Noida: दीपावली से पहले इस बार भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के सांसों पर प्रदूषण का ग्रहण लगने लगा है। ग्रैप सिस्टम लागू होने के बाद भी ग्रेटर नोएडा और नोएडा की हवा काफी प्रदूषित हो गई है। रविवार को पहली बार दोनों शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक रेड जोन में 300 के पार पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण विभाग के अधिकारियों का दावा है कि वायु प्रदूषण हवा थमने और पराली के धुएं की वजह से बढ़ा है। अधिकारियों के मुताबिक तीन दिनों तक वायु प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इस दौरान ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 400 के पार पहुंचने की आशंका जताई है।
ग्रेनो वेस्ट में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा
बता दें कि रविवार की सुबह नोएडा में लोगों की नींद हवा में घुले प्रदूषण के साथ खुली। पूरे शहर में दोपहर तक धूल और धुएं की परत की छाई रही। दोपहर बाद हवा चलने पर मामूली राहत मिली। शाम पांच बजे सेक्टर-116 में एक्यूआई 361 रिकॉर्ड हुआ। वहीं सेक्टर-62 में भी एक्यूआई 300 रिकॉर्ड हुआ। वहीं, ग्रेनो के नॉलेज पार्क तीन और ग्रेनो वेस्ट के नॉलेज पार्क 5 में लगी वायु प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन में रविवार को ग्रेनो का एक्यूआई 363 और ग्रेनो वेस्ट का एक्यूआई 344 था।
सड़कों पर उड़ रही धूल जगह-जगह जल रहा कूड़ा
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी हिदायत के बाद भी ग्रेटर नोएडा में ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से सड़कों पर धूल उड़ रही है।जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है। धूल उड़ने वाली जगहों पर पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है।
Greater Noida: नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद सहित दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण से लोगों का हाल बेहाल है। आलम ये है कि लोगों को अब सांस लेने तक में भी दिक्कत होने लगी है। बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए जेवर से विधायक धीरेंद्र सिंह ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने प्रमुख सचिव से इस मामले में सभी जरूरी कदम उठाने की मांग की है।
विधायक धीरेंद्र सिंह की अपील
साथ ही विधायक धीरेंद्र सिंह ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि अगर जरूरी हो तभी लोग घरों से बाहर निकलें। आपको बता दें नोएडा, ग्रेटर नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल 500 के पार हो चुका है। स्थिति ये बन चुकी है कि स्वस्थ्य लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। इसके अलावा आंखों में चुभन महसूस हो रही है। ऐसे में सोचने वाली बात ये कि जो पहले से श्वास संबंधित बीमारी से पीड़ित हैं, उनका क्या हाल हो रहा होगा।
बीमार कर देगी ये जहरीली हवा
विधायक धीरेंद्र सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण का मुद्दा गंभीर हो चुका है। इससे तरह-तरह की बीमारियां भी होने लगी है। इस गंभीर वायु प्रदूषण से फेफड़ों और धमनियों को पहुंचाई गई क्षति दशकों तक महसूस की जाएगी। जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वास्थ्य और कल्याण पर इसका असर पड़ेगा। विधायक ने पत्र में लिखा, जब AQI 300 से अधिक हो जाता है तो आपातकालीन स्थिति की आवश्यकता होती है। जिससे फेफड़ों की गंभीर क्षति के जोखिम के कारण दैनिक गतिविधियों को रोकना आवश्यक हो जाता है। इस गंभीरता का कारण पीएम 2.5 कणों का बेहद छोटा आकार है, जो फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश करने, रक्तप्रवाह में प्रवेश करने में सक्षम हैं और न केवल श्वसन प्रणाली बल्कि हृदय प्रणाली, यकृत और हृदय को भी प्रभावित कर सकते हैं।
#Noida नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बढ़ते वायु प्रदूषण से हाल बेहाल,विधायक धीरेंद्र सिंह ने जरूरी कदम उठाने के लिए मुख्य सचिव को लिखा पत्रI @DhirendraGBN @dmgbnagar @OfficialGNIDA @noida_authority @UppcbN @UPPCBLKO @rouppcbgbn @UppcbG pic.twitter.com/aYPMwhqh2f
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पत्र में इन उपायों का जिक्र
विधायक धीरेंद्र सिंह ने पत्र में लिखा कि ऐसी औद्योगिक गतिविधियों पर अस्थाई रूप से रोक लगनी चाहिए, जिसके चलते उत्सर्जन में बढ़ावा मिल रहा हो। साथ ही वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ने से रोकने के लिए ऑड-ईवन नियम लागू किया जाना चाहिए। इसके अलावा स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में सार्वजनिक जागरुकता बढ़ाए जाने की भी मांग की गई है।
Greater Noida: वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए अपर मुख्य सचिव पर्यावरण मनोज सिंह ने रविवार को नोएडा- ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग जगह का निरीक्षण किया। इसके साथ ही संबंधित विभागों के साथ बैठक कर प्रदूषण रोकने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
शारदा विश्वविद्यालय क्षेत्र का लिया जायजा
अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सबसे पहले शारदा विश्वविद्यालय के आसपास के एरिया का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव ने नॉलेज पार्क एरिया में सड़कों पर धूल मिलने पर तत्काल सफाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने शारदा विश्वविद्यालय के गेट पर ट्रैफिक की समस्या का तत्काल समाधान करने और ट्रैफिक जाम न लगने देने के निर्देश दिए। इसके बाद अपर मुख्य सचिव यूपीसीडा के साइट बी व सी के अलग-अलग जगहों पर जायजा लिया। उन्होंने डीएफसीसी के निर्माणाधीन साइट को देखा। ग्रेटर नोएडा के 130 मी रोड पर सेतु निगम के निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अधिकारियों के साथ की बैठक
इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर में सीईओ एनजी रवि कुमार, एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग, ओएसडी हिमांशु वर्मा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नोएडा के क्षेत्राधिकारी उत्सव शर्मा, नोएडा के क्षेत्राधिकारी डीके गुप्ता व सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। जिसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अलावा जिला प्रशासन, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी गण व अन्य विभागीय अधिकारी भी शामिल रहे।
पौधारोपण करने और घास की कटाई न करने निर्देश
बैठक में अपर मुख्य सचिव ने प्रदूषण को रोकने के लिए सड़कों के किनारे धूल की तत्काल सफाई कराने, कंस्ट्रक्शन साइटों पर पानी का छिड़काव और सड़कों के किनारे हरी-भरी घास लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने बड़े पैमाने पर पौधरोपण करने और घास की कटाई न करने को भी कहा। एसीईओ ने सभी सभी विभागीय अधिकारियों को निरंतर फील्ड में रहने और प्रदूषण पर नजर रखने के निर्देश दिए । उन्होंने सभी तरह के निर्माण कार्यों पर तत्काल रोकने को कहा है। अपर मुख्य सचिव ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।
Noida: दिवाली से ठीक नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर के लोगों के लिए आसमान से राहत बरसी है। गुरुवार की रात दिल्ली-एनसीआर में बारिश होने से प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज हुई। बारिश के बाद जिससे दृश्यता भी बढ़ गई है और हवा चलने से मौसम में भी ठंडक का अहसास बढ़ गया है। दिल्ली से लेकर नोएडा और गुरुग्राम और आसपास के इलाकों में कई जगह एक्यूआई 100 से भी नीचे आ गया है। नोएडा के सेक्टर-62 में शुक्रवार सुबह आठ बजे हवा में पीएम 2.5 से छोटे कणों की उपस्थिति 33 रही। वहीं सेक्टर-125 में 45, सेक्टर-116 में 35 रही।
सबसे प्रदूषित ग्रेटर नोएडा रहा
गौरतलब है कि एक दिन पहले तक लगातार आठ दिन दिल्ली-एनसीआर की हवा गंभीर श्रेणी में रही थी। सुबह से ही हर तरफ स्मॉग की मोटी चादर छाई रही थी। दिल्ली समेत ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम व फरीदाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर दर्ज किया जा रहा था। दिल्ली-एनसीआर में सबसे प्रदूषित ग्रेटर नोएडा रहा था। शहर का एक्यूआई 439 दर्ज किया गया था। वहीं, 24 घंटों में 11 अंकों की बढ़ोत्तरी के साथ दिल्ली का एक्यूआई 437 पर पहुंच गया था।
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