Greater Noida: ग्रेटर नोएडा शहर में मोबाइल टॉवर लगाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नीति में बड़ा बदलाव किया है। अब अस्पताल, स्कूल, शॉपिंग सेंटर की छतों पर टावर नहीं लगेंगे। कमर्शियल भवन में टावर लगाने से पहले भी अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही ग्रीन बेल्ट, पार्क और सामुदायिक केंद्र के लिए भी ग्रेटर नोएडा प्राधिरण से अनुमति अनिवार्य कर दिया गया है।
टॉवर लगाने के लिए लीज के बजाय एग्रीमेंट होगा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी के अनुसार, अभी तक शहर में टॉवर स्थापित करने के लिए 90 वर्ष की लीज पर जगह दी जा रही थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। ग्रेनो प्राधिकरण कंपनी को किराये पर जगह देगी, जिसका 20 वर्ष का एग्रीमेंट किया जाएगा। इसके साथ ही मोबाइल टावरों को कमर्शियल और निजी भवनों, औद्योगिक क्षेत्रों, पार्कों और ग्रीन बेल्ट जैसे सार्वजनिक स्थानों में स्थापित किया जा सकेगा। लेकिन जगह चिह्नित करने के बाद कंपनी को मोबाइल टॉवर स्थापित करने के लिए पर्यावरण समेत ऊंची इमारतों के लिए विभिन्न प्रकार के अनापत्ति पत्र और बिल्डिंग के स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। बिल्डिंग की मजबूती के आधार पर ही छत पर टॉवर लगाने की अनुमति प्राधिकरण की ओर से दी जाएगी।
ग्रीन बेल्ट या पार्कों में 25 मीटर जगह टावर के लिए होंगे आवंटित
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि यदि किसी टावर को ग्रीन बेल्ट या पार्कों में स्थापित किया जाना है, तो ऑपरेटरों को टावर बनाने के लिए अधिकतम 25 वर्ग मीटर आवंटित किया जाएगा। जिसे मंजूरी के छह महीने के भीतर चालू करना होगा। ऑपरेटर ही निर्माण का खर्च करेंगे, जिसमें गार्ड रूम, डीजल जनरेटर (डीजी सेट) और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे जैसी सुविधाएं विकसित करना होगा।
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