New Delhi: आज के समय लगभग सभी के पास बैंक खाते हैं और एटीएम कार्ड भी हैं। जिसका इस्तेमाल लोग प्रतिदिन करते हैं। एटीएम कार्ड से पैसे निकालने के साथ और भी कई फायदे हैं। जिसका बहुत कम लोगों को पता है। आज हम आपको बताते हैं कि एटीएम कार्ड आपके लिए कितना फायदेमंद है।
अधिकतर लोगों को नहीं होती जानकारी
बता दें कि एटीएम कार्ड के साथ मिलने वाली सेवाओं में सबसे अहम है फ्री इंश्योरेंस है. बैंक जैसे ही किसी ग्राहक को एटीएम कार्ड जारी करता है तो उसके साथ ही दुर्घटना या असमय मौत का इंश्योरेंस मिल जाता है. इसकी जानकारी नहीं होने के कारण गिने-चुने लोग ही यह इंश्योरेंस क्लेम कर पाते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि बैंक इस बारे में कभी नहीं बताता और लोग जागरूक नहीं हैं।
45 दिन तक एटीएम कार्ड का प्रयोग करना अनिवार्य
गौरतलब है कि अगर कोई व्यक्ति किसी राष्ट्रीयकृत और गैर राष्ट्रीयकृत बैंक के एटीएम का कम-से-कम 45 दिनों से उपयोग कर रहा है. तो वह एटीएम कार्ड के साथ मिलने वाले इंश्योरेंस का दावा करने का हकदार है. बैंक ग्राहकों को कई प्रकार के एटीएम कार्ड जारी करते हैं. एटीएम कार्ड की कैटेगरी के हिसाब से उसके साथ मिलने वाले इंश्योरेंस की राशि भी तय होती है।
इन कार्डों पर इतना मिलता है इंश्योरेंस
क्लासिक कार्ड पर 1 लाख, प्लेटिनम कार्ड पर 2 लाख, सामान्य मास्टर कार्ड पर 50 हजार, प्लेटिनम मास्टर कार्ड पर 5 लाख और वीजा कार्ड पर 1.5-02 लाख रुपये तक इंश्योरेंस कवरेज मिलता है. प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खुले खातों पर मिलने वाले रूपे कार्ड के साथ भी ग्राहकों को 1 से 2 लाख रुपये तक का बीमा मिलता है.
इस तरह करें दुर्घटना बीमा का क्लेम
अगर एटीएम कार्ड धारक दुर्घटना का शिकार हो जाता है और वहएक हाथ या एक पैर से दिव्यांग हो जाता है. एसे में 50 हजार रुपये का कवरेज मिलता है. इसी तरह दोनों हाथ या पैर का नुकसान होने पर 1 लाख रुपये मिलता है. मौत होने की स्थिति में कार्ड के हिसाब से 1 लाख रुपये से 05 लाख रुपये तक का कवरेज मिलता है।
ये दस्तावेज क्लेम के लिए जरूरी
एटीएम कार्ड के साथ मिलने वाले इंश्योरेंस को क्लेम करने के लिए कार्डहोल्डर के नॉमिनी को संबंधित बैंक में जाकर आवेदन करना पड़ता है. बैंक में एफआईआर की कॉपी, अस्पताल में इलाज का प्रमाणपत्र आदि जैसे कागजात जमा करने पर बीमा का क्लेम मिल जाता है. मौत की स्थिति में कार्डहोल्डर के नॉमिनी को मृत्यु प्रमाण पत्र, एफआईआर की कॉपी, आश्रित का प्रमाण पत्र, मृतक के प्रमाण पत्र की मूल कॉपी आदि जमा करने पड़ते हैं।
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