हाथरस में नारायण साकार के सत्संग में 122 लोगों की मौत हो गई। वहीं घटना के बाद आरोपी बाबा मैनपुरी जिले के बिछवां स्थित अपने आलीशान आश्रम में आकर छिप गया। वहीं सैकड़ों लोगों की जान लेने वाले बाबा का 29 घंटे बाद एक बयान सामने आया है। बाबा ने चिट्ठी जारी करके मृतकों के प्रति गहरी संवेदनाएं होने की बात कही है। अंग्रेजी में लिखे गए इस संदेश में मृतकों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करने के साथ ही घायलों के जल्द स्वास्थ्य होने की परमात्मा से प्रार्थना की बात लिखी है। घटना के बाद ये पहली बार है जब बाबा का कोई बयान सामने आया है। वहीं ये भी साफ हो गया है कि बाबा बिछवां स्थित आश्रम में ही रुका हुआ है।
डॉ. AP सिंह लड़ेंगे नारायण साकार का केस
बाबा ने अपनी इस चिट्ठी में हाथरस में हुए समागम में कुछ अराजकतत्वों के शामिल होने का आरोप लगाया। बाबा ने कहा है कि इन अराजकतत्वों ने ही भगदड़ कराई। उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. एपी सिंह को अधिकृत किया है। पत्र पर नीचे बाबा का नाम और हस्ताक्षर भी किए गए हैं। वहीं गुरुवार को दोपहर बाद से बिछवां स्थित आश्रम पर बाबा के होने को लेकर भी संशय था। पुलिस भी कुछ साफ बोलने के लिए तैयार नहीं थी लेकिन आश्रम से बाबा द्वारा पत्र जारी किए जाने के बाद ये भी साफ हो गया है कि बाबा आश्रम में ही है।
हाथरस पीड़ितों का सीएम ने जाना हाल
सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को हाथरस पहुंचे जहां उन्होंने यूपी के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी के साथ बैठक की. साथ ही घटना के संबंध में विस्तार से जानकारी ली. उसके बाद सीएम अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से मिलने भी पहुंचे. इस दौरान सीएम योगी ने कहा "कि कुछ लोगों की आदत होती है कि वह दुखद और दर्दनाक घटनाओं में राजनीति ढूंढते हैं. ऐसे लोगों की फितरत होती है…चोरी भी और सीनाजोरी भी. हर व्यक्ति जानता है कि सज्जन की फोटो किनके साथ में है. उनके राजनीतिक संबंध किनके साथ जुड़े हुए हैं." वहीं सीएम योगी पीड़ितों से मिलने के बाद गुस्से में तमतमाए दिखे ऐसे में ये कहना बिल्कुल गलत नहीं है कि अब बाबा की खैर नहीं. सूत्रों की मानें तो हाथरस हादसे को लेकर LIU की रिपोर्ट मांगी जा सकती है. रिपोर्ट के आधार पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
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