Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सिंगल स्टोरी भवनों व फ्लैटों की स्कीम का ड्रा 8 व 9 नवंबर को प्राधिकरण के सभागार में किया जाएगा। आवेदकों के नामों की पर्ची स्कूली बच्चों से निकलवाई जाएगी। ड्रा की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी। ड्रॉ के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसे ध्यान में रखते हुए सोमवार को मॉक ड्रिल किया गया, जिसमें ड्रा के लिए निर्धारित सभी प्रक्रियाओं को बारीकी से परखा गया।
आवेदक ये दस्तावेज लेकर आएं
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी, जीएम आरके देव, ओएसडी विशु राजा, मैनेजर केएम चौधरी सहित कई अधिकारी इस मॉक ड्रिल में शामिल हुए। ड्रा में शामिल होने वाले आवेदकों को पंजीकरण रसीद और अपना फोटो युक्त पहचान पत्र लेकर आना अनिवार्य है।
2500 से अधिक आवेदन आए
एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि 120 वर्ग मीटर आकार के 77 सिंगल स्टोरी भवनों, बहुमंजिला स्टोरी के 1306 फ्लैटों और 189 बिल्टअप फ्लैटों की स्कीम 10 जुलाई को लांच की गई थी। 17 जुलाई से 31 अगस्त तक आवेदन मांगे गए थे। 2500 से अधिक आवेदन आए हैं। इनकी स्क्रूटनी कर ली गई है। अब इनका ड्रा कराया जाना है। ड्रा के पहले दिन एकल भवनों का ड्रा होगा और दूसरे दिन फ्लैटों का ड्रॉ किया जाएगा। ड्रा की तैयारी पूरी कर ली गई है। सभी नियम-शर्तों का पालन करते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ ड्रा की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
Noida: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदारों के लिए राहत की खबर है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली की 22 परियोजनाओं के निर्माण कार्य नवंबर 2024 तक पूरे होने की उम्मीद जगी है। नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) की ओर से तैयार रिवाइज्ड कंप्लीशन शेड्यूल कोर्ट रिसीवर ने जारी कर दिया है।
25 हजार फ्लैट जल्द बनकर होंगे तैयार
बता दें कि नोएडा और ग्रेनो में आम्रपाली के कुल 46 हजार फ्लैट हैं। इनमें से 21 हजार फ्लैट तैयार हो चुके हैं, जबकि 25 हजार फ्लैट अधूरे हैं। वहीं, अलग-अलग परियोजनाओं के करीब 28 हजार फ्लैटों में अभी लोग रहते हैं। इनमें से कुछ फ्लैट अभी भी अधूरे हैं। कोर्ट रिसीवर के मुताबिक कोरोना महामारी, किसान आंदोलन और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों व फ्लैट खरीदारों के बकाया समय से नहीं मिलने की वजह से ठेकेदारों के पेमेंट में देरी हुई है।
कई फ्लैट खरीदारों से नहीं हो सका संपर्क
कोर्ट रिसीवर की ओर से बताया गया है कि नोएडा की 7 और ग्रेटर नोएडा की दो परियोजनाओं का काम पूरा हो चुका है। लेकिन यहां अब भी कई फ्लैट खरीदारों को कब्जा नहीं दिया जा सका है। कई कोशिश के बावजूद खरीदारों से संपर्क नहीं हो सका। इनमें जोडिएक, सफायर-1 और 2, सिलिकॉन सिटी फेज-1, प्रिंसले एस्टेट, प्लेटिनम एंड टाइटेनियम, सिलिकॉन सिटी फेज-2, लेजर वैली विला और सेंचूरियन पार्क लो राइज परियोजना के खरीदार शामिल हैं।
नोएडा में सात, ग्रेनो में चार परियोजनाओं के फ्लैट तैयार
जानकारी के मुताबिक नोएडा में आम्रपाली की 7 और ग्रेटर नोएडा के तीन परियोजनाओं के 13056 फ्लैट तैयार होचुकी हैं। बाकी बची हुई तीन परियोजनाओं के 2948 फ्लैटों का निर्माण जारी है। जोडिएक, सफायर-1 और 2, सिलिकॉन सिटी फेज-1, प्रिंसले एस्टेट, प्लेटिनम एंड टाइटेनियम और सिलिकॉन सिटी फेज-2 का काम पूरा हो चुका है। जबकि सिलिकॉन सिटी क्रिस्टल होम्स, हर्ट बिट सिटी-1 और 2 में निर्माण जारी है। ग्रेनो की बाकी बची हुई परियोजनाओं का काम जनवरी से नवंबर तक समाप्त हो जाएगा।
Noida: लाखों घर खरीदने वालों और बिल्डरों की समस्याओं का हल निकालने के लिए गठित अमिताभ कांत समिति की रिपोर्ट अब उत्तर प्रदेश में भी लागू होगी। मंगलवार को यूपी कैबिनेट के बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ नोएडा-एनसीआर के 2.40 लाख फ्लैट आवंटियों की न केवल रजिस्ट्री होगी बल्कि बिल्डर की लापरवाही की वजह से प्राधिकरणों द्वारा लगाई गई पेनाल्टी भी माफ होगी। इस फैसले से केवल यूपी के ही लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये के रीयल इस्टेट प्रोजेक्ट्स की राह की बाधाएं खत्म होंगी।
पहले चरण में 1 लाख फ्लैट खरीदारों को मिलेगी राहत
अमिताभ कांत समिति की संस्तुति के आधार पर बिल्डरों को छूट देने के बाद अब नोएडा और ग्रेनो के करीब एक लाख फ्लैट खरीदारों को तुरंत राहत मिलेगी। पहले चरण में फ्लैटों के निर्माण और कब्जे के अलावा रजिस्ट्री हो पाएगी। हालांकि इसके लिए बिल्डरों को छूट के बाद बकाये की राशि चुकानी होगी। दूसरे चरण में एक लाख से अधिक फ्लैट खरीदारों को चरणबद्ध तरीके से राहत मिलेगी। क्योंकि इनके मामले अभी कोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में फंसे हुए हैं।
बिल्डरों को ब्याज में मिलेगी छूट
बता दें कि सरकार की ओर से बिल्डरों को 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक और एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक की कोविड की अवधि को जीरो पीरियड घोषित किया गया है। इस अवधि के लिए बिल्डरों को ब्याज से छूट मिलेगी। इसके अलावा उनको दंडात्मक ब्याज से मुक्ति मिलेगी। बिल्डरों को बकाये का 25 प्रतिशत तुरंत जमा कराने के बाद ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) मिलना शुरू हो जाएगा। बाकी 75 प्रतिशत राशि तीन साल में जमा करनी होगी। इस तरह से बिल्डरों को बकाये से पूरी मुक्ति मिल जाएगी और फ्लैट खरीदारों को वर्षों का सपना पूरा होने का रास्ता खुल जाएगा।
नोएडा में 118 प्रोजेक्ट
जानकारी के मुताबिक नोएडा में कुल 118 परियोजनाएं हैं। इनमें से 24 में किसी तरह का बकाया नहीं है। बची हुई 87 परियोजनाओं में बिल्डरों को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। इनमें से 14 परियोजनाएं अलग-अलग कोर्ट में हैं। वहीं, 17 परियोजनाएं एनसीएलटी में हैं। 26 परियोजनाएं अधूरी तो 30 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। पहले चरण में नोएडा की 56 परियोजनाओं के 31,700 फ्लैट खरीदारों को फायदा होगा। इनमें से अधूरी परियोजनाओं के 25 हजार और पूरी हो चुकी परियोजनाओं के 6700 खरीदार शामिल हैं। इन परियोजनाओं पर प्राधिकरण का 7800 करोड़ रुपये बकाया हैं। बकाये में करीब 1800-1900 करोड़ की छूट को हटा दें तो बिल्डरों से बाकी बचे हुए पैसे जमा कराने के बाद फ्लैटों की रजिस्ट्री और कब्जे की कवायद की जा सकेगी।
ग्रेटर नोएडा में 191 प्रोजेक्ट
इसी तरह से ग्रेनो में कुल 191 परियोजनाएं हैं। इनमें से 50 परियोजनाओं पर एक बकाया नहीं है। 124 परियोजनाओं के बिल्डरों को डिफॉल्टर श्रेणी में रखा गया है। इनमें से 28 परियोजनाएं अलग-अलग कोर्ट और एनसीएलटी में हैं। इनमें से बाकी बची 96 परियोजनाओं के करीब 68 हजार फ्लैट खरीदारों को तुरंत राहत मिलेगी। हालांकि इन बिल्डरों पर प्राधिकरण का 5568 करोड़ का बकाया है। अगर छूट की राशि घटा दें तो करीब 4200 करोड़ रुपये बचते हैं, जिसे नियम के तहत चुकाना होगा।
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December 17, 2022