GREATER NOIDA: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी सामने आ रही है कि इसी साल दिसंबर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हवाई जहाज उड़ान भरने लगेंगे। इसके लिए काम 24 घंटे चल रहा है। बताया जा रहा है एयरपोर्ट का 52 फीसदी काम खत्म हो चुका है।
अंतिम चरण में रनवे का काम
रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है। रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग को फाइनल टच देने का काम सितंबर में शुरू हो जाएगा।
जमीन अधिग्रहण के काम में तेजी
पहले चरण का काम खत्म होने के बाद दूसरे चरण का काम जल्द शुरू होगा। दूसरे चरण के लिए जमीन अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है। जिसके लिए किसानों के अकाउंट में मुआवजे की रकम भेजी जा रही है। किसानों को RTGS के माध्यम से मुआवजे की राशि भेजी जा रही है। आपको बता दें पहले चरण के लिए 6 गांवों की 1334 हेक्टेयर जमीन पर काम चल रहा है।
Greater Noida: जेवर में बना रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को DXN कोड मिला है। इसी के जरिए अब बुकिंग की जाएगी। AITA की तरफ से यह कोड सभी एयरपोर्ट को दिया जाता है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बना रही ज्यूरिख कंपनी की तरफ से बुधवार को मीडिया को एयरपोर्ट की तैयारी को लेकर जानकारी दी। इस दौरान कंपनी की सीओओ किरण जैन ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अपना थ्री लेटर कोड मिल गया है। इस कोड के जरिए ही एयरलाइन बुक होती हैं। यानी कि हम कह सकते हैं कि यह हमारा पिन कोड है।
कोई और यूज नहीं कर सकता ये कोड
सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा, "दुनिया के सबसे बड़े शहरी समूहों में से एक भारत का नेशनल कैपिटल रीजन एक दूसरे हवाई अड्डे का हकदार है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट इस लंबे समय से चले आ रहे सपने को वास्तविकता बना देगा। हम अपने तीन-अक्षर आईएटीए कोड को पाने के लिए उत्साहित हैं, जो एयरपोर्ट के परिचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हम रीजन के नए इकॉनमिक और कल्चर हब में पैसेंजर्स, कस्टमर्स और पार्टनर्स का स्वागत करने के लिए तत्पर हैं।" सीओओ किरण जैन ने बताया कि एयरपोर्ट को अब पूरी दुनिया में डीएक्सएन कोड से जाना जाएगा। यह एक यूनिक कोड है जिसका ये मतलब है कि जब भी आप कोई टिकट बुक करेंगे तो हमें डीएक्सएन से पहचाना जाएगा। ये कोड सिर्फ हम ही यूज कर सकते हैं। ये कभी भी चेंज नहीं होगा।
फो कोड में दिखेगी मॉडर्न बनारस की झलक
किरण जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ही यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है इसलिए हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण था कि जहां से यह शुरू हुआ है वह जगह को हम कभी ना भूले। जब हम इसकी फो कोड को डिजाइन कर रहे थे तो हमने यही सोचा था कि कुछ ऐसा डिजाइन बनाया जाए जिसको लोग कभी ना भूल पाए और उन्हें लगे कि यह कुछ जाना पहचाना है। इसको लेकर हमने काफी डिजाइन तैयार किया। जब आप वह कोड पर आएंगे तो आपको मॉडर्न बनारस की झलक दिखाई देगी। यानी वहां पर आपको जो सीढ़ियां दिखाई देगी, वह घाट की तरह लगेंगे। बीच-बीच में आपको बैठने की जगह दिखेंगे। खुली जगह में आपको रिटेल की अपॉर्चुनिटी मिलेगी, जहां पर आप शॉपिंग भी कर सकते हैं। रेस्टोरेंट भी होंगे जहां पर लोग कुछ खा भी सकते हैं। यह सभी एक खुले एरिया में होगा और यह सब कुछ बाहर ही होगा।
12 मिलियन पैसेंजर का टर्मिनल होगा तैयार
किरण जैन ने बताया कि जो सरकार के साथ हमारा एग्रीमेंट है, उसी के हिसाब से हम कम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 12 मिलियन पैसेंजर का टर्मिनल है, इसको हम 2024 दिसंबर तक पूरा कर देंगे और सरकार को हैंडओवर कर देंगे। उन्होंने बताया कि उसके बाद टेस्टिंग व अन्य कई कार्य हैं जो होने हैं उम्मीद यही है कि दिसंबर 2024 तक हम उड़ान भी कंप्लीट कर देंगे।
तेजी से चल रहा है एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य
बता दें कि एयरपोर्ट का निर्माण तेजी से प्रगति कर रहा है। टाटा प्रोजेक्ट्स को ईपीसी कंस्ट्रक्शन कांट्रैक्ट दिए हुए एक साल से अधिक समय हो गया है। मौजूदा समय में पैसेंजर टर्मिनल की छत के लिए आवश्यक संरचनात्मक स्टील पर काम किया जा रहा है। एटीसी टॉवर अब 30 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर खड़ा हो चुका है। इसके अतिरिक्त, रनवे की पूरी लंबाई के साथ सबग्रेड कार्य प्रगति पर है। लगभग 7000 वर्कर्स जो साइट पर पूरी तरह से जुटे हुए हैं। अगले कुछ महीनों में, साइट पर 20 से अधिक इमारतें बन जाएंगी, जिनमें पैसेंजर टर्मिनल, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर, ऑफिस ब्लॉक्स, सीवेज और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के साथ इलेक्ट्रिक सबस्टेशन शामिल हैं।
क्यों खास है आईएटीए कोड
Greater Noida: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक दिल्ली-एनसीआर के शहरों से लोगों को आसानी से पहुंचाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। सड़क के अलावा अन्य विकल्प भी तलाशें जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब जेवर एयरपोर्ट को रैपिड रेल से जोड़ने का रूट फाइनल हो गया है।
फिजिबिलटी रिपोर्ट को मिली मंजूरी
बता दें कि एनसीआरटीसी ने गाजियाबाद के दुहाई से नोएडा एयरपोर्ट तक की रिपोर्ट तैयार की थी। इस पर असहमति जताते हुए प्राधिकरण ने दिल्ली से नोएडा-ग्रेनो होते हए एयरपोर्ट तक रूट की रिपोर्ट मांगी गई थी। अब गाजियाबाद से एयरपोर्ट तक बनाई गई फिजिबिलिटी रिपोर्ट शासन से मंजूर हो गई। एनसीआरटीसी ने सवारी के हिसाब से गाजियाबाद वाया ग्रेटर नोएडा से एयरपोर्ट वाले रूट को बेहतर बताया है।
72 किमी में होंगे 72 स्टेशन
गाजियाबाद आरआरटीसी से ग्रेनो वेस्ट, सूरजपुर, कासना, दनकौर और यीडा के सेक्टरों से होते हुए एयरपोर्ट तक रैपिड रेल पहुंचेगी। अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होगी। इसके तहत 72 किमी लंबे इस रूट पर कुल 11 स्टेशन होंगे। परियोजना के पूरा होने का लक्ष्य 2031 रखा गया है, जिसे दो चरणों में पूरा किया जाना है। प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस मिश्र ने एनसीआरटीसी, रेलवे, नागरिक उड्डयन व प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की थी। इस दौरान फिजिबिलिटी रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण किया गया था। जिसमें मंजूरी दे दी गई है।
Greater Noida: जेवर में बन रहे भारत के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट तक बेहतर कनेक्टविटी को लेकर योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आईजीआई एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए रैपेडि रेल चल सकती है। बीते सप्ताह ग्रेटर नोएडा दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया था। अब 14 दिसंबर को लखनऊ में होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में इस रूट को शासन से अनुमति मिलने की उम्मीद है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर एलिवेटेड रूट बनेगा
रैपिड रेलके लिए सराय काले खां के पास से परी चौक तक नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर एलिवेटेड रूट बनाया जाएगा। इससे पहले ही रैपिड रेल के गाजियाबाद वाया ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए नोएडा एयरपोर्ट रूट पहले ही मुहर लग चुकी है। शासन के दिशानिर्देश पर यमुना प्राधिकरण ने नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के साथ मिलकर गाजियाबाद के दुहाई से नोएडा एयरपोर्ट वाया ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए जेवर एयरपोर्ट और दिल्ली के सराय काले खां वाया नोएडा होते हुए एयरपोर्ट तक की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें से गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और परी चौक होते हुए एयरपोर्ट तक का रूट फाइनल हो गया है।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने सीएम के समक्ष रखा था प्रस्ताव
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों की सुविधा के लिहाज से यह रूट बेहतर माना गया है। लेकिन दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसको देखते हुए प्राधिकरण आईजीआई और नोएडा एयरपोर्ट को भी रैपिड रेल से जोड़ना चाह रहा है। शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में यीडा के सीईओ डॉ़ अरुणवीर सिंह ने दिल्ली से नोएडा, परी चौक होते हुए नोएडा एयरपोर्ट तक रैपिड रेल चलाने का प्रस्ताव रखा था।
एलिवेटेड रूट का खर्च यमुना प्राधिकरण उठाएगा
सीएम को बताया था कि दिल्ली और नोएडा एयरपोर्ट के बीच रैपिड रेल का संचालन होने से नोएडा और दिल्ली के यात्रियों को सहूलियत होगी। यमुना प्राधिकरण पूरा खर्च उठाने को तैयार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईजीआई और नोएडा एयरपोर्ट को रैपिड रेल से जोड़ने के लिए बनाए जाने वाले एलिवेटेड रूट का खर्च यमुना प्राधिकरण अकेले उठाने को तैयार है। गाजियाबाद से जेवर का रूट फाइनल हो जाने के बाद अब परी चौक तक ही ट्रैक का निर्माण करना होगा।
यहां बनेंगे स्टेशन
सराय काले खां, बॉटेनिकल गार्डन, नोएडा सेक्टर-142, नॉलेज पार्क- 2, परी चौक, इकोटेक-6, दनकौर, यीडा नॉर्थ सेक्टर-18, यीडा सेंट्रल सेक्टर- (21 व 35), नोएडा एयरपोर्ट स्टेशन प्रस्तावित है। यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट को रैपिड रेल के माध्यम से आईजीआई से जोड़ने प्रयास है। इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया है। उम्मीद है कि इस रूट पर भी शासन से अनुमति मिल जाएगी।
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