Noida: निठारी गांव में साल 2006 में हुए वारदात ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। जब ये मामला सामने आया, उसके बाद एक के बाद एक कई खुलासे हुए, जिसे सुन सबके होश उड़ गये। निठारी से मिले नर कंकाल की जब जांच शुरू, उसके आधार पर पुलिस ने मनिंदर सिंह पढेर और उसके नौकर सुरेंद्र सिंह कोली को गिरफ्तार किया। निठारी कांड में सीबीआई ने 16 मामले दर्ज किए थे। जिसमें से सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में फांसी की सजा मिली। जबकि मनिंदर सिंह पंढेर को 6 मामले दर्ज किए और इनमें से 3 मामलों में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। 

कब और कैसे घटी घटना?

नर कंकाल मिलने के बाद जांच में जो बात सामने आई उसके आधार पर पुलिस ने 29 दिसंबर साल 2006 को मकान मालिक मनिंदर सिंह पढेर और सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया। 30 दिसंबर 2006 को फिर नालों में बच्चों के कंकाल मिले। जिसके बाद 31 दिसंबर को दो बीट कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया। एक जनवरी को हत्याओं को लेकर ग्रामीणों का पुलिस के साथ संघर्ष हुआ। जिसके बाद 5 जनवरी को पुलिस आरोपियों को लेकर नार्को परीक्षण के लिए गांधी नगर ले गई।

जब सीबीआई को सौंपी गई जांच

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया। 11 जनवरी साल 2007 को सीबीआई की टीम निठारी पहुंची। जहां मकान से तीन हड्डियां बरामद की गई। जिसके बाद 12 जनवरी को दोनों आरोपियों से सीबीआई ने पूछताछ शुरू की। जिसके बाद 20 जनवरी यूपी सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में रिपोर्ट दाखिल की। जिसके बाद विशेष सीबीआई अदालत ने पंढेर और सुरेंद्र कोली को 14 दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा।

मानवाधिकार आयोग की भी हुई थी एंट्री

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले के अध्ययन के लिए 12 फरवरी साल 2007 को समिति का गठन किया। 28 फरवरी और 01 मार्च को सुरेंद्र कोली ने दिल्ली में एसीएमएम में अपने इकबालिया बयान दर्ज कराए। जिसकी वीडियोग्राफी भी हुई। 22 मई साल 2007 को सीबीआई ने गाजियाबाद की अदालत में मामले में पहला आरोप पत्र दाखिल किया। मोनिंदर सिंह पंढेर पर हल्के आरोप लगाए गए। सुरिंदर कोली पर बलात्कार, अपहरण और हत्या के आरोप लगाए गए।

जब CBI के खिलाफ कोर्ट पहुंचे थे पीड़ित

एक मई साल 2008 में निठारी हत्याकांड के तीन पीड़ितों ने मुख्य अभियुक्त पंढेर को हत्या और अपहरण के आरोपों से मुक्त कराने को लेकर सीबीआई के खिलाफ अदालत में पहुंचे। जिसके बाद एक मई साल 2007 को गाजियाबाद की अदालत ने सीबीआई को हत्याओं में पंढेर की भूमिका की जांच करने का आदेश दिया। जिसके बाद 6 सितंबर को निठारी हत्याकांड की शिकार एक लड़की के पिता जतिन सरकार का शव बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में नदी से बरामद किया गया। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने एक पीड़ित के रिश्तेदार के आरोपों पर सीबीआई को नोटिस भेजा और आरोप लगाया गया कि सीबीआई पंढेर को बचाने का प्रयास कर रही है। 13 दिसंबर साल 2008 को गाजियाबाद सीबीआई की विशेष अदालत ने मनिंदर सिंह पढेर के खिलाफ दो किशोरियों से बलात्कार और उनकी हत्या के मामले में आरोप तय किये।

साल 2009 में दोनों को ठहराया गया दोषी

12 फरवरी साल 2009 को विशेष सीबीआई न्यायाधीश ने पंढेर और कोली को बलात्कार व हत्या का दोषी ठहराया। 22 दिसंबर साल 2009 को सीबीआई की कोर्ट ने चौथी बार मौत की सजा सुनाई।