यूपी में बीजेपी को इंडी गठबंधन ने कड़ी टक्कर दी है। वहीं कुछ सीटें जिनपर बीजेपी जीत को लेकर आश्वस्त थी, उन सीटों पर करारी मात मिली हैं। इनमें से एक सीट फैजाबाद लोकसभा सीट भी है। वहीं फैजाबाद सीट में ही अयोध्या नगरी आती है, जहां भगवान राम का भव्य राम मंदिर बनने के बाद माना जा रहा था, कि इस सीट पर जीत भाजपा के लिए बहुत आसान है लेकिन आज आए परिणामों ने बड़े-बड़े राजनीतिक विश्लेषकों के अनुमानों को भी धराशाई कर दिया। इस सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद 50 हजार वोटों से आगे रहे हैं और उन्होंने कई राउंड में भाजपा के प्रत्याशी लल्लू सिंह को पछाड़ा है। आपको बता दें कि बीजेपी ने लल्लू सिंह को तीसरी बार मौका दिया, वो दो बार से लगातार यहां के सांसद हैं। ये वही लल्लू सिंह है जिन्होंने पूरे विपक्ष को संविधान बदलने का मुद्दा थमा दिया था। लल्लू सिंह ने ही कहा था कि मोदी सरकार को 400 सीट इसलिए चाहिए क्योंकि संविधान बदलना है।
बीजेपी के गढ़ में सपा ने कैसे किया कब्जा
अयोध्या सीट पर इस बार अखिलेश यादव ने नया प्रयोग किया और सामान्य सीट होने के बावजूद अखिलेश यादव ने अयोध्या की सबसे बड़ी दलित आबादी वाली पासी बिरादरी से अपने सबसे मजबूत पासी चेहरे को उम्मीदवार बना दिया। अवधेश पासी छह बार के विधायक मंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से रहे हैं। संख्या के लिहाज से अयोध्या की सबसे बड़ी जाति पासी बिरादरी मानी जाती है। फैजाबाद में सपा के दलित चेहरा उतारने से एक नारा चल पड़ा'अयोध्या में न मथुरा न काशी, सिर्फ अवधेश पासी' माना जा रहा है कि दलित उम्मीदवार के पीछे ना सिर्फ दलित जातियां बल्कि कुर्मी जैसी ओबीसी जातियां भी गोलबंद हो गईं। राम मंदिर निर्माण के बावजूद अखिलेश ने फैजाबाद में ऐसी बिसात बिछाई, जिसने यहां बीजेपी को पछाड़ दिया।
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