुल्क जमीन उपलब्ध कराने को तैयार है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी उद्योगपतियों द्वारा प्राधिकरण द्वारा दिए जा रहे हैं सहयोग के लिए धन्यवाद व्यक्त किया गया। इस कार्यक्रम में बिमटेक के हरिवंश चतुर्वेदी विशेष अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में प्राधिकरण के सभी वरीष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
Greater Noida: यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष अनिल कुमार सागर द्वारा प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर 25 में स्थित जेपी स्पोर्ट्स सिटी में बने मोटो जीपी ट्रैक का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने 22 से 24 सितंबर तक होने वाली अंतर्राष्ट्रीय मोटो जीपी प्रतियोगिता की तैयारियों की समीक्षा की। अध्यक्ष अनिल कुमार ने मोटो जीपी ट्रैक का भ्रमण कर यहां पर किए जा रहे निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी ली।
इस दौरान मोटो जीपी रेस का आयोजन करने वाली कंपनी मैसर्स फ़ैरस्ट्रीट के अधिकारी पुष्कर नाथ श्रीवास्तव तथा जेपी ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारियों स्वागत किया गया। अधिकारियों ने इस विश्व स्तरीय आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सरकार तथा यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा दिए जा रहे सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। इसके साथ ही ट्रैक पर किये गए तथा किए जा रहे ज़रूरी निर्माण व मेंटेनेंस के कार्यों के संबंध में अध्यक्ष को जानकारी दी.
इस मौके पर यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कपिल कुमार सिंह, विशेष कार्याधिकारी शैलेन्द्र भाटिया, साद मियां ख़ान, पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा, विशेष कार्याधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह, महाप्रबंधक परियोजना एके सिंह, उप महाप्रबंधक परियोजना राजेंद्र भाटी, स्टाफ ऑफिसर नन्द किशोर सुंदरियाल, वरीष्ठ प्रबंधक राजवीर सिंह, मनोज धारीवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
Greater Noida : पाकिस्तान से चार बच्चों के साथ भारत आई सीमा हैदर और उसके पति सचिन मीणा पर टिप्पणी कर सुर्खियों में आई मिथिलेश भाटी का अब एक नया वीडियो सामने आया है. वीडियो में मिथलेश भाटी यमुना विकास प्राधिकरण के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों की महापंचायत में पहुंची और वहां यमुना विकास प्राधिकरण के आधिकारियों को 'लप्पू सा प्राधिकरण' और 'झींगुर से अधिकारी' कहकर फिर से सुर्खियां बटोर ली है. मिथलेश का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इससेे पहलेेे मिथिलेश भाटी ने सचिन मीणाा को झींगुर और लप्पू कहा था इसके बाद और सुर्खियों मेें आई थी।
मोटो जीपी रेस का विरोध कर रहे किसानों का मिथलेश ने किया समर्थन
उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा के यमुना विकास प्राधिकरण के खिलाफ किसान धरना दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि बुद्ध सर्किट इंटरनेशनल ट्रैक पर होने वाली 22 सितंबर को मोटो जीपी रेस का विरोध करेंगे और यहां पर मोटोजीपी रेस नहीं होने देंगे. किसानों का आरोप है कि 2007 में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट ट्रैक को बनाने के लिए 11 गांव की जमीनों का प्राधिकरण ने अधिग्रहण किया था. लेकिन मूल मुआवजा मिलने के बाद किसानों का बढ़ा हुआ मुआवजा 64.7 प्रतिशत अभी तक नहीं दिया गया है।
प्राधिकरण वाले तुम में कुछ भी नहीं है
इन्हीं किसानों के धरने में शुक्रवार को मिथिलेश भाटी पहुंची और कहा कि 'प्राधिकरण ने क्या समझ रखा है अपने आप को.. इसको जरा सी शर्म नहीं आती… जो मन में आता है वह करता है. सुन लो प्राधिकरण वाले तुम में कुछ भी नहीं है. लप्पू सा प्राधिकरण है और झींगुर से इसके अधिकारी हैं. जो तिनका सा काम करते हैं, जो किसानों तक जाते-जाते हवा में उड़ जाता है. सुधर जाओ भाइयों'. मिथिलेश भाटी की यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में जेपी इंफ्राटेक से घर खरीदने वालों लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। यमुना प्राधिकरण बोर्ड ने जेपी इंफ्राटेक को ओवरटेक करने वाली कंपनी सुरक्षा के प्लान को मंजूर कर लिया है। प्राधिकरण ने एफएआर बढ़ाने पर भी मुहर लगा दी है। इसके साथ अब यमुना एक्सप्रेसवे पर 15 साल अधिक टोल वसूला जाएगा।
सुरक्षा कंपनी किसानों का अतिरिक्त मुआवजा देगी
प्राधिकरण के बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया है कि सुरक्षा कंपनी को किसानों के अतिरिक्त मुआवजा का 1698 करोड रुपए एक मुश्त देना होगा। यमुना प्राधिकरण के इस फैसले से जेपी इंफ्राटेक के 32000 फ्लैट खरीदारों को राहत मिलेगी।
बता दे कि जेपी इंफ्राटेक ने यमुना एक्सप्रेस में बनाया है, इसके बदले 5-5 सौ हेक्टेयर की पांच एलएफडी (लैंड फॉर डेवलपमेंट) मिली है। नोएडा की एलएफडी में करीब 32000 फ्लैट खरीदार है। जेपी इंफ्राटेक को टेकओवर करने वाली सुरक्षा कंपनी ने एनसीएलटी में अपना प्लान सौंपा था। एनसीएलटी ने सुरक्षा और यमुना प्राधिकरण से प्लान पर बातचीत कर सहमति बनाने के लिए कहा था। इसके बाद सुरक्षा कंपनी के प्लान को यमुना प्राधिकरण के बोर्ड के समक्ष रखा गया।
यमुना एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स वसूलने की अवधि 15 साल के लिए बढ़ाया
सुरक्षा कंपनी ने परियोजना चलाने के लिए टोल टैक्स वसूलने का समय बढ़ाने के लिए प्रस्ताव दिया था। हालांकि जेपी इंफ्राटेक के साथ 36 साल तक टोल वसूली का अनुबंध है और 2012 से पूर्व वसूली हो रही है। अब इसमें 15 साल और टोल वसूली बढ़ जाएंगे। इसके साथ सुरक्षा कंपनी ने हाउसिंग परियोजना को पूरा करने के लिए नोएडा की एलएफडी में एफआर बढ़ाने की मांग की थी। जिसे स्वीकृत करते हुए अब 2.6 फर कर दिया गया है। इससे हाउसिंग प्रोजेक्ट परियोजनाएं पूरी होने की उम्मीद है।
Greater Noida: यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान -2041 के अंतर्गत भूतल पर बाजार और प्रथम तल पर आवास बनाए जाएंगे। यूरोप की तर्ज पर करीब 10 सेक्टरों का विकास किया जाएगा। हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में इसकी मंजूरी मिल गई है।
मास्टर प्लान में शहरी क्षेत्र 32,167 हेक्टेयर जमीन पर प्रस्तावित है। यीडा ने मिक्स लैंड यूज के साथ मल्टीपल यूज का नाम देते हुए कुछ और विस्तार किया है। इसमें ज्यादा मात्रा में व्यावसायिक रखा गया है। इन सेक्टरों को चार किमी लंबा और दो किमी चौड़ा बनाने की योजना है। इसमें कमर्शियल स्क्वायर, शॉपिंग प्लाजा, बिजनेस हब, फाइनेंसियल और इंडस्ट्रिलय क्लब भी बनाए जा सकेंगे। यहां पर स्वयं काम करने वाले लोगों को काम पर दूर जाने से मुक्ति मिलेगी और खर्च भी कम होगा।
1200 हजार हेक्टेयर जमीन पर विकसित करने का प्लान
करीब 1200 हजार हेक्टेयर जमीन पर सेक्टरों को विकसित किया जाएगा। 2041 तक यमुना सिटी की आबादी करीब 42 लाख होगी। यहां पर 8 लाख घरों की जरूरत पड़ेगी। प्रत्येक सेक्टर में श्रमिकों के लिए झुग्गी जगह छोटे-छोटे घर बनाए जाएंगे। मिक्सड लैंड यूज में रेजीडेंसिएयल, काॅर्मशियल, औद्योगिक व एजुकेशन सेक्टर को भी एक ही स्थान पर विकसित किया जाएगा। वेयर हाउसिंग को विकसित किया जाएगा। नए मास्टर प्लान में फ्रेट काॅरिडोर, पॉड टैक्सी, सिटी बस, ऑटो स्टैंड, रिक्शा स्टैंड, डिपो आदि की पूरी व्यवस्था की जाएगी। लाजिस्टिक सिटी, फन सिटी, स्पोर्ट्स सिटी का प्रस्ताव दिया गया है। यहां पर फाइनेंसियल सिटी, इलेक्ट्रॉनिक सिटी और एयरोट्रोपोलिस सिटी भी बसाई जाएगी।
औद्योगिक शहरों से अलग होगी पहचान
आवासीय क्षेत्र 6384 हैक्टेयर, गांव की आबादी 1654 हैक्टेयर, आबादी एक्सटेंशन 1012 हैक्टेयर पर और व्यावसायिक 1603 हैक्टेयर, औद्योगिक 8361 हक्टयेर, इंस्टीटयूशन 2497 हैक्टयेर, विभिन्न भू उपयोग 1690 हैक्टेयर, एसईजेड-1143 के लिए प्रयोग की जाएगी। जबकि एक बड़ा हिस्सा पार्क पर 3085 हैक्टेयर, सड़क 3311 हैक्टेयर व ग्रीन बेल्ट 1550 हैक्टेयर पर तैयार की जाएगी। गौतमबुद्घनगर के 131 और बुलंदशहर के 40 गांव शामिल होंगे।
Yamuna city: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में भू-माफिया बेलगाम हैं। यहां पर मिट्टी के माफिया सेक्टरों से गड्ढों की खुदाई कर रहे हैं। आलम ये है कि भू माफिया सेक्टरों की जमीन को भी अपना निशाना बना रहे हैं। यहां बिना रोक टको गड्ढों की खुदाई जारी है। अब मामला सामने आने के बाद प्राधिकरण एक्शन में नजर आ रहा है।
भू-माफिया पर FIR के आदेश
भू-माफिया प्राधिकरण को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद यमुना प्राधिकरण के CEO डॉ. अरुण वीर सिंह ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। यमुना प्राधिकरण की जमीन पर हो रहे मिट्टी खनन में संबंधित विभाग के अधिकारियों को FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
कर्मचारियों पर मिली भगत के आरोप
भू खनन के चलते सेक्टरों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं। इस मामले में प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों पर मिली भगत के आरोप लगे हैं। फिलहाल FIR के आदेश के बाद भू-माफिया में हड़कंप मच गया है।
Greater Noida : यमुना एक्सप्रेसवे स्थित बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में 21 से 24 सितंबर तक होने वाले मोटो जीपी इंटरनेशनल बाइक रेस इवेंट की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। ट्रैक पर पेंट, रंगाई पुताई का काम चल रहा है।
प्राधिकरण के जीएम ने रात में किया निरीक्षण
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह के निर्देशन में यमुना प्राधिकरण के जीएम ए.के. सिंह मंगलवार रात्रि में खुद कार्य तेजी से करवाते हुए नजार आए। किसी प्रकार की कोई चूक या कमी ना रह जाए इसी को लेकर रात्रि में भी काम जारी है। सड़कों पर चारों तरफ लाइटिंग सुंदर-सुंदर चल रही है जैसे कोई तिरंगा लहरा रहा हो।
सड़कों पर धूल-मिट्टी नहीं आएगी नजर
यमुना प्राधिकरण के जीएम ए.के. सिंह ने कहा कि यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर अरुण वीर सिंह की मंशा अनुसार कार्य करवाया जा रहा है। बुधवार शाम तक सारा कार्य खत्म करवा दिया जाएगा। सड़कों पर कहीं भी धूल मिट्टी नजर नहीं आएगी। चारों ओर हरियाली ही हरियाली , दीवारों पर पेंटिंग दिखाई देगी। अब यहां का नजारा देखकर ऐसा लगेगा कि हम विदेश में घूम रहे हैं।
Greater Noida West: यमुना प्राधिकरण ने फिल्म सिटी के लिए एक बार फिर वैश्विक निविदा जारी कर दी है। यह टेंडर 5 दिसंबर को खोली जाएगी। 230 एकड़ में बनने वाली फिल्म सिटी के निर्माण के लिए तीसरी बार टेंडर जारी किया गया है। फिल्म सिटी का विकास करने वाले को 90 साल के लिए लाइसेंस दिया जाएगा।
टेंडर की शर्तों और नियमों में बदलाव
गौरतलब है कि योगी सरकार यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में फिल्म सिटी विकसित करने के लिए इसके पहले दो बार टेंडर जारी किया था लेकिन कोई कंपनी आगे नहीं आई। वहीं, इस बार नियम व शर्तों में बदलाव कर तीसरी बार टेंडर जारी किया गया है। यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि फिल्म सिटी प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। दिसंबर में फिल्म सिटी के डेवलप करने वाले का चयन किया जाना है। उन्होंने बताया कि फिल्म सिटी को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा।
प्रथम चरण में 230 एकड़ में फिल्म सिटी का होगा विकास
डॉ. अरुणवीर सिंह के मुताबिक पहले चरण में 230 एकड़ में फिल्म सिटी विकसित होगी। इसमें 75 एकड़ में कामर्शियल व 155 एकड़ में फिल्म से जुड़ी गतिविधि के ढांचा तैयार किया जाएगा। टेंडर लेने वाली कंपनी को 90 साल के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। पहले चरण में करीब 1510 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है। जबकि एक हजार एकड़ में विकसित होने पर फिल्म सिटी की कुल लागत दस हजार करोड़ होगी।
5 दिसंबर को खोला जाएगा टेंडर
प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि फिल्म सिटी के लिए 230 एकड़ जमीन 90 साल के लाइसेंस पर दिया जाए। इसके एवज में प्राधिकरण को फिल्म सिटी से होने वाली कमाई में राजस्व हिस्सेदारी मिलेगी। इसमें प्रतिवर्ष कम से कम पांच प्रतिशत की वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि टेंडर भरने की अंतिम तिथि 30 नवंबर है। पांच दिसंबर को तकनीकी बिड खोली जाएगी। इसमें सफल आवेदकों की फाइनेंशियल बिड खोली जाएगी। इसके 30 दिन के अंतर चयनित कंपनी को अवार्ड लेटर जारी होगा। अवार्ड लेटर जारी होने के एक महीने बाद प्राधिकरण व कंपनी के बीच अनुबंध होगा।
विदेशी कंपनी भी भर सकेंगी टेंडर
टेंडर प्रक्रिया में फिल्म निर्माण से जुड़ी देशी कंपनी के साथ विदेशी भी हिस्सा ले सकेंगी। टेंडर की शर्तों में बदलाव करते हुए विदेशी फिल्म निर्माताओं के अनुभव को भी मान्य किया गया है। टेंडर में हिस्सेदारी करने वाली कंपनियों के लिए अंतिम तीन वित्त वर्ष में 377 करोड़ की नेटवर्थ होना अनिवार्य है। फिल्म सिटी में स्टूडियो से लेकर विशेष ध्वनि व प्रकाश वाले स्टूडियो, फिल्म इंस्टीट्यूट, विला, होटल आदि होंगे।
Greater Noida: गौतमबुद्ध नगर में ज्यादातर बिल्डर के मनमाने रवैये के चलते आवंटी परेशान हैं। अब यमुना प्राधिकरण ने इसे लेकर बड़ा फैसला लिया है। यमुना विकास प्राधिकरण के सेक्टर-17 में एसडीएम बिल्डर की परियोजना में 788 आवंटी फंसे हुए हैं। बिल्डर पर किसानों के 650 करोड़ रुपये बकाया है। ये पैसा किसानों को दिया जाएगा। अब इस मामले को लेकर प्राधिकरण ने साफ कर दिया है कि पहले किसानों का अतिरिक्त मुआवजा मिलने के बाद ही उनकी प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक मिलेगा। दरअसल, बिल्डर पर प्राधिकरण का 650 करोड़ रुपये बकाया है, जिसे बिल्डर देने में आनाकानी कर रहा है। बिल्डर के इस मनमाने रवैये के चलते आवंटी भी परेशान हैं।
आवंटियों के एक प्रतिनिधि ने बिल्डर से की मुलाकात
आवंटी अपने प्रॉपर्टी पर रजिस्ट्री करवाने को लेकर भटक रहे हैं। आए दिन बिल्डर के कार्यालय का चक्कर काट रहे आवंटियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने यमुना प्राधिकरण के सीईओ से मुलाकात की। जिसके बाद सीईओ ने साफ कहा कि सीधे किसानों को अतिरिक्त मुआवजे का पैसा देकर प्रॉपर्टी अपने नाम करवा सकते हैं। इसके लिए केवल बिल्डर की तरफ से एनओसी देनी होगी।
बिल्डर प्रतिनिधिमंडल भी रहा मौजूद
इस मीटिंग में बॉयर्स के साथ बिल्डर का भी एक प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा। जिसने एनओसी देने की अनुमति दी है। सीईओ के इस फैसले के बाद आवंटियों को प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक की अनुमति मिल गई है। अब किसानों को अतिरिक्त मुआवजे की रकम देनी होगी।
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