देबू मोटर्स की ग्रेटर नोएडा में स्थित यूनिट बंद हो गई। जबसे ये कंपनी बंद हुई है तबसे इसमें कुछ ना कुछ गड़बड़ ही हो रहा है। या यूं कहें कि कुछ गिद्ध नजर गाड़े इस ओर बैठे हैं। एक तरफ यहां काम करने वाले 1300 के लगभग कर्मचारी हैं, जो एक दशक से ज्यादा यानि साल 2012 से कंपनी के बाहर अपनी हक की मांग को लेकर आनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। हालांकि इनका मामला कोर्ट में है तो इसका फैसला भी कोर्ट से ही होना है लेकिन इन कर्मचारियों के धरने की वजह से देबू मोटर्स में लाखों प्रकृति की जान सुरक्षित कर ली गई। लेकिन वन माफिया हजारों पेड़ों को चोरी छिपे अब तक काट चुके हैं। यहां पर पेड़ काटने की शिकायत कई बार वन विभाग से की जा चुकी है। वहीं अब इस शिकायत का वन विभाग ने संज्ञान लिया है।

देबू मोटर्स को वन विभाग ने किया सील
वहीं आज वन विभाग ने देबू मोटर्स पर कड़ी कार्रवाई की है। वन विभाग के डीएफओ प्रमोद श्रीवास्तव, नायब तहसीलदार, पुलिस, यूपीसीडा के अधिकारियों की मौजूदगी में देबू मोटर्स को सील कर दिया गया है। दरअसल यहां काफी लंबे समय से पेड़ों की कटाई की जा रही थी। जिसकी लगातार शिकायत मिलने बाद वन विभाग ने मामले का संज्ञान लेते हुए इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। पेड़ों को काटने का आरोप शाकुंतलम लैंडक्रॉफ्ट पर है। आरोप है कि जबसे शाकुंतलम लैंडक्रॉफ्ट ने नियमों की अनदेखी कर इस कंपनी को खरीदी है, तब से लगातार चोरी छिपे पेड़ों की कटाई जारी है। इसकी शिकायत कई बार पहले भी लोगों ने वन विभाग और जिले के बड़े अधिकारियों से की थी।  

बिना आदेश पेड़ों की कटाई के आरोप

देवू मोटर्स कंपनी औद्योगिक सेक्टर इकोटेक-तीन में करीब 1200 बीघे जमीन पर बनी थी। दिवालिया होने के चलते कंपनी बंद हो चुकी है। कई बार इस कंपनी की नीलामी और चुकी है और निरस्त भी हो चुकी है। इस बार नियमों की अनदेखी कर शाकुंतलम लैंडक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड ने इसे खरीदा। हालांकि जिस प्रक्रिया से नीलामी हुई है, उसे लेकर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे थे। जिसके बाद कई कंपनियों ने मामले को कोर्ट के सामने भी रखा है। फिलहाल मामला कोर्ट में होने के चलते शाकुंतलम ग्रुप को यहां कब्जा नहीं मिला है, इसके बावजूद शाकुंतलम ग्रुप के लोगों पर लगातार चोरी-छिपे पेड़ कटवाने के आरोप लगते रहे हैं। कई बार कार्रवाई के बाद भी जब पेड़ों की कटाई नहीं रुकी तो वन विभाग की टीम ने जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में अग्रिम आदेश तक कंपनी को सील कर दिया।  

कंपनी कर्मचारी उपेंद्र खारी की शिकायत का लिया संज्ञान
कंपनी के बाहर अपने हक के लिए लंबे समय से धरना दे रहे कंपनी कर्मचारी उपेंद्र खारी ने पेड़ काटने की शिकायत जिलाधिकारी और वन विभाग से की थी इसके बाद वन विभाग की टीम ने लकड़ी से भरा एक ट्रक कंपनी के अंदर से ही पड़ा था उसको जब कर ले गए थे लेकिन कंपनी की तरफ से किसी ने भी कोई संपर्क नहीं सदा वही उपेंद्र का कहना है कि उसके बाद भी लगातार जबरन तरीके से कुछ लोग कंपनी में रहकर कटाई कर रहे थे जिला प्रशासन की टीम ने आज मौके पर पहुंचकर कंपनी में मौजूद सुरक्षाकर्मी और अन्य लोगों को कंपनी से बाहर निकाल अंतरिम आदेश तक नोटिस देकर सील कर दिया।