नोएडा प्राधिकरण NOIDA AUTHORITY के नए-नए CEO लोकेश एम को आए कुछ ही दिन हुए हैं। उनके सामने नई-नई चुनौतियां सामने खड़ी हैं। जिसमें सबसे पहले हैं, अधिकारियों के रवैये को सुधारना। जनता के प्रति अधिकारियों के रवैये ठीक नहीं हैं। CEO लोकेश एम खुद सड़कों पर उतरकर लोगों की समस्याओं को सुन रहे हैं। शनिवार को सीईओ सेक्टर-34 में लोगों के बीच पहुंचे, जहां उन्होंने जनता दरबार लगाया और उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान सीईओ के सामने एक मार्मिक तस्वीर उस वक्त दिखी, जब एक बुजुर्ग उनके सामने पहुंचकर रोने लगा। सीईओ ने भी इस मौके पर नई मिशाल पेश की। उन्होंने ना सिर्फ बुजुर्ग को चुप कराया, बल्कि उसकी समस्याओं को भी सुना
‘साहब गुमराह करते हैं अधिकारी’
बुजुर्ग अयूब ने CEO को अपनी तकलीफ सुनाई, बुजुर्ग ने बताया कि वो पर्थला सेक्टर-122 में कई सालों से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं लेकिन पानी की किल्लत के कारण उन्हें काफी तकलीफ हो रही है। उनके यहां पानी की लाइन नहीं है। इसकी शिकायत कई बार जल अधिकारी से कर चुके हैं। परंतु अधिकारी द्वारा उन्हें केवल गुमराह किया जा रहा है। मजबूर होकर अब आपके पास आया हूं। यह देख वहां मौजूद डीजीएम जल ने कहा कि सोमवार को आकर मुझसे मिलिए। इस बात पर बीच में टोकते हुए सीईओ बोले- सोमवार को क्यों, आज ही मौके पर जाइए। इसके बाद लोगों ने सीईओ की सराहना की। सेक्टर-34 में जनसुनवाई के बाद सीईओ ने सेक्टर-112 और सेक्टर-122 का निरीक्षण कर अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं।
LUCKNOW/NOIDA: नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी CAG की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में गड़बड़ी में डेवलपमेंट अथॉरिटी नंबर 1 पर है। आबकारी विभागों की अनियमितताओं से सरकार को करीब 1276 करोड़ का नुकसान हुआ है। ये खुलासा उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान किया गया।
मानसून सत्र के दौरान CAG रिपोर्ट पेश की गई है। जिसमें 2018-19 में लोकल ऑडिट में सबसे ज्यादा अनियमितता नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतों का लेखा-जोखा पेश किया गया है। इस रिपोर्ट में विकास प्राधिकरणों और नोएडा प्राधिकरण के साथ-साथ आबकारी, बिजली, नगर निगम समेत कई विभागों में हजारों करोड़ का घोटाला सामने आया है। इस रिपोर्ट के आने के बाद से यूपी में हड़कंप मच गया है।
लापरवाही की वजह से 3640 करोड़ का नुकसान
वित्त मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में लोकल ऑडिट रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न नगर निकायों में गृहकर निर्धारण, आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने और निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर नियम का उल्लंघन करने की बात सामने आई है। इसके अलावा बिल्डरों को अनुचित लाभ पहुंचाने, भूमि आवंटन के कार्यों में गड़बड़ी भी शामिल है। जिससे सरकार को करीब 3,362 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
करोड़ की रकम का लेखा-जोखा नहीं
नगर निकायों और विकास प्राधिकरणों में 8,170 करोड़ रुपये का घोटला किया गया है। केवल नगर निगमों में ही 640 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता पाई गई हैं। इसके अलावा कैग रिपोर्ट में 5 विभाग ऐसे हैं जिनमें अफसरशाही की लापरवाही की वजह से 3,640 करोड़ रुपए का नुकसान बताया गया है। यानी, करोड़ की रकम का लेखा-जोखा विभाग के पास नहीं है।
नोएडा प्राधिकरण में 2313 करोड़ का घोटाला
लोकल ऑडिट टीम ने रिपोर्ट जारी की है जिसमें नोएडा प्राधिकरण में 2,313 करोड़ का घोटाला सामने आया है। इसके अलावा
इन विभागों से सबसे ज्यदा घोटाले की रिपोर्ट है इसमें नगर निगम और जल संस्थान शामिल है, जिससे 640.77 करोड़ की अनियमितता का खुलासा किया गया है। और नगर पालिका परिषद का 357.73 करोड़, चिकित्सा शिक्षा विभाग में 746.22 करोड़
विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में 326.39 करोड़, और नगर पंचायतों ने 108.25 करोड़ का घोटाला किया है। इसके अलावा इस लिस्ट में यूपी की बिजली विभाग भी शामिल है जिसका नाम घोटालों की लिस्ट में अक्सर पाया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक यूपी बिजली विभाग में 36.22 करोड़ का घोटाला किया गया है।
अधिकारियों की लापरवाही से 1446 करोड़ रुपए का नुकसान
CAG रिपोर्ट में ITC का भी आंकड़ा पेश किया गया। जिसमें अधिकारियों की लापरवाही का खुलासा है। रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ब्याज वसूलने में नाकामयाब रहे हैं। जिसकी वजह से सरकार को करीब 1446 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
GREATER NOIDA: देविका गोल्ड होम्ज़ सोसाइटी में अव्यवस्थाओं का अंबार है। आलम ये है कि सोसाइटी में रहने वाले लोग मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। यहां बारिश के समय बेसमेंट में पानी भर जाता है। साथ ही बिल्डर द्वारा रजिस्ट्री भी अब तक नहीं की गई है। जिसे लेकर शुक्रवार को नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान की अगुवाई में देविका गोल्ड होम सोसाइटी के लोगों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ से मिलकर इसकी जानकारी दी।
सोसाइटी में फैली अव्यवस्थाओं से लोग परेशान
सोसाइटी में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं, जिसे लेकर लोगों का खासी नाराजगी है। इसके अलावा रजिस्ट्री लोगों के बड़ी सिरदर्दी बनी हुई है। लोगों की शिकायत पर सीईओ रवि कुमार एनजी ने ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव को निर्देश दिया कि जल्द इस मामले का संज्ञान लिया जाए और बिल्डर को इस संबंध में नोटिए भेजने को भी सीईओ ने कहा। साथ ही सीईओ ने आश्वासन दिया कि जल्द बिल्डर-बायर्स की मीटिंग कर समस्या का निराकरण कराया जाएगा।
मेंटिनेंस के बाद भी सुविधा नहीं
सोसाइटी निवासी दीपक दुबे ने बताया कि वो यहां पर पिछले 4 साल से रह रहे हैं। लेकिन बिल्डर ने जो भी सुविधाएं देने का वादा किया था, उसे नहीं दी जा रही हैं। जबकि मेंटिनेंस का रकम बराबर बिल्डर वसूल रहा है। यहां तक कि लोगों ने बिल्डर पर अनदेखी का आरोप लगाया, जिससे जर्जर हो रही बिल्डिंग से कभी भी हादसा हो सकता है।
सोसाइटी में क्या-क्या हैं समस्याएं?
NOIDA: सेक्टर-14A में रह रहे 4 IAS और 2 IPS अधिकारियों को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। इन अधिकारियों का दूसरे जिले में ट्रांसफर हो चुका है, इसके बावजूद अभी तक सरकारी आवास नहीं खाली किया गया। जिसके बाद आवास खाली करने को लेकर नोटिस जारी किया गया।
आवास खाली करने को 7 दिन का समय
सेक्टर-14A में IAS और IPS के लिए सरकारी आवास बनाए गये हैं। जहां पर जिले में पोस्टेट अधिकारियों को सरकारी आवास दिया गया है। यहां पर अब उन अधिकारियों के आवास खाली करवाए जा रहे हैं। जिनकी तबादला दूसरे जिले में हो चुका है। इसके बावजूद उनका परिवार अभी भी यहीं पर रह रहा है या फिर अभी तक उन्होंने अपना सामान यहां से नहीं हटाया। अब इन अधिकारियों को मकान खाली करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है।
रितु माहेश्वरी ने भी काफी दिन तक नहीं खाली किया था मकान
इसके पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की CEO रितु माहेश्वरी के सरकारी आवास को लेकर मीडिया में खबरें आईं थी। रितु माहेश्वरी के मकान नहीं खाली करने की वजह से प्राधिकरण के नव-नियुक्त सीईओ लोकेश एम को किराए के मकान पर रहना पड़ा था। फिलहाल अभी जिन अधिकारियों का तबादला इस जिले से हो चुका है, उन्हें मकान खाली करने को लेकर नोटिस दे दिया गया है।
GREATER NOIDA: प्राधिकरण बोर्ड ने किसानों की मांग पर फैसला सुना दिया है। शनिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 131वीं बोर्ड बैठक में किसानों के पक्ष में फैसला लिया गया। औद्योगिक विकास आयुक्त और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के CEO एनजी रवि कुमार, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम और यमुना प्राधिकरण के एसीईओ कपिल सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ मेधा रूपम समेत बोर्ड के प्रतिनिधिगण भी शामिल हुए, इस बैठक में नियोजन की तरफ से तीनों प्रस्ताव रखे गये, जिस पर बोर्ड ने मुहर लगा दी है।
किसानों की मांग पर बोर्ड की मुहर
पहला, अब तक जो किसान प्राधिकरण से मिली आबादी की जमीन पर घर नहीं बना पाए हैं, वो किसान अब बिना विलंब शुल्क के निर्माण कर सकते हैं। हांलाकि प्राधिकरण ने शर्त रखी है कि अगर किसानों ने जमीन परिवार के बाहर बेची तो सामान्य भूखंडों की शर्तें लागू होंगी। दूसरा, किसानों को आवंटित आबादी भूखंडों के उप-विभाजन की न्यूनतम सीमा 40 मीटर कर दी गई है जो कि अब तक 120 मीटर थी। बशर्ते ये विभाजन मूल काश्तकार और उनके उत्तराधिकारी गण के बीच नियोजन के नियमों को ध्यान में रखते हुए ही किया जाएगा। तीसरा, ग्रामीण आबादी पर निर्माण की अधिकतम ऊंचाई नोएडा के समान करते हुए 11 मीटर से बढ़ाकर 15 मीटर कर दी गई है।
मतलब साफ है कि भविष्य में किसान आबादी के भूखंडों पर मूल किसान या फिर उनके उत्तराधिकारीगण को मिली जमीन पर भवन निर्माण करते समय विलंब शुल्क नहीं लगेगा, लेकिन अगर किसान ने परिवार के बाहर किसी व्यक्ति को भूखंड बेचा तो सामान्य भूखंडों की शर्तें लागू होंगी।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपोर्ट में 21 सितंबर से 25 सितंबर तक उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो आयोजित होगा । इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मू करेंगी. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी पटेल सहित अन्य लोगों उपस्थित होंगे। इंडिया एक्सपोर्ट के सभागार में जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर इस ट्रेड शो के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश का पहला उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो 21 से 25 सितंबर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि इस ट्रेड शो में आपको एक ही छत के नीचे पूरे उत्तर प्रदेश की झलक दिखाई देगी।
प्रदेश के 75 जिलों के प्रोडक्ट रहेंगे उपलब्ध
जिलाधिकारी ने बताया कि UPITS 2023 एक बी2बी और बी2सी शो है, जो उत्तर प्रदेश की विकास गाथा में सामूहिक रूप से योगदान देने वाले कई क्षेत्रों को एक मंच प्रदान करेगा. इसके साथ ही सभी को वैश्विक मानता और सहयोग दिलाने के लिए एक साथ लाएगा। इस ट्रेंड शो में उत्तर प्रदेश के हर जिले से व्यापारी भी पहुंचेंगे। एक ही जगह बनारस की साड़ी, फिरोजाबाद की चूड़ियां, मिर्जापुर का कालीन और मेरठ के खेल के समान दिखेंगे। यानी जिस भी जिले में जो फेमस प्रोडक्ट है, वह आपको एक ही स्थान पर मिलेगा। यानी उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के प्रोडक्ट आपको देखने को मिलेंगे।
70000 बिजनेसमैन ने कराया रजिस्ट्रेशन
जिलाधिकारी ने बताया कि इसमें केवल उत्तर प्रदेश के उद्यमी ही शामिल होंगे। इसके अलावा इस इवेंट में 60 देशों के करीब 400 बायर्स पहुंच रहे हैं । करीब 2000 से ज्यादा एक्जीबिटर्स इसमें शामिल होंगे। राकेश कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के इस इंटरनेशनल इवेंट के लिए 70000 बिजनेसमैन अब तक अपना रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य करीब 2 लाख बिजनेसमैन को यहां पर बुलाना है। काफी लोग इसमें इंटरेस्ट दिखा रहे हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
3 से 8 बजे तक एंट्री रहेगी फ्री
जिलाधिकारी ने बताया कि इस इंटरनेशनल ट्रेड शो में एक ही छत के नीचे उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध व्यंजनों का भी आनंद ले सकेंगे। अलग-अलग जनपद में प्रसिद्ध व्यंजन आपको एक ही जगह पर मिलेंगे। जिला प्रशासन इसकी तैयारी में जुटा हुआ है। ट्रैफिक व्यवस्था, लोगों के आने-जाने के संसाधन व अन्य चीजों को लेकर के लगातार मीटिंग की जा रही है। 21 से 25 सितंबर तक सुबह 11:00 बजे से लेकर 3:00 तक बिजनेस आवर होंगे. 3:00 बजे से लेकर रात 8:00 बजे तक आम जनता के लिए फ्री में एंट्री होगी। जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने सभी लोगों से आग्रह किया है कि उत्तर प्रदेश के इस इंटरनेशनल ट्रेड शो में ज्यादा से ज्यादा लोग पहुंचे। अपने प्रदेश के प्रोडक्ट को देखें और यहां से खरीदारी करें।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के घर ख़रीदारों ने अपना विरोध प्रदर्शन 39वें सप्ताह रविवार को भी जारी रखा। भारी बारिश के बीच भी घर ख़रीदार खुले आसमान के नीचे विरोध जताया। विरोध कर रहे लोगों ने घरों की रजिस्ट्री और घरों के पज़ेशन देने की मांग की।
मांगे पूरी होने तक आंदोलन रहेगा जारी
आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे नेफोवा के वरिष्ठ सदस्य दीपांकर कुमार, इंद्रीश गुप्ता, रोहित मिश्रा, चंदन सिन्हा, अनुराग खरे और राजकुमार राठौड़ ने कहा कि हम शांतिपूर्ण आवाज़ उठाते रहेंगे जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस अमिताभ कांत के बनाए जी 20 में दिल्ली घोषणापत्र पूरी दुनिया सहमत हो गई। वहीं उनकी रुके हुए प्रोजेक्ट को लेकर दिए रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में क्यों डाला गया है? उसपर कोई निर्णय क्यों नहीं हो रहा है?
अमिताभ कांत कमेटी की रिपोर्ट तुरंत लागू करे सरकार
हर हफ़्ते विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहीं रंजना भारद्वाज, अनिल रात्रा, सुधांशु श्रीवास्तव, देवेश चहल, योगेश देवगन, अमरेंद्र ठाकुर, समीर भारद्वाज, हिमांश सक्सेना, दीपक गुप्ता, बिपिन, गंगेश सहित कई घर ख़रीदारों ने कहा कि सरकार पहले रिपोर्ट का बहाना बना रही थी। जब अमिताभ कांत कमेटी की रिपोर्ट आ गई तो उसे तुरंत लागू करने में क्या परेशानी आ रही है? सरकार अगर आज भी चाहे तो रीयल एस्टेट प्रोजेक्टों को शुरु कर घरों की रजिस्ट्री शुरु करवाकर राजस्व जुटा सकती है। बस सरकार को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की गलत जानकारियों से बचने की ज़रूरत है।
इन सोसाइटियों में घर खरीदने वाले हैं परेशान
विरोध प्रदर्शन में सुपरटेक इको विलेज 1, इको विलेज 2, इको विलेज 3, अजनारा होम्स, देविका गोल्ड होम्ज़, एक्वा गार्डेन, ऐपेक्स गोल्फ़ एवेन्यू,ऐश्वर्यम, कासा ग्रीन्स वन, सुपरटेक अपकाउंटी सहित कई सोसायटियों के घर ख़रीदारों ने हिस्सा लिया।
Noida: गैरकानूनी ढंग से मुआवजा देने के मामले में यूपी सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। ये जानकारी यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी। सरकार की तरफ से बताया गया कि पुलिस महानिदेशक रैंक के अधिकारी को जांच का प्रभार सौंपा गया है। SIT की टीम में तीन अधिकारी शामिल होंगे। जो अगले 15 दिनों में जांच की रिपोर्ट सुप्रीम के सामने पेश करेंगे। रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट स्वतंत्र जांच करवाने का फैसला लेगी। आपको बता दें नोएडा के गेझा तिलपताबाद गांव में पुराने भूमि अधिग्रहण पर गैरकानूनी ढंग से करोड़ों रुपये का मुआवजा देने का मामला सामने आया था। इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के क्लर्क वीरेंद्र नागर की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। वीरेंद्र नागर सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगने पहुंचे थे। क्लर्क की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई थी।
अब दो नवंबर को होगी मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया है कि अब इस मामले को लेकर कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। इस न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट के अवलोकन के बाद सुनवाई की अगली तारीख पर स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए निर्देश जारी करने की वांछनीयता पर विचार किया जाएगा। अब इन मामलों को 02 नवंबर 2023 को सुनवाई के लिए पेश किया जाएगा। याचिकाकर्ताओं को दी गई अंतरिम राहत जारी रहेगी।
Greater Noida: अथॉरिटी अपने एरिया में 8 फुट ओवर ब्रिज बनाने जा रही है। जिसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है और तैयारी भी शुरू कर दी गई है। इसमें सूरजपुर कलेक्ट्रेट और जगत फॉर्म के नाम शामिल हैं। बिल्ट ऑपरेटर ट्रांसफर के आधार पर इन एफओबी के बनने से पब्लिक को सड़क पार करने में बेहद आसानी हो जाएगी। इन फुट ओवर ब्रिज में एस्कलेटर के साथ लिफ्ट भी लगाएगी। अभी तक शहर में एफओबी नहीं बने हैं।
सड़क दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम
ग्रेटर नोएडा में अभी तक फुट ओवर ब्रिज नहीं बने हैं। पिछले कई सालों से लोग फुट ओवर ब्रिज की मांग की मांग कर रहे हैं। आलम ये है कि लोगों को जान जोखिम में डालकर सड़क पार करना पड़ता है। शहर में तमाम ऐसे स्थान हैं जहां कई बार सड़क पार करते वक्त लोग हादसे के शिकार हो जाते हैं। अब इसके बन जाने के बाद सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी।
इन स्थानों पर बनने जा रहे फुट ओवर ब्रिज
जानकारी के मुताबिक फुट ओवर ब्रिज बनाने के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। जिसमें सूरजपुर कलेक्ट्रेट के पास, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक मूर्ति गोल चक्कर, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निराला टाउनशिप के पास, सुपरटेक इकोविलेज वन हाउसिंग सोसायटी, ग्रेटर नोएडा के ओमेगा शॉपिंग कॉम्पलेक्स, ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल के सामने इन स्थानों का सर्वे करवाने के बाद इन्हें चिन्हित किया गया।
इन स्थानों पर भी FOB बनाने की भी मांग
शहर में सूरजपुर घंटा चौक गोलचक्कर के पास, चार मूर्ति गोल चक्कर के करीब समेत और कई स्थानो पर भी फुट ओवर ब्रिज बनाए जाने की मांग की जा रही है। एफओबी बनाए जाने की मांग लोग लंबे समय से करते आ रहे हैं। जिसकी शुरुआत अब सीईओ रवि कुमार एनजी के कार्यकाल में शुरू होने जा रही है।
Noida: अथॉरिटी के मुआवजा घोटाले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में आरोपी विधि सलाहकार अधिकारी दिनेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। विधि सलाहकार अधिकारी दिनेश कुमार के खिलाफ सेक्टर-20 थाने में 11 मामलों में एफआईआर दर्ज किया गया था। जिसके बाद सरकार ने उनके खिलाफ ये कार्रवाई की है।
SIT कर रही मामले की जांच
सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद यूपी सरकार एक्शन में है। नोएडा अथॉरिटी में हुए 82 करोड़ के मुआवजे की जांच एसआईटी कर रही है। एसआईटी की शुरुआती जांच में प्राधिकरण के कई दूसरे अफसरों के नाम भी सामने आए हैं।
क्या है पूरा मामला
नोएडा प्राधिकरण में गेझा तिलतपाबाद गांव के 75 किसानों को करीब 82 करोड़ रुपए से अधिक के मुआवजे बांट दिये गये। क़रीब एक साल पहले मामला उजागर होने पर प्राधिकरण ने जांच बैठाई और एक एफआईआर दर्ज करवाई थी।
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